रेल मंत्री ने मुंबई की लोकल ट्रेन में किया सफर और वड़ा पाव खाया, पर यात्री हो गए नाराज

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को मुंबई रेल नेटवर्क के ठाणे और दिवा स्टेशनों के बीच दो रेलवे लाइन के निरीक्षण के लिए एक लोकल ट्रेन से यात्रा की. रेलवे स्टेशन के बाहर एक स्टॉल पर उन्होंने वड़ा पाव भी खाया.

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Ashwini Vaishnav ने मुंबई Local Train में किया सफर
मुंबई:

बड़ी राजनीतिक हस्तियों का आम लोगों के बीच यात्रा करना और उनका हालचाल लेना सियासत में नया ट्रेंड बन गया है. इसे सराहा भी जाता है, लेकिन कभी-कभी ऐसा वीआईपी मूवमेंट परेशानी का सबब भी बन जाता है. दरअसल, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Railway Minister Ashwini Vaishnaw) ने शुक्रवार को मुंबई की लोकल ट्रेन में बीजेपी के कई नेताओं के साथ आम यात्रियों के बीच यात्रा की. उन्होंने वड़ा पाव का आनंद लेने के साथ चाय की चुस्कियां भी लीं, लेकिन उनके लोकल ट्रेन में सफर करने से भारी भीड़ जुट गई. तमाम यात्री ट्रेन में चढ़ नहीं पाए और जो पहले ही ट्रेन में थे, उन्होंने गंतव्य पर न उतर पाने की शिकायत भी की. 

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को मुंबई रेल नेटवर्क के ठाणे और दिवा स्टेशनों के बीच दो रेलवे लाइन के निरीक्षण के लिए एक लोकल ट्रेन से यात्रा की. रेलवे स्टेशन के बाहर एक स्टॉल पर उन्होंने वड़ा पाव भी खाया. वैष्णव शुक्रवार सुबह एक कार्यक्रम के लिए पहुंचे, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ठाणे और दिवा को जोड़ने वाली नवनिर्मित रेलवे लाइन का डिजिटल तरीके से उद्घाटन करने वाले हैं. पीएम दो उपनगरीय ट्रेनों को भी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे.

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रेल मंत्री दोपहर करीब 1 बजे ठाणे स्टेशन पर मध्य रेलवे द्वारा संचालित लोकल ट्रेन में सवार हुए और दिवा स्टेशन तक गए. द्वितीय श्रेणी के डिब्बे में यात्रा करने के दौरान और दिवा स्टेशन पर भी मंत्री ने यात्रियों के साथ बात की. वैष्णव के साथ लोकल ट्रेन में रेल राज्य मंत्री रावसाहेब दानवे, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वी के त्रिपाठी और अन्य अफसर भी थे.

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रेलवे अधिकारियों ने कहा कि दिवा स्टेशन पर कुछ देर के रुकने के बाद वो एक विशेष निरीक्षण कोच से ठाणे लौट गए. अधिकारियों ने बताया कि वैष्णव ने ठाणे रेलवे स्टेशन के बाहर सड़क किनारे एक स्टॉल पर वड़ा पाव खाया और चाय पी. दिवा स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 1 पर अफरातफरी मच गई, क्योंकि उस समारोह को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए, जिसमें मंत्रियों ने हिस्सा लिया.

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रेल यात्रियों ने बाद में शिकायत की कि वे अधिक भीड़ के कारण ट्रेन में सवार नहीं हो पाए, कुछ अन्य ट्रेन से उतर नहीं पाए. लोकल ट्रेनों को मुंबई की लाइफ लाइन माना जाता है. कोरोना की वजह से यात्रा प्रतिबंधों के चलते मौजूदा में करीब 60 लाख यात्री रोजाना इन ट्रेनों का उपयोग करते हैं. महामारी से पहले लोकल ट्रेनों के जरिये 75 लाख से अधिक यात्री यात्रा करते थे.

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