राजस्थान : कथित प्रश्नपत्र लीक मामले में 37 आरोपी जोधपुर से गिरफ्तार

पुलिस अधिकारी ने बताया कि पकड़े गए सभी छात्र पहली पाली की परीक्षा देने वाले थे. उन्होंने कहा, ‘‘हमने 10 छात्राओं सहित 30 अभ्यार्थियों और सात अन्य को पकड़ा जो प्रश्न पत्र लीक करने की कोशिश कर रहे थे.’’

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पुलिस अधिकारी ने बताया कि पकड़े गए सभी छात्र पहली पाली की परीक्षा देने वाले थे.(फाइल)
जोधपुर:

राजस्थान पुलिस ने शनिवार को शिक्षक भर्ती के प्रश्न पत्र लीक करने की कथित कोशिश को नाकाम करने के लिए जोधपुर के एक विवाह घर पर छापा मारकर छात्रों सहित 37 लोगों को गिरफ्तार किया. अधिकारियों ने यह जानकारी  दी. उल्लेखनीय है कि राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा दो पालियों में शनिवार को प्रथम स्तर (कक्षा पहली से पांचवी कक्षा के शिक्षक के लिए) और द्वितीय स्तर (छठी से आठवीं कक्षा तक के शिक्षक के लिए) के शिक्षक भर्ती की परीक्षा आयोजित की गई. परीक्षा दो पालियों पूर्वाह्न साढ़े नौ बजे से अपराह्न साढ़े बारह बजे तक और अपराह्न तीन बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक कराई गई.

पुलिस उपायुक्त (पूर्व) अमृता दुहान ने बताया कि गिरफ्तार लोगों के पास से प्राप्त प्रश्नपत्र वास्तविक प्रश्न पत्र से मेल नहीं खा रहे हैं और आगे की जांच की जा रही है.

दुहान ने बताया कि परीक्षा होने से घंटों पहले मंडोर इलाके के उदयगढ़ मैरिज पैलेस पर छापेमारी की कार्रवाई की गई. उन्होंने बताया कि गुप्त सूचना मिली थी कि वहां रह रहे कुछ छात्रों द्वारा प्रश्न पत्र लीक किया गया है.

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पुलिस अधिकारी ने बताया कि पकड़े गए सभी छात्र पहली पाली की परीक्षा देने वाले थे. उन्होंने कहा, ‘‘हमने 10 छात्राओं सहित 30 अभ्यार्थियों और सात अन्य को पकड़ा जो प्रश्न पत्र लीक करने की कोशिश कर रहे थे.''

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पुलिस ने लैपटॉप और प्रिंटर और कुछ पन्ने जब्त किए हैं जिनपर उत्तर लिखे हैं.

गिरोह के सरगना की पहचान ओसियान तहसील के रैमालवाडा निवासी सुरेश थोरी के तौर पर की गई है. पुलिस ने दावा किया कि थोरी ने जालौर निवासी प्रवीण बिश्नोई से 40 लाख रुपये में प्रश्नपत्र खरीदे थे और 10 लाख रुपये का अग्रिम भुगतान किया था.

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दुहान ने बताया कि बिश्नोई फरार है और जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनमें मैरिज हॉल का मालिक और प्रबंधक, कंप्यूटर ऑपरेटर मुकेश जोशी और तीन अन्य हैं जिन्हें प्रश्नपत्र को हल करने की जिम्मेदारी दी गई थी.

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उन्होंने बताया, ‘‘हमने भारतीय दंड संहिता की धारा-420 (धोखाधड़ी) और 120बी (आपराधिक साजिश) के साथ-साथ राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम की धारा-10(2) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है.

दुहान ने बताया कि थोरी ने कथित तौर पर छात्रों को तीन से आठ लाख रुपयें में प्रश्न पत्र देने का सौदा किया था. उन्होंने कहा, ‘‘हम यह भी जांच कर रहे हैं कि क्या थोरी को पता था कि प्रश्न पत्र असली हैं या नकली, साथ ही पता लगा रहे हैं कि पूर्व के प्रश्न पत्र लीक के मामलों से भी उसके तार तो कहीं जुड़े नहीं हैं.''

इसबीच, परीक्षा के चलते जोधपुर में मोबाइल इंटरनेट की सेवा स्थगित कर दी गई थी.

गौरतलब है कि सितंबर 2021 में उस समय हंगामा हुआ था जब राजस्थान शिक्षक अर्हता परीक्षा (रीट) के प्रश्पनपत्र लीक हो गए थे और अंतत: परीक्षा रद्द कर दी गई थी.
 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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