पहले पांच राफेल विमान आज वायुसेना की 17वीं स्क्वॉड्रन में शामिल हुए.
आखिरकार भारत के नए-नवेले विदेश निर्मित लड़ाकू विमान राफेल जेट्स को आज आधिकारिक तौर पर भारतीय वायुसेना में शामिल कर लिया गया है. फ्रांस के साथ 36 राफेल विमानों को लेकर हुई डील में से पहले पांच विमान जुलाई में भारत आ चुके हैं. गुरुवार को राफेल के इंडक्शन में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और उनकी फ्रेंच समकक्ष फ्लोरेंस पार्ली मौजूद रहे. यहां पर राफेल की बकायदा सर्वधर्म पूजा की गई. राफेल को वॉटर कैनन से सलामी दी गई. बता दें कि राफेल को वायुसेना की 17वीं स्क्वॉड्रन में शामिल किया गया है, जिसे Golden Arrows भी कहते हैं. राफेल अपनी शक्ति और क्षमता में तो बढ़-चढ़कर आगे है ही, ये विमान इसलिए भी खास हैं क्योंकि 18 सालों बाद भारतीय वायुसेना में विदेशी लड़ाकू विमान शामिल हुआ है.
क्यों खास है राफेल
- फ्रांस में बने राफेल को भारतीय वायुसेना की क्षमता को कई गुना बढ़ाने वाला माना जा रहा है. राफेल में ऐसी कई खूबियां हैं, जो उसे कई दूसरे लड़ाकू विमानों से बेहतर बनाती हैं. ऐसा 18 सालों बाद हो रहा है, जब भारतीय वायुसेना में कोई विदेशी लड़ाकू विमान शामिल हो रहा है.
- वायुसेना की 17वीं स्क्वॉड्रन में शामिल हो रहे राफेल की कई खूबियों में से एक खूबी यह है कि वो बॉर्डर पार किए बिना ही बालाकोट जैसी स्ट्राइक कर सकता है. राफेल की एक सबसे बड़ी खूबी यह है कि यह एक मल्टीरोल एयरक्राफ्ट है.
- राफेल की रफ्तार 2,130 प्रतिघंटा है और यह रडार पर आराम से अपनी लोकेशन दिए बिना चकमा दे सकते हैं. और जबरदस्त बात यह है कि एक मिनट में 60 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है. राफेल परमाणु हमले को भी अंजाम दे सकता है.
- राफेल एयर टू एयर और एयर टू ग्राउंड दोनों ही स्थितियों में जबरदस्त क्षमता रखता है. यह जेट 150 किलोमीटर दूर से ही हवा से हवा में मार करने और लक्ष्य को भेदने की क्षमता रखते हैं वहीं यह बिना बॉर्डर पार किए भी दुश्मन के इलाके में 300 किलोमीटर तक लक्ष्य को सुरक्षित भेद सकते हैं.
- जानकारी है कि राफेल की इन खूबियों की वजह से भारत के पास चीन और पाकिस्तान पर बढ़त है क्योंकि राफेल में जो हवा से हवा में और हवा से जमीन पर निशाना लगाने की क्षमता है, वैसी क्षमता फिलहाल इन दोनों देशों की वायुसेना के किसी एयरक्राफ्ट में नहीं है.
- माना जा रहा है कि राफेल पाकिस्तान के f-16 से काफी बेहतर हैं. पाकिस्तान ने इसके लिए अमेरिका से डील की थी. इसे चीन के J-20 से भी कहीं आगे माना जा रहा है.
- राफेल विमान एक साथ कई घातक हथियार कैरी कर सकते हैं. यह विमान एक साथ 24500 किलोग्राम तक का वजन ले जाने में सक्षम है
- राफेल में कई तरह की घातक मिसाइलें हैं. इसमें यूरोपियन मिसाइल बनाने वाली कंपनी MBDA की मीटियॉर मिसाइल है, जो 150 किलोमीटरतक हवा से हवा में मार करने वाली सक्षम मिसाइल है. दूसरी हवा से जमीन में मार करने वाल स्कैल्प मिसाइल, जो यह 300 किलोमीटर दूर तक निशाना बना सकती है. तीसरी है मीका मिसाइल जो हवा से हवा में 80 किमी दूर का टारगेट ले सकती है. वहीं, हैमर मिसाइल हवा से जमीन पर 60 किलोमीटर तक का टारगेट लेकर सफलता से लक्ष्य भेद सकती है.
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