ERCP पर राजस्थान-मध्यप्रदेश में बनी सहमति, PKC नदी जोड़ो प्रोजेक्ट से लिंक करने की तैयारी, जनवरी में बनेगा ड्राफ्ट

ERCP Project: पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) पर बुधवार को केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की पहल पर राजस्थान, मध्य प्रदेश और केंद्र सरकार के अधिकारियों की इस मुद्दे पर अहम बैठक हुई. जिसमें ईआरसीपी को पीकेसी नदी जोड़ो योजना से लिंक करने पर चर्चा हुई.

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केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की पहल पर ईआरसीपी के खुले दरवाजे.
नई दिल्ली:

ERCP  Project: राजस्थान में सत्ता बदलते ही पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों की प्यास बुझाने का कार्य युद्धस्तर पर शुरू हो चुका है. इस दिशा में सालों से लंबित चल रहे पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) पर बुधवार को एक अहम फैसला हुआ. केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के निर्देश पर दिल्ली में सचिव देबाश्री मुखर्जी ने राजस्थान और मध्य प्रदेश के अधिकारियों की महत्वपूर्ण बैठक बुलाई, जिसमें ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ईआरसीपी)-पार्वती-कालीसिंध-चंबल (पीकेसी) लिंक परियोजना के समझौता ज्ञापन को अंतिम रूप देने पर अहम चर्चा हुई. इस बैठक में ईआरसीपी के मुद्दे पर राजस्थान-मध्यप्रदेश में सहमित बन गई है.  

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ईआरसीपी-पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना के संशोधित प्लान पर आधारित समझौता ज्ञापन को अंतिम रूप देने के लिए यह बैठक हुई. इसमें गत 27 सितंबर को हुई बैठक में तैयार समझौता ज्ञापन के ड्राफ्ट पर विस्तार से चर्चा हुई. बैठक इस लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है कि क्योंकि इसमें समझौता ज्ञापन के ड्राफ्ट को अंतिम दे दिया गया.

प्रबल संभावना है कि आगामी जनवरी में दोनों राज्य और केंद्र सरकार समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करेंगे. बैठक में सेंट्रल वाटर कमीशन और नेशनल वाटर डेवलपमेंट एजेंसी के अधिकारी भी मौजूद थे. 

मार्च तक डीपीआर पर तैयार कर लिए जाने की संभावना

इस लिंक परियोजना से ना केवल पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों के निवासियों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था होगी, बल्कि औद्योगिक इलाकों के लिए भी पानी आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी. मध्य प्रदेश के मालबा और चंबल रीजन के 2.8 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की सिंचाई भी होगी। यही नहीं, संशोधित प्लान का डीपीआर भी अगले साल मार्च महीने तक तैयार कर लिए जाने की संभावना है.

चुनावी जीत के बाद वादों को पूरा करने में जुटी भाजपा

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चुनाव में मिली जीत के बाद अब राजस्थान में भाजपा की नई सरकार तेजी से अपने चुनावी वायदों को पूरा करने में जुटी है. पेपर लीक मामले में एसआईटी का गठन, अपराध पर कंट्रोल के लिए एंटी गैगस्टर टीम का गठन, एक जनवरी से 450 रुपए में गैस सिलेंडर देने की घोषणा के बाद अब सालों से लंबित चल रहे ईआरसीपी परियोजना के रास्तों की अड़चनें दूर हो रही है. 

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2017 के डीपीआर में 37,247 करोड़ थी लागत राशि

2017 में राजस्थान सरकार की ओर से पेश किए गए डीपीआर के अनुसार ईआरसीपी के लिए 37,247 करोड़ रुपए की लागत राशि बताई गई थी. यह लागत राशि 2014 के हिसाब से तय हुई थी. अब इसकी लागत और बढ़ गई होगी. ईआरसीपी के मुद्दे पर दोनों राज्यों में बनी सहमति के बाद अब राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और मध्यप्रदेश के सीएम मोहन यादव आपस में बैठक कर फाइनल रूपरेखा तैयार करेंगे. इसके बाद ईआरसीपी को लेकर फाइनल एमओयू साइन होगा.

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राजस्थान के इन 13 जिलों को मिलेगा पानी

ईआरसीपी से पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों को पीने और सिंचाई का पानी मिलेगा. करीब दो लाख हेक्टेयर में सिंचाई होगी. इन जिलों में जयपुर, अलवर, भरतपुर, करौली, दौसा, सवाई माधोपुर, टोंक, अजमेर, कोटा, बारां, झालावाड़, धौलपुर और बूंदी शामिल हैं. इस जिलों में इस बार के चुनाव में भाजपा को बढ़त मिली है. ऐसे में अब भाजपा इन जिलों के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने की ओर बढ़ रही है. 

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