वैक्सीन की कितनी खुराक, कौन करेगा भुगतान जैसे सवाल उभरे, एम्स प्रमुख ने दिया जवाब 

केंद्र सरकार ने 6 से 8 माह में कोरोना की वैक्सीन 30 करोड़ लोगों को देने की योजना बनाई है. सबसे पहले डॉक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्य सेवा से जुड़े अन्य कर्मियों का टीकाकरण किया जाएगा. पुलिस और अन्य फ्रंटलाइन वर्कर भी प्राथमिकता में होंगे.

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कोविड-19 वैक्सीन कोविशील्ड के आपात इस्तेमाल की मिल गई है मंजूरी
नई दिल्ली:

ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एम्स) के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने अभी केंद्र सरकार वैक्सीन की लागत वहन करेगी. डॉ. गुलेरिया ने NDTV से शुक्रवार को कहा कि बीमारियों से ग्रस्त लोगों की पहचान का कार्य चल रहा है, जिन्हें भी उन प्राथमिकता वाले लोगों की सूची में रखा गया है, जिन्हें स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंटलाइन वर्करों के बाद यह टीका दिया जाना है. पहले चरण में 30 करोड़ लोगों को यह वैक्सीन दी जानी है. सूत्रों का कहना है कि ऑक्सफोर्ड की कोविड-19 वैक्सीन कोविशील्ड को सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने मंजूरी दे दी है. इस सिफारिश को दवा महानियंत्रक के पास विचारार्थ
भेजा गया है.  

डॉ. गुलेरिया ने कहा, " मैं एक कमेटी की अध्यक्षता कर रहा हूं. हमने कई मानक तय किए हैं. डायबिटीज, गंभीर किडनी रोग, श्वसन रोग आदि को लेकर एक स्कोरिंग सिस्टम कोशिश हो रही है. इसके आधार पर गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों के बीच भी प्राथमिकता तय की जा सकती है." एम्स निदेशक ने कहा, "उदाहरण के तौर पर ऐसे व्यक्ति जिसकी डायबिटीज नियंत्रण में है और दूसरा ऐसा शख्स जो पिछले दस साल से इंसुलिन ले रहा है. ऐसे में ज्यादा गंभीर मधुमेह वाले व्यक्ति को दूसरे की तुलना में प्राथमिकता में ऊपर रखा जाएगा." 

वैक्सीन की कीमत और भुगतान के सवाल पर डॉ. गुलेरिया ने कहा कि मौजूदा समय में सरकार वैक्सीन की लागत का वहन कर रही है. ऐसे में अन्य टीकाकरण कार्यक्रमों के हिस्से की तरह ही है. हर व्यक्ति को खुराक की आवश्यकता पर उन्होंने कहा कि दो खुराक के बीच 28 दिन का ही अंतराल जरूरी नहीं है. ब्रिटेन में पहली और दूसरी खुराक के बीच अंतराल 28 दिन से 12 हफ्तों के बीच है, ताकि ज्यादा लोगों को पहले दौर की खुराक मिल सके. इससे बड़ी संख्या में लोगों को प्रतिरक्षा (इम्यूनिटी) दी जा सकेगी और दूसरी खुराक देने का दबाव भी स्वास्थ्य तंत्र पर न पड़े. ब्राजील में वैक्सीन की ऐसी ही टाइमलाइन ने साबित किया है कि इसका वैक्सीन के इम्यूनिटी पर असर में कोई फर्क नहीं आय़ा है. दो जनवरी को पूरे देश में कोरोना टीकाकरण को लेकर अभ्यास किया जाएगा. एक्सपर्ट पैनल ने ऑक्सफोर्ड वैक्सीन के आपात इस्तेमाल को लेकर दवा नियामक को भेज दी है.

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