जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने मंगलवार शाम पर्यटकों को निशाना (Pahalgam Terrorist Attack) बनाया. सूत्रों के मुताबिक, इस हमले में 20 से अधिक पर्यटकों के मारे जाने की खबर है और कई पर्यटक घायल भी हुए हैं. हमले के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जम्मू कश्मीर के लिए रवाना हो गए. इस हमले के बाद दक्षिणपूर्व एशिया एक्सपर्ट कमर आगा ने एनडीटीवी से बातचीत की. उन्होंने कहा कि इस हमले की जिम्मेदारी लेने वाला संगठन द रेजिसटेंस फोर्स केवल मुखौटा भर है. इस हमले के पीछे पूरी तरह से लश्कर-ए-तैयबा ही जिम्मेदार है.
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हमले में लश्कर-ए-तैयबा का हाथ
कमर आगा ने इस हमले के पीछे लश्कर-ए-तैयबा का हाथ होने की बात कहते हुए आगे कहा कि द रेजिस्टेंस फोर्स (टीआरएफ) जैसे संगठन केवल नाम भर के हैं. टीआरएफ जैसे संगठनों को कुछ समय के लिए पैदा कर दिया जाता है, बाद में किसी और नाम से किसी दूसरे संगठन को खड़ा कर दिया जाता है. उन्होंने कहा कि ये संगठन बनाए ही इसलिए जाते हैं, ताकि मीडिया का ध्यान लश्कर की जगह उन पर ही रहे. द रेजिस्टेंस फोर्स जैसा अंग्रेजी नाम इसलिए रखा गया है, ताकि वह सेक्युलर लगे और यह संदेश जाए कि इसका इस्लाम से कोई संबंध नहीं है और यह स्थानीय लोगों का काम है.
हमला करने वाले 3 लोग अकेले नहीं
कमर आगा ने बताया कि लश्कर-ए-तैयबा पिछले कई दशक से कश्मीर में काम कर रहा है. उसे इलाके के चप्पे-चप्पे की जानकारी है. उन्होंने कहा कि लश्कर की सीधा संपर्क पाकिस्तान की सेना और खुफिया एजेंसी आईएसआई से है. हमला तो केवल तीन लोगों ने ही किया है. लेकिन इस हमले के पीछे कम से कम 10 लोगों का हाथ होगा. हमलावरों के अतिरिक्त हमले में शामिल लोग ही हमलावरों को एक-एक जानकारी उपलब्ध करा रहे होंगे. इन्हीं में से कुछ लोगों ने घटनास्थल की रेकी की होगी और हमले के लिए इस समय का चुनाव किया होगा.
हमले के लिए क्यों चुना ये समय?
उन्होंने कहा कि हमले के लिए इस समय को इसलिए चुना गया क्योंकि वहां पर्यटक आते हैं. आतंकवादी इस हमले से यह संदेश चाहते हैं कि वहां पर्यटक आना बंद कर दें. आगा ने कहा कि अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के भारत के दौरे को देखते हुए भी इस हमले के समय का चुनाव किया गया.