कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ए. के. एंटनी ने शुक्रवार को यहां कहा कि राहुल गांधी एक दृढ़निश्चयी और साहसी नेता हैं, जो अपने रास्ते में आने वाली किसी भी विपरीत परिस्थिति में अपने फैसले से विचलित नहीं होते हैं. एंटनी ने कहा कि राहुल गांधी को अपने पिता राजीव गांधी की तरह ही राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं थी. उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री बनने के लिए नहीं, बल्कि भारतीय संविधान की बुनियादी संरचना की रक्षा के लिए भाजपा के खिलाफ लड़ रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘वह भारत में सबसे भरोसेमंद और विश्वसनीय नेता बनते जा रहे हैं.'' एंटनी कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर एक अनुभवी पत्रकार एन. अशोकन द्वारा लिखी गयी एक किताब के विमोचन के मौके पर बोल रहे थे.
एंटनी ने यहां इंदिरा भवन में आयोजित कार्यक्रम में अपने राजनीतिक जीवन के शुरुआती दिनों को याद करते हुए इस बात का जिक्र किया कि कैसे वह नेहरू परिवार के करीब आए. उन्होंने राहुल गांधी से संबंधित अपनी यादें भी साझा कीं.
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्होंने पहली बार राहुल गांधी को 'शक्ति स्थल' स्मारक पर देखा था, जब वह अपनी दादी इंदिरा गांधी की हत्या के बाद दिल्ली के राजघाट पर श्रद्धांजलि सभा में पहुंचे थे.
एंटनी ने कहा कि नेहरू परिवार देश के लिए अपना जीवन बलिदान करने के लिए जाना जाता है और इंदिरा गांधी एवं उनके बेटे राजीव, दोनों इसके उदाहरण हैं.
उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी ने यह जानने के बाद भी अपने सिख अंगरक्षकों को हटाने से इनकार कर दिया था कि अंगरक्षकों से उनकी जान को खतरा है. एंटनी ने कहा, ‘‘उन्होंने (श्रीमती इंदिरा गांधी ने) हमारे देश की धर्मनिरपेक्षता की रक्षा के लिए अपनी जान की बाजी लगा दी.''
उन्होंने यह भी कहा कि राजीव गांधी को उनकी पत्नी सोनिया गांधी ने राजनीतिक जीवन में प्रवेश न करने तथा कांग्रेस नेतृत्व की कमान न संभालने की सलाह दी थी, लेकिन उन्होंने ऐसा किया और बाद में उनकी भी दुखद मृत्यु हो गई.
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