राजा रघुवंशी हत्याकांड ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया है. जिस हनीमून को नवविवाहित जोड़े के लिए जीवन की सबसे खूबसूरत शुरुआत माना जाता था, वह खून से सना एक दर्दनाक अंत बन गया. इस मामले में सामने आए पांच चौंकाने वाले खुलासे ने इस हत्याकांड को और रहस्यमय बना दिया. पहला, हत्या के पीछे पारिवारिक संपत्ति का विवाद सामने आया, जो वर्षों से दबा हुआ था.
क्यों सोनम का भाई भी शक के घेरे में है?
मेघालय पुलिस को शक है कि सोनम के भाई गौरव रघुवंशी की भूमिका भी इस साजिश में संदिग्ध हो सकती है.शिलॉन्ग यात्रा के दौरान होटल बुकिंग और ठहरने की व्यवस्था जिस तरह बदली गई, उसने पुलिस का ध्यान खींचा. सूत्रों के मुताबिक, सोनम और गौरव फोन पर लगातार संपर्क में थे. अब पुलिस कॉल रिकॉर्ड और ट्रांजेक्शन हिस्ट्री खंगाल रही है ताकि यह पता चल सके कि क्या गौरव को इस प्लान की जानकारी थी या वह भी साजिश में शामिल था.
अब तक कौन कौन गिरफ्तार
- पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है
- आकाश राजपूत (19)- ललितपुर, यूपी
- विशाल सिंह चौहान (22)- इंदौर,एमपी
- राज सिंह कुशवाहा (21)- इंदौर, एमपी
- आनंद कुर्मी (23)- सागर, एमपी
जेवर वाली कहानी ने खड़े किए सवाल
सोनम ने हनीमून पर जाते वक्त भारी मात्रा में सोना पहना था. चेन, ब्रेसलेट, अंगूठियां और राजा को भी जेवर पहनाकर ले गई थी. इस बात पर राजा की मां ने भी सवाल उठाया था कि कौन हनीमून ट्रिप पर इतना जेवर लेकर जाता है? राजा ने अकेले 10 लाख रुपये से अधिक के गहने पहने थे. शक यह है कि हत्या के बाद सोनम जेवर हत्यारों के जरिए वापस मंगवाना चाहती थी। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि ये जेवर कहां हैं और क्या यह हत्या का एक आर्थिक मकसद भी था.
हनीमून का टिकट करवाया, वापसी का नहीं
मेघालय पुलिस की जांच में यह चौंकाने वाली बात सामने आई कि सोनम ने तो जाने का टिकट खुद कराया था लेकिन वापसी का कोई टिकट बुक नहीं कराया गया था. इसका मतलब साफ है कि योजना एकतरफा थी. यह सिर्फ एक हनीमून ट्रिप नहीं, बल्कि राजा रघुवंशी की मौत की एक सुनियोजित योजना थी. सोनम ने राजा को मेघालय के एक दुर्गम इलाके में ले जाकर हत्या करवाई ताकि न कोई गवाह हो और न आसानी से सुराग मिले. लेकिन पुलिस की सतर्कता ने इस प्लान को बेनकाब कर दिया.
जंगल में ले जाने की प्लानिंग भी सोनम की थी
मेघालय पुलिस का दावा है कि सोनम ने ही हनीमून के बहाने राजा को ऐसे इलाकों में घुमाने का प्लान बनाया, जो दुर्गम और सुनसान थे. वह जानती थी कि वहां पहुंचने के बाद राजा असहाय होगा और हमला आसान होगा. सोनम ने लोकेशन के चयन से लेकर वहां जाने की तारीख तक सबकुछ बड़ी बारीकी से तय किया था. पुलिस को शक है कि वह पहले से रेकी कर चुकी थी और हत्यारों को भी रास्ता समझा चुकी थी. यह हत्या सहज नहीं बल्कि एक माइक्रो-प्लांड क्राइम था.
फोन पर बहलाने की स्क्रिप्ट पहले से तय थी?
हत्या से ठीक पहले तक सोनम फोन पर राजा से मीठी-मीठी बातें करती रही. कॉल डिटेल से पता चला कि हत्या के दिन भी वह बार-बार राजा से संपर्क में थी और उसे झूठे दिलासे देती रही. पुलिस को शक है कि यह सब पहले से स्क्रिप्टेड था ताकि राजा को किसी अनहोनी का अंदेशा न हो. अब पुलिस सोनम के फोन की रिकॉर्डिंग और चैट्स को फॉरेंसिक जांच के लिए भेज चुकी है, ताकि यह साबित हो सके कि उसकी भावनाएं नकली थीं और वह सिर्फ समय खींच रही थी, ताकि हत्यारे सही वक्त पर हमला कर सकें.
राज कुशवाहा अंतिम संस्कार में भी मौजूद था!
यह सबसे चौंकाने वाली बात है कि जिस राज कुशवाहा पर हत्या की साजिश का आरोप है, वह इंदौर में राजा रघुवंशी के अंतिम संस्कार में भी शामिल हुआ था. वह वहां मौजूद था, जैसे कुछ हुआ ही नहीं. यह किसी भी आम इंसान के लिए असहनीय विडंबना है कि हत्यारा ही मृतक की चिता के पास खड़ा होकर शोक जता रहा था. पुलिस के लिए यह सुराग बेहद अहम है, क्योंकि इससे उसकी हिम्मत और पूरे प्लान की गंभीरता का अंदाजा लगता है. यह दिखाता है कि साजिश सिर्फ हत्या तक सीमित नहीं थी, बल्कि सबूत मिटाने और शक से बचने का भी हिस्सा थी.