कांग्रेस नेता राहुल गांधी बुधवार को पुदुच्चेरी गए थे. यहां वो मुख्यमंत्री वी नारायणसामी के साथ अहम मछुआरा समुदाय के लोगों से मुलाकात करने पहुंचे थे, लेकिन यहां पर एक अजीब वाकया हुआ है. एक महिला ने मुख्यमंत्री के खिलाफ शिकायत की, लेकिन अनुवाद में उन्हें कुछ उल्टा ही सुनने को मिला.
पुदुच्चेरी में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी संकट में चल रही है. कहा जा रहा है कि उनकी सरकार अल्पमत में है. वहां जल्द ही विधानसभा चुनाव भी होने हैं. ऐसे में राहुल यहां यात्रा पर आए. मुख्यमंत्री के साथ वो यहां मछुआरा समुदाय के लोगों से मिलने पहुंचे थे. लोगों से बातचीत के दौरान राहुल से एक महिला ने मुख्यमंत्री नारायणसामी के खिलाफ शिकायत करते हुए तमिल में कहा कि 'वो यहां आए हैं. लेकिन जब चक्रवात आया था तो क्या वो आए थे हमें देखने?'
महिला की बात का अनुवाद करते हुए मुख्यमंत्री बोले, 'निवार चक्रवात के दौरान, मैं यहां लोगों से मिला, राहत दिया. ये कह रही हैं.'
राहुल ने यहां बातचीत में कहा कि 'सवाल पूछ-पूछकर कितनी बातें समझी जा सकती हैं. मुझे आपसे एक एहसान चाहिए. अगली बार जब आऊं तो मैं आपके साथ फिशिंग बोट पर जाना चाहता हूं और देखना चाहता हूं कि आप क्या अनुभव करते हो.'
इसके अलावा, बुधवार को राहुल गांधी के एक बयान को लेकर भी बीजेपी ने उनपर तंज कसा था. दरअसल, राहुल ने कहा था कि मछुआरे 'समंदर के किसान' हैं और उनके लिए भी एक अलग मंत्रालय होना चाहिए. उन्होंने कहा कि 'जब कृषि मंत्रालय है तो समंदर के किसानों के लिए अलग से मंत्रालय क्यों नहीं है? तो मुझे लगता है कि हमें मछुआरा समुदाय के लिए केंद्रीय सरकार में एक अलग से मंत्रालय होना चाहिए, ताकि उनकी समस्याएं सीधे वहां उठाई जा सकें.'
इसपर बीजेपी ने कहा कि केंद्र में पहले से ही मत्स्य मंत्रालय है, जिसके मंत्री गिरिराज सिंह हैं. गिरिराज सिंह ने पहले इसपर ट्वीट भी किया और फिर पत्रकारों के सामने तंज कसते हुए कहा कि वो 'हैरान हैं कि एक पार्टी के नेता को यह नहीं पता कि केंद्र में पीएम मोदी ने 2019 में मत्स्य, पशुपालन और दुग्ध मंत्रालय का गठन किया था और मैंने उसके मंत्री के तौर पर शपथ ली थी.'
हालांकि, कांग्रेस ने इसपर पलटवार कर कहा कि पीएम ने अलग से मत्स्य मंत्रालय का गठन करने की घोषणा की थी, जो अभी तक नहीं हुआ है.