1984 में हुए सिख विरोधी दंगों को लेकर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि इस तरह की 'गलतियां' हुई हैं. ये चीजें तब हुई है जब मैं उस दौरान नहीं था. हालांकि, उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी से पहले जो कुछ भी गलत हुआ है उसकी जिम्मेदारी लेने में मुझे कोई दिक्कत नहीं है.
आपको बता दें कि दो हफ़्ते पहले राहुल गांधी अमेरिका में ब्राउन यूनिवर्सिटी के वाटसन इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल एंड पब्लिक अफेयर्स गए हुए थे. यूनिवर्सिटी में एक सवाल-जवाब सत्र के दौरान, एक सिख युवक ने राहुल गांधी के पहले के बयान का हवाला देते हुए उनसे सवाल पूछे. उस युवक ने उनसे कहा कि भारत में लड़ाई इस बात पर है कि क्या सिख को पगड़ी पहनने की अनुमति दी जाएगी, क्या सिख को कड़ा पहनने की अनुमति दी जाएगी या गुरुद्वारा जाने की अनुमति दी जाएगी.
उस युवक ने राहुल गांधी से पूछा कि आप सिखों में यह डर पैदा करते हैं कि भाजपा कैसी दिखेगी, आपने कहा कि राजनीति में निडरता होनी चाहिए. हम सिर्फ कड़ा पहनना नहीं चाहते. हम सिर्फ पगड़ी बांधना नहीं चाहते, हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता चाहते हैं, जो अतीत में कांग्रेस पार्टी के शासन में नहीं दी गई.
उस युवक ने इस दौरान आनंदपुर साहिब प्रस्ताव में दलित अधिकारों की बात भी की गई. हालांकि उसने अलगाववाद का कोई जिक्र नहीं है. उसने कहा कि यह कुछ ऐसा है जो आपकी पार्टी ने किया है, आपकी पार्टी में अपनी गलतियों को स्वीकार करने की परिपक्वता की कमी है. सिख व्यक्ति ने पूर्व कांग्रेस नेता सज्जन कुमार का जिक्र किया, जिन्हें 1984 के दंगों से जुड़ी हत्या के लिए दोषी ठहराया गया है. और कहा कि कांग्रेस पार्टी में कई और सज्जन कुमार बैठे हैं. आप हमें 'बीजेपी इंडिया' के दिखने से डरने के लिए कहते हैं,लेकिन आपने सिखों के साथ सामंजस्य स्थापित करने की कोशिश नहीं की. आप क्या प्रयास कर रहे हैं, क्योंकि अगर आप इसी तरह चलते रहे, तो बीजेपी पंजाब में भी अपना रास्ता बना लेगी.
युवक के सवालों के जवाब में राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि सिखों को किसी बात से डर लगता है. मैंने जो बयान दिया था वह यह था कि क्या हम ऐसा भारत चाहते हैं जहां लोग अपने धर्म को व्यक्त करने में असहज हों? जहां तक कांग्रेस पार्टी की गलतियों का सवाल है, उनमें से बहुत सी गलतियां तब हुईं जब मैं वहां नहीं था, लेकिन मैं कांग्रेस पार्टी द्वारा अपने इतिहास में की गई हर ग़लती की ज़िम्मेदारी लेने में बहुत खुश हूं. मैंने सार्वजनिक रूप से कहा है कि 80 के दशक में जो हुआ वह ग़लत था, मैं कई बार स्वर्ण मंदिर गया हूं, भारत में सिख समुदाय के साथ मेरे बहुत अच्छे संबंध हैं.