पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के राजकीय अंतिम संस्कार को लेकर विवाद अभी भी जारी है. भारतीय जनता पार्टी ने केंद्र के खिलाफ कांग्रेस के उन आरोपों को बेबुनियाद करार दिया कि अंत्येष्टि के दौरान असम्मान और कुप्रबंधन देखने को मिला. पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की अस्थियां के विसर्जन के दौरान कांग्रेस नेता नदारद रहने के मुद्दे पर आज बीजेपी ने हमला बोला है. इसको लेकर बीजेपी के कई नेताओं ने कांग्रेस पर तंज कसा. बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि राष्ट्रीय शोक के बीच राहुल गांधी विदेश निकल चुके हैं.
बीजेपी आईटी सेल प्रमुख का राहुल पर निशाना
बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि देश जब पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर शोक मना रहा है, तब राहुल गांधी नए साल का जश्न मनाने के लिए वियतनाम गए हुए हैं. राहुल गांधी ने अपनी सुविधानुसार राजनीति के लिए डॉ. सिंह की मौत का राजनीतिकरण किया और उसका फायदा उठाया, लेकिन उनके प्रति उनकी घृणा को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. गांधी परिवार और कांग्रेस सिखों से नफरत करते हैं.
बीजेपी का राहुल गांधी पर हमला
शहजाद पूनावाला ने कहा कि राहुल गांधी के समय पर एलओपी का मतलब लीडर ऑफ आपोजिशन नहीं है बल्कि लीडर ऑफ पर्यटन और लीडर ऑफ पार्टी बन चुका है. एक संवैधानिक पद को इन्होंने लीडर ऑफ पर्यटन और लीडर ऑफ पार्टी बना रखा है. आज जब देश पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर राष्ट्रीय शोक मना रहा है. देश की सरकार की ओर से 7 दिनों के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गई. तब देश में रहते हुए डॉ मनमोहन सिंह के निधन अपना शोक प्रकट करने के बदले खबर ये आ रही है कि राहुल गांधी पर्यटन और पार्टी के लिए निकल चुके हैं.
जब 26/11 का हमला हुआ तब भी...
वैसे राहुल गांधी और पार्टी, विदेश पर्यटन बहुत सी सामान्य बात बन चुकी है. जब 26/11 का हमला हुआ था तब भी अखबारों में छपा था कैसे राहुल गांधी पार्टी कर रहे हैं. आज भी उन्हें भारत के पूर्व पीएम के सम्मान की चिंता नहीं है. केवल सियासत कर रहे हैं. जब कोई कैमरामैन या फोटोग्रॉफर नहीं था. तब डॉक्टर मनमोहन सिंह की अस्थियों को समेटते वक्त उसमें न तो राहुल गांधी और ना ही उनकी फैमिली से कोई शामिल हुआ. इस वक्त बीजेपी के लोग वहां था. जबकि कांग्रेस से कोई नहीं था.
पूर्व पीएम को अपमानित करने का काम किया
गांधी परिवार ने भारत के पूर्व पीएम को अपमानित करने का काम किया. उनके कैबिनेट के निर्णय को राहुल गांधी ने फाड़ने का काम किया. उन्होंने तो एक बार कहा भी था कि वो इस्तीफा देना चाहते हैं पीएम पद से. अभी एक और खुलासा हुआ है कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शमिष्ठा मुखर्जी ने न्यूज चैनल को बताया कि कैसे उनके पिता जी चाहते थे कि डॉ. मनमोहन सिंह को भारत रत्न से नवाजा जाए. उन्होंने इसकी पहल भी की.
उन्होंने ये बात कैबिनेट सेक्रेटरी को बताई और आग्रह किया कि इस विषय को सोनिया गांधी से चर्चा करके आगे बढ़ाया जाएं. लेकिन इस पर आगे कोई चर्चा नहीं हुई, ये बात वहीं की वहीं रह गए. आखिर किस परिवार को इतनी दिक्कत थी कि अपने लोगों को जीते जी भारत रत्न दे दिया गया पर डॉ. मनमोहन सिंह को इससे नवाजा नहीं गया. ये जो बर्ताव ये है कि कोई भी गैर गांधी परिवार का कांग्रेसी पीएम है, उसे अपमानित करना है. ये तो इनके राजनीतिक डीएनए में है.
कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने बीजेपी आईटी सेल चीफ अमित मालवीय के पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के निधन के बाद राहुल गांधी की विदेश यात्रा पर किए गए ट्वीट पर कहा, "राहुल गांधी का प्रोग्राम पहले से निर्धारित था. पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के निधन पर जो भी प्रक्रिया अपनानी थीं वह सब उन्होंने खुद खड़े होकर की."
बाबा साहेब का अंतिम संस्कार को दिल्ली में नहीं होने दिया
कल हमने देखा कि पूर्व पीएम नरसिम्हाराव के परिवार का एक बयान आया कि किस तरह उनके शव को कांग्रेस के दफ्तर में घुसने तक नहीं दिया गया. कैसे उस समय के नेताओं ने उनके अंतिम संस्कार को दिल्ली में नहीं होने दिया और कैसी स्थिति बनी. नेहरू जी ने पत्र लिखकर कहा था कि सरदार पटेल जी के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं होना. यहां तक की बाबा साहेब अंबेडकर जी के भी अंतिम संस्कार को दिल्ली में नहीं होने दिया.
इस प्रकार का रवैया बार-बार कांग्रेस ने अपनाया, महापुरूषों को अपमानित किया. ये तो पीएम मोदी जब आए तब नरसिम्हाराव मेमोरियल भी बना और भारत रत्न से भी नवाजा गया. आज एक बात साफ है कि राहुल गांधी और उनकी कांग्रेस पार्टी के लिए डॉ. मनमोहन सिंह जी का सम्मान और समाधि केवल सियासत का मुद्दा है. ओछी सियासत करने के लिए इस मुद्दे को उठाया. राष्ट्रीय शोक के बीच राहुल गांधी फिर से पार्टी करने निकल चुके हैं, उस पर जवाब देना चाहिए.