उसके डर पर हंसी आती है : पेगासस विवाद पर राहुल गांधी का वार

वहीं इस पूरे मामले पर गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को ट्वीट करके कहा था कि विघटनकारी और अवरोधक शक्तियां अपने षड्यंत्रों से भारत की विकास यात्रा को नहीं रोक पाएंगी.

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नई दिल्ली:

 पेगासस विवाद को लेकर संसद में और बाहर दोनों जगह विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी में है. वहीं सरकार भी इस मामले पर अपना पक्ष रख रही है.  कांग्रेस के नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने भी इसे लेकर ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा है कि उसके डर पर हंसी आती है. वहीं इस पूरे मामले पर गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को ट्वीट करके कहा था कि विघटनकारी और अवरोधक शक्तियां अपने षड्यंत्रों से भारत की विकास यात्रा को नहीं रोक पाएंगी. मॉनसून सत्र देश में विकास के नए मापदंड स्थापित करेगा. यह आरोप लगाते हुए कि रिपोर्ट संसद में व्यवधान पैदा करने के लिए थी, उन्होंने एक फ्रेज भी इस्तेमाल किया जिसका उनके आलोचक अक्सर उन्हें निशाना बनाने के लिए इस्तेमाल करते हैं: "आप क्रोनोलॉजी समझिए''. उन्होंने कहा, इस वाक्य को अक्सर लोग हल्के-फुल्के अंदाज में मेरे साथ जोड़ते रहे हैं, लेकिन आज मैं गंभीरता से कहना चाहता हूं- इस तथाकथित रिपोर्ट के लीक होने का समय और फिर संसद में ये व्यवधान...आप क्रोनोलोजी समझिये!

बता दें कि पेगासस विवाद को लेकर सोमवार से शुरू हुए संसद के मॉनसून सत्र के पहले दिन दोनों सदनों में खूब हंगामा हुआ जिसके चलते दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी थी. 

गौरतलब है कि पेगासस स्पाइवेयर मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर और दो मंत्रियों को भी कथ‍ित तौर पर निशाना बनाया गया है. इन मंत्रियों में अश्विनी वैष्णव और प्रह्लाद पटेल का नाम सामने आया है. द वायर की रिपोर्ट के मुताबिक, लीक हुए डेटा में 300 भारतीय मोबाइल नंबर शामिल हैं, जिनमें 40 मोबाइल नंबर भारतीय पत्रकारों के हैं. इनके अलावा तीन बड़े विपक्षी नेता, मोदी सरकार में दो केंद्रीय मंत्री, सुरक्षा एजेंसियों के मौजूदा- पूर्व प्रमुख और अधिकारी, बिजनेमैन शामिल हैं. रिपोर्ट में यह भी बताया गया था कि इन नंबरों को 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले 2018-2019 के बीच निशाना बनाया गया था.

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