रेलवे (Railway) ने अपनी दुर्घटना जांच प्रक्रिया को उन्नत करने का निर्णय लिया है जिसके लिए वह जापान द्वारा विकसित इशिकावा (फिशबोन) आरेख जैसे उद्योग-मानक कारक एवं प्रभाव विश्लेषण तकनीकों और ऐसे अन्य उपकरणों को शामिल करेगा. रेलवे बोर्ड (Railway Board) द्वारा बुधवार को जारी एक आदेश में कहा गया है कि फिशबोन तकनीक और ‘पांच-क्यों' विश्लेषण जैसे अन्य उपकरण मूल कारण का बेहतर निर्धारण करेंगे और इस तरह, बार-बार दुर्घटना होने की आशंका को कम करेंगे. इन दोनों तकनीकों को जापान (Japan) ने विकसित किया है और विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक रूप से प्रभावों एवं कारणों को देखने और समस्या के समाधान के लिए व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है.
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आदेश में कहा गया, “दुर्घटना जांच समितियों को दुर्घटना जांच प्रक्रिया के तहत परिणामी दुर्घटनाओं के सभी मामलों में मूल कारणों की पहचान के लिए फिशबोन विश्लेषण करना चाहिए और उसके आधार पर सुधारात्मक उपायों की सिफारिश करनी चाहिए.” उसमें कहा गया, “इसके अलावा, एसपीएडीएस (जोखिम वाले स्थान पर सिग्नल पार करने) के मामले में, दुर्घटना जांच की तीक्ष्णता में सुधार के लिए ‘5-क्यों' मूल-कारण विश्लेषण किया जा सकता है.
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दुर्घटना जांच रिपोर्ट को मंजूरी देने वाले प्राधिकारी को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया जा सकता है कि उपरोक्त वर्णित मूल-कारण विश्लेषण तकनीकों का उपयोग बिना किसी विफलता के संबंधित मामलों में किया जाता है.” उसमें यह भी कहा गया कि इन तकनीकों को शुरू करने के लिए इसमें शामिल अधिकारियों और कर्मियों के प्रशिक्षण की आवश्यकता हो सकती है, जिसे रेलवे मंडलों को अपनी तरफ से आयोजित किया जाना है.
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