'राहुल गांधी ने कहा कि मुझे कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव जरूर लड़ना चाहिए': शशि थरूर

खड़गे और थरूर कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में उम्मीदवार हैं. यदि पार्टी के इन दोनों नेताओं में से कोई भी अपना नामांकन वापस नहीं लेते हैं, तो 17 अक्टूबर को मतदान होगा.

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शशि थरूर ने कहा कि राहुल गांधी ने कहा कि मुझे चुनाव लड़ना चाहिए, (फ़ाइल)
तिरुवनंतपुरम:

तिरुवनंतपुरम के सांसद और कांग्रेस अध्यक्ष पद के उम्मीदवार शशि थरूर ने दावा किया है कि पार्टी के कुछ नेताओं ने राहुल गांधी से उनकी उम्मीदवारी वापस लेने के लिए कहा था. चुनाव प्रचार के लिए केरल में मौजूद शशि थरूर ने कहा कि राहुल गांधी ने कहा कि वह मुझे उम्मीदवारी वापस लेने के लिए नहीं कहेंगे, क्योंकि चुनाव से सबसे पुरानी पार्टी को फायदा होगा.

थरूर ने कहा, 'राहुल गांधी ने मुझे याद दिलाया कि वह पिछले 10 साल से ऐसा कहते आ रहे हैं कि पार्टी अध्यक्ष पद के लिए मुकाबला होना चाहिए.'

तिरुवनंतपुरम के सांसद ने कहा, "उन्होंने मुझे यह भी बताया कि कुछ लोगों ने उनसे मेरी उम्मीदवारी वापस लेने का अनुरोध करने के लिए कहा है. उन्होंने मुझसे कहा कि वह ऐसा नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि मुझे पीछे नहीं हटना चाहिए और मुझे चुनाव लड़ना चाहिए."

इससे पहले दिन में, उन्होंने कहा कि उन्हें कभी भी पार्टी के बड़े नेताओं से समर्थन की उम्मीद नहीं की थी और अब भी नहीं करते हैं, लेकिन उन्हें सभी लोगों के साथ की जरूरत है. चुनाव प्रचार के लिए केरल पहुंचे थरूर ने यह बयान ऐसे समय पर दिया है जब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के. सुधाकरन ने सार्वजनिक रूप से यह घोषणा की है कि वह थरूर के प्रतिद्वंद्वी मल्लिकार्जुन खड़गे का समर्थन करेंगे.

तिरुवनंतपुरम से लोकसभा सदस्य थरूर ने संवाददाताओं से कहा कि वह चुनाव से पीछे हटकर उन लोगों के साथ विश्वासघात नहीं करना चाहते जो अब तक उनका समर्थन करते आ रहे हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘मैं पार्टी के बड़े नेताओं से किसी तरह के समर्थन की उम्मीद नहीं कर रहा था और अब भी नहीं कर रहा हूं. वास्तव में, पिछले दिनों मैंने नागपुर, वर्धा और हैदराबाद में पार्टी के कार्यकर्ताओं से मुलाकात की थी. कार्यकर्ता मुझसे चुनाव लड़ने और इससे पीछे नहीं हटने के लिए कह रहे हैं.''

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थरूर का कहना था, ‘‘मैंने उन्हें भरोसा दिलाया है कि मैं पीछे नहीं हटूंगा. मैं उन लोगों के साथ विश्वासघात नहीं करूंगा, जिन्होंने अब तक मेरा समर्थन किया है. मुझपर उनका जो विश्वास है वही मुझे आगे बढ़ने की ताकत देता है.''

कांग्रेस सांसद के अनुसार, उनके ज्यादातर समर्थक युवा नेता हैं और पार्टी कार्यकर्ता हैं, हालांकि उन्हें हर किसी के समर्थन की जरूरत है.

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यह पूछे जाने पर कि क्या सुधाकरन की टिप्पणी उन लोगों को हतोत्साहित करने के लिए है जो उनका समर्थन कर रहे हैं, तो थरूर ने कहा, ‘‘हो सकता है. लेकिन मैं ऐसा नहीं कर रहा हूं. मैं यह नहीं बता सकता कि लोगों के दिमाग में क्या चल रहा है. मैं सिर्फ एक चीज कहूंगा कि चाहे कोई कुछ गुप्त रूप से कहे या सार्वजनिक रूप से कहे, मतदान गोपनीय है.''

उन्होंने कहा, ‘‘कोई नहीं जान पाएगा कि किसने किसे वोट दिया. लोग अपनी मर्जी और विश्वास के अनुसार मतदान कर सकते हैं. वे फैसला कर सकते हैं कि वे पार्टी को मजबूत करने और भविष्य की चुनौतियों का मुकाबला करने की खातिर इसे तैयार करने के लिए किसे चुनना चाहते हैं.''

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थरूर का यह भी कहना था कि सुधाकरन ने संभवत: अपने निजी फैसले और प्राथमिकता के बारे में बताया है और इसमें कुछ गलत भी नहीं है. उनके अनुसार, सुधाकरन किसी को निर्देशित नहीं कर सकते, क्योंकि पार्टी की ओर से जारी दिशानिर्देश में स्पष्ट किया गया है कि कोई पदाधिकारी किसी उम्मीदवार का प्रचार नहीं करेगा.

कांग्रेस के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण ने सोमवार को जारी दिशानिर्देश में कहा था कि अध्यक्ष पद के चुनाव में यदि पार्टी का कोई पदाधिकारी किसी उम्मीदवार के पक्ष या विरोध में प्रचार करना चाहता है तो उसे पहले संगठन की जिम्मेदारी छोड़नी होगी.

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खड़गे और थरूर कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में उम्मीदवार हैं. यदि पार्टी के इन दोनों नेताओं में से कोई भी अपना नामांकन वापस नहीं लेते हैं, तो 17 अक्टूबर को मतदान होगा, जिसमें 9,000 से अधिक डेलीगेट (निर्वाचक मंडल के सदस्य) मतदान करेंगे. मतगणना 19 अक्टूबर को होगी.

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