QS RANKING: दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु... ये हैं छात्रों के लिए भारत के बेस्ट शहर, राजधानी को मिला अनोखा खिताब

QS की सीईओ जेसिका टर्नर ने कहा कि 2026 की क्यूएस बेस्ट स्टूडेंट सिटीज रैंकिंग में भारत की रैंकिंग सिर्फ एक आंकड़ा नहीं है, यह उच्च शिक्षा के क्षेत्र में देश में हुए बड़े बदलाव का संकेत है.

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  • भारत के चार शहर- दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और चेन्नई ने QS Best Student Cities ranking-2026 की टॉप 130 सूची में जगह बनाई है.
  • दिल्ली को छात्रों के लिए दुनिया में सबसे ज्यादा किफायती शहर घोषित किया गया है. इस श्रेणी में मुंबई और बेंगलुरु ने भी अच्छा स्कोर किया है.
  • दुनिया में छात्रों के लिए सियोल सबसे बेहतर शहर बन गया है. छह बार से टॉप पर काबिज लंदन तीसरे स्थान पर खिसक गया है. टोक्यो दूसरे नंबर पर है.
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दुनिया में उच्च शिक्षा के छात्रों के लिहाज से सबसे बेहतर शहरों की सूची में भारत के चार शहरों ने टॉप 130 में जगह बनाई है. ये शहर हैं- दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और चेन्नई. प्रतिष्ठित QS rankings में भारत की राजधानी दिल्ली को पूरे विश्व में छात्रों के लिए सबसे किफायती शहर का दर्जा दिया गया है. 

मुंबई फिर से टॉप-100 शहरों में शामिल

साल 2026 की क्यूएस बेस्ट स्टूडेंट सिटीज रैंकिंग में भारत के इन चारों महानगरों ने अपनी पोजिशन में सुधार किया है. मुंबई एक बार फिर से ग्लोबल टॉप 100 की लिस्ट में शामिल हो गया है. उसने 15 स्थान की छलांग लगाई है और वह 98वें स्थान पर पहुंच गया है. दिल्ली सात स्थान ऊपर चढ़कर 104वें स्थान पर आ गया है. 

लंदन की क्यूएस (Quacquarelli Symonds) की तरफ से मंगलवार को जारी लेटेस्ट रैंकिंग के अनुसार, बेंगलुरु ने भारतीय शहरों में सबसे प्रभावशाली सुधार किया है. उसने 22 पायदान की छलांग लगाई है और अब वह 108वें नंबर पर पहुंच गया है. चेन्नई ने भी महत्वपूर्ण प्रगति की है और वह 12 स्थान ऊपर चढ़कर 128वें स्थान पर आ गया है.

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दिल्ली सबसे किफायती स्टूडेंट शहर

छात्रो के लिए किफायत (affordability) के मामले में दिल्ली नंबर वन है. इस कैटिगरी में दिल्ली को दुनिया में सबसे ज्यादा 96.5 पॉइंट मिले हैं.इस श्रेणी में मुंबई और बेंगलुरु ने अच्छा प्रदर्शन किया है. दोनों दुनिया के टॉप 15 शहरों में शामिल हो गए हैं.  बेंगलुरु को 84.3 और चेन्नई को 80.1 स्कोर मिला है. इसकी प्रमुख वजह ट्यूशन फीस और इन शहरों में रहने की कम लागत है. 

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एंप्लॉयर एक्टिविटी कैटिगरी में दिल्ली और मुंबई ने ग्लोबल टॉप 50 में जगह बनाई है. यह ग्रेजुएशन करने वाले छात्रों के लिए रोजगार की मजबूत संभावनाओं को दर्शाता है. बेंगलुरु ने इस श्रेणी में सबसे ऊंची छलांग लगाई है. वह 41 स्थान ऊपर चढ़कर 59वें स्थान पर पहुंच गया है. चेन्नई ने 29 स्थान की बढ़त हासिल की है.

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भारत का यह प्रदर्शन उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भारत के प्रति बढ़ते आकर्षण का संकेत है. क्यूएस की सीईओ जेसिका टर्नर ने कहा कि साल 2026 की क्यूएस बेस्ट स्टूडेंट सिटीज रैंकिंग में भारत की रैंकिंग सिर्फ एक आंकड़ा नहीं है, यह उच्च शिक्षा के क्षेत्र में देश में हुए बड़े बदलाव का संकेत है. भारत ने 2020 में अपनी नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) लॉन्च की थी. इसके पांच साल के अंदर ही ग्लोबल एंगेजमेंट, क्वालिटी में सुधार और स्टूडेंट फोकस्ड पढ़ाई की दिशा में किए गए प्रयासों के अच्छे परिणाम दिखने लगे हैं. 

सियोल नंबर 1, लंदन तीसरे स्थान पर खिसका

इस साल की क्यूएस रैंकिंग भारत ही नहीं, एशिया के लिहाज से भी अहम है. दक्षिण कोरिया के शहर सियोल ने नंबर वन का खिताब हासिल किया है. उसने ये उपलब्धि छह साल से टॉप पर काबिज लंदन को हटाकर पाई है. लंदन अब खिसककर तीसरे नंबर पर पहुंच गया है. दूसरे नंबर पर जापान का टोक्यो शहर है. लंदन की रैंकिंग में गिरावट की प्रमुख वजह किफायती  (Affordability) मानक में कमी है, जिसमें वह 11 पायदान फिसलकर 137वें स्थान पर पहुंच गया है. 

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बता दें कि यह रैंकिंग ग्लोबल हायर एजुकेशन के क्षेत्र की कंसलटेंसी फर्म Quacquarelli Symonds (QS) की तरफ से जारी की जाती है. इसमें दुनिया भर के ऐसे 150 शहरों का आकलन किया जाता है, जिनकी आबादी ढाई लाख से अधिक है और वहां कम से कम दो यूनिवर्सिटी हैं. इसके तहत उच्च शिक्षा लेने जा रहे छात्रों और पूर्व छात्रों के एक लाख से जवाबों के आधार पर रैंकिंग की जाती है. 
 

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