जापान के हिरोशिमा में 'क्वाड' देशों अप्रत्यक्ष रूप से चीन पर निशाना साधा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और उनके ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष एंथनी अल्बनीज ने हिरोशिमा में चार देशों के समूह ‘क्वाड' के वार्षिक शिखर सम्मेलन में वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की. इस दौरान क्वाड नेताओं ने एक संयुक्त बयान जारी किया है, जिसमें अप्रत्यक्ष रूप से चीन पर हमला बोला है. बयान में चीन का नाम नहीं लिया, लेकिन "हिंद-प्रशांत समुद्री क्षेत्र में शांति और स्थिरता" के लिए संयुक्त बयान में 'साम्यवादी महाशक्ति' स्पष्ट रूप से चीन की ओर इशारा है.
क्वाड नेताओं ने एक मुक्त और खुले हिंद-प्रशांत के लिए अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता की भी पुष्टि की, जो समावेशी हो. उन्होंने कहा, "हम ऐसा क्षेत्र चाहते हैं जहां किसी देश का दबदबा न हो."
क्वाड नेताओं ने हिंद महासागर क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता भी व्यक्त की.
चीन पर निशाना
क्षेत्र में चीनी सेना की आक्रामक गतिविधियों के बीच, क्वाड नेताओं ने कहा, "हम अस्थिरता या एकतरफा गतिविधियों का कड़ा विरोध करते हैं, जिनमें यथास्थिति को जबरन बदलने की कोशिश की जाती हो."
आतंकवाद-चरमपंथ की निंदा
क्वाड नेताओं ने अंतरराष्ट्रीय कानून के पालन के महत्व पर भी जोर दिया, विशेष रूप से जैसा कि समुद्री कानून से संबंधित संयुक्त राष्ट्र संधि में परिलक्षित होता है. उन्होंने सभी तरह के आतंकवाद और हिंसक चरमपंथ की स्पष्ट रूप से निंदा की.
PM मोदी ने बताया महत्वपूर्ण मंच
पीएम मोदी ने इस बैठक के दौरान वैश्विक चुनौतियों पर क्वाड देशों के राष्ट्राध्क्षों के साथ चर्चा की. उन्होंने कहा कि आज मित्रों के बीच इस क्वाड समिट में हिस्सा लेते हुए खुशी हो रही है. उन्होंने कहा कि क्वाड समूह इंडो-पैसिफिक में शांति, स्थिरता और समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है. इसमें कोई संदेह नहीं है कि इंडो-पैसिफिक व्यापार, इनोवेशन और विकास का इंजन है.
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