कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार (Narendra Modi Government) के खिलाफ हमलावर रुख अख्तियार कर रखा है. कोरोना टीकाकरण अभियान हो या कोरोना महामारी को नियंत्रित करने में सरकार की कथित नाकामी, जरूरी दवाओं की कालाबाजारी या फिर ईंधन की कीमतों में लगातार इजाफे का मामला, राहुल ने सरकार को हर मुद्दे पर आड़े हाथ लिया है. राहुल ने सोमवार को एक ट्वीट करके फिर सरकार पर निशाना साधा. अपने ट्वीट में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार की ओर से दिए गए हलफनामे की खबर पोस्ट की है, जिसमें सरकार ने कहा है कि दिसंबर तक उसे कोरोना वैक्सीन की 135 करोड़ डोज मिलेंगी. गौरतलब है कि पूर्व में केंद्र सरकार की ओर से ही 31 दिसंबर 2021 तक देश को 216 करोड़ से ज्यादा डोज का वादा किया गया था. केंद्र के इस हलफनामे को सरकार की ओर से वैक्सीन उत्पादन के मामले में यू-टर्न बताया जा रहा है. राहुल ने इसी को लेकर तंज कसते हुए ट्वीट में लिखा है- देश को उनसे सच्चाई की थी उम्मीद जो नहीं जानते सच क्या है!.
अपने इस ट्वीट के साथ उन्होंने VaccineJumla हैशटैग का इस्तेमाल भी किया है. राहुल ने इससे पहले पीएम के मन की बात कार्यक्रम को लेकर भी एक ट्वीट किया था. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा था-काम की बात सिर्फ़ एक- वैक्सीन की कमी ख़त्म करो!बाक़ी सब ध्यान भटकाने के बहाने हैं.
इससे पहले राहुल गांधी ने कोरोना वायरस (Coronavirus) पर व्हाइट पेपर जारी करने के बाद शु्क्रवार को मोदी सरकार से डेल्टा प्लस वेरिएंट (Delta Plus Variant) को लेकर सवाल पूछे थे. राहुल गांधी ने सरकार से पूछा था कि कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट की जांच और रोकथाम के लिए बड़े स्तर पर टेस्टिंग क्यों नहीं हो रही है? साथ ही इस वेरिएंट पर वैक्सीन कितनी प्रभावशाली है, इसकी जानकारी कब मिलेगी. राहुल ने ट्वीट में कहा, " डेल्टा प्लस वेरिएंट पर मोदी सरकार से प्रश्न- इसकी जांच व रोकथाम के लिए बड़े स्तर पर टेस्टिंग क्यों नहीं हो रही? वैक्सीन इसपर कितनी प्रभावशाली हैं व पूरी जानकारी कब मिलेगी? तीसरी लहर में इसे नियंत्रित करने का क्या प्लान है?"