एस जयशंकर के सामने इंग्लैंड वाले बयान पर संसदीय समिति की बैठक में राहुल गांधी ने रखा अपना पक्ष

कई विपक्षी सांसदों ने राहुल गांधी के लंदन यात्रा के दौरान की गई उनकी टिप्पणियों के संदर्भ में बैठक में स्पष्टीकरण देने या अपना बचाव करने के अधिकार का समर्थन किया.

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एस जयशंकर के सामने इंग्लैंड वाले बयान पर संसदीय समिति की बैठक में राहुल गांधी ने अपना पक्ष रखा.
नई दिल्ली:

एक संसदीय पैनल की बैठक में शनिवार को राहुल गांधी ने लंदन में अपने भाषण के बारे में विस्तार से बात की. भाजपा ने आरोप लगाया कि उन्होंने विदेश में लोकतंत्र पर सवाल उठाकर देश का अपमान किया है. सूत्रों के अनुसार, वायनाड के सांसद ने इस पर कहा कि उन्होंने केवल भारत के लोकतंत्र के बारे में सवाल उठाए, और इसके लिए उन्हें "राष्ट्र-विरोधी" करार नहीं दिया जा सकता. विदेश मंत्रालय की अध्यक्षता वाली एक संसदीय सलाहकार समिति में, राहुल गांधी ने यह भी कहा कि उन्होंने किसी अन्य देश को इस मामले में हस्तक्षेप करने के लिए नहीं कहा है.

विपक्षी सांसदों ने किया समर्थन
सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने उपस्थित नेताओं से कहा कि उनका मानना ​​है कि यह एक आंतरिक मामला है और वे इसे सुलझा लेंगे. बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी भाग लिया था. बैठक का उद्देश्य भारत की G20 अध्यक्षता पर चर्चा करना था. बैठक की शुरुआत में एस जयशंकर ने समिति के सदस्यों को जी20 की अध्यक्षता पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी. राहुल गांधी शुरुआती दौर में नहीं बोले. एक सांसद के मामला उठाने के बाद उन्होंने प्रतिक्रिया दी. राहुल गांधी की टिप्पणियों का भाजपा सांसदों ने यह कहते हुए विरोध किया कि इस विषय पर बोलने के लिए यह उपयुक्त मंच नहीं है. बैठक में मौजूद कुछ अन्य सांसदों ने भी भाजपा सांसद द्वारा दिए गए तर्क का समर्थन किया, जबकि कई विपक्षी सांसदों ने राहुल गांधी के लंदन यात्रा के दौरान की गई उनकी टिप्पणियों के संदर्भ में बैठक में स्पष्टीकरण देने या अपना बचाव करने के अधिकार का समर्थन किया.

विदेश मंत्री ने विषय पर बोलने को कहा
सूत्रों ने आगे कहा कि भाजपा के कुछ सांसदों ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि आपातकाल भारत के लोकतंत्र पर सबसे बड़ा धब्बा है और कुछ लोग भारत की जी20 अध्यक्षता से ध्यान हटाने की कोशिश कर रहे हैं. गरमागरम बहस के बीच, एस जयशंकर ने राहुल गांधी को इन बयानों का जवाब देने से रोक दिया और सभी नेताओं से संसद में ये बातें कहने को कहा. उन्होंने राहुल गांधी से केवल समिति के विषय पर बोलने को कहा, न कि राजनीतिक विषयों पर. आपको बता दें कि लंदन में राहुल गांधी द्वारा की गईं टिप्पणियों पर भारी विवाद छिड़ गया है. कम से कम चार केंद्रीय मंत्रियों ने संसद के अंदर और बाहर उनसे माफी की मांग की है.

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दोनों सदनों में हंगामा
बजट सत्र का पहला हफ्ता दोनों सदनों में विरोध और नारेबाजी के कारण नहीं चला. भाजपा राहुल गांधी से माफी की मांग कर रही है तो विपक्ष अडाणी समूह के खिलाफ अमेरिकी शॉर्टसेलर हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) पर अड़ा हुआ है. कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में राहुल गांधी ने कहा था कि भारतीय लोकतंत्र दबाव में है और विपक्ष की आवाजों को दबाया जा रहा है.

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