"जख्मों को भरने में कई साल लगेंगे.." : मणिपुर हिंसा पर राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कहा कि मैंने देखा कि वहां क्या हुआ और मणिपुर के लोगों के साथ क्या किया गया. अपने 19 साल के राजनीतिक जीवन में मैंने कभी ऐसा अनुभव नहीं किया, जो मणिपुर में अनुभव किया.

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राहुल गांधी ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि मणिपुर में तुरंत हिंसा रोकी जाए.
कोझिकोड (केरल) :

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को कहा कि पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में जारी हिंसा परेशान करने वाली है और इसे तुरंत रोकने की जरूरत है. वायनाड से सांसद गांधी राहुल ने कहा कि मणिपुर में हिंसा विभाजन, नफरत और गुस्से की एक विशेष प्रकार की राजनीति का सीधा परिणाम है. कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘इसलिए, एक परिवार के रूप में सभी को एक साथ रखना महत्वपूर्ण है.'' केरल की दो-दिवसीय यात्रा पर आए गांधी रविवार की रात दिल्ली लौट जाएंगे. गांधी ने कहा कि सभी को न केवल मणिपुर का जख्म भरने में मदद करने के लिए एक साथ आना होगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना होगा कि इस तरह की राजनीति न फैले और इसे तुरंत रोका जाए. 

यहां कोडेनचेरी में सेंट जोसेफ हाईस्कूल ऑडिटोरियम में सामुदायिक दिव्यांगता प्रबंधन केंद्र (सीडीएमसी) की आधारशिला रखने के बाद गांधी ने कहा कि जब से उन्होंने मणिपुर का दौरा किया तब से वह परेशान हैं. उन्होंने कहा, ‘‘मैंने देखा कि वहां क्या हुआ और मणिपुर के लोगों के साथ क्या किया गया. अपने 19 साल के राजनीतिक जीवन में मैंने कभी ऐसा अनुभव नहीं किया, जो मणिपुर में अनुभव किया.''

उन्होंने कहा, ‘‘यह ऐसा है मानो एक व्यक्ति को दो टुकड़ों में विभक्त कर दिया गया हो. यह ऐसा है जैसे किसी ने भारत संघ के एक पूरे राज्य को तोड़ दिया हो. हिंसा, बलात्कार और हत्याएं जारी हैं. इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि (मणिपुर में) तुरंत हिंसा रोकी जाए.''

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गांधी ने कहा कि हिंसा के परिणामस्वरूप जख्मों को ठीक होने में कई साल लगेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘दुख और गुस्सा इतनी आसानी से दूर नहीं होगा.''

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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि मणिपुर में हिंसा उनके लिए एक सबक है कि जब आप किसी राज्य में विभाजन, नफरत और गुस्से की राजनीति करते हैं, तो क्या होता है. 

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उन्होंने कहा, ‘‘यह एक विशेष प्रकार की राजनीति का प्रत्यक्ष परिणाम है जहां आप देश को विभाजित करते हैं और नफरत तथा गुस्सा फैलाते हैं. इसलिए, सभी को परिवार के रूप में एक साथ रखना महत्वपूर्ण है.''

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वायनाड के सांसद के रूप में अपनी सदस्यता बहाल होने के बाद गांधी पहली बार केरल के दौरे पर शनिवार को आए. 

मणिपुर में हिंसा के बारे में अपने विचार साझा करने से पहले, उन्होंने सीडीएमसी के बारे में बात की और बताया कि यह कैसे दिव्यांग बच्चों की मदद करेगा. गांधी ने कहा कि हर किसी में एक विशेष योग्यता या अनोखी शक्ति होती है जिसे समाज उन्हें प्रकट नहीं करने देता. उन्होंने कहा, ‘‘इस प्रकार के केंद्रों को ऐसे बच्चों की अनोखी शक्तियों को खोजने का प्रयास करना चाहिए.''

वायनाड के सांसद ने यह भी कहा कि केंद्र दिव्यांग बच्चों के संबंध में ‘‘शीघ्र हस्तक्षेप, उपचार और पुनर्वास'' करेगा. कांग्रेस नेता ने कहा कि वह अपनी सांसद निधि से सीडीएमसी को 55 लाख रुपये देकर खुश और सम्मानित महसूस कर रहे हैं तथा भविष्य में किसी भी तरह से उनकी मदद करने के लिए तत्पर हैं. 

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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