"जिसका जैसा कर्म, उसको वैसा फल..." : मुख्तार की मौत पर पीड़ित की प्रतिक्रिया, छलके आंसू

मुख्तार अंसारी की मौत पर अजय प्रकाश सिंह के भाई हरेंद्र सिंह ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari Death) को "कानून ने सजा दी थी, आज ईश्वर ने भी सजा दे दी".

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मुख्तार अंसारी की हत्या पर पीड़ित परिवार का रिएक्शन.

मऊ:

उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari Death) की गुरुरात रात हार्ट अटैक से मौत हो गई. मुख्तार अंसारी पर 65 आपराधिक केस दर्ज थे. उसे 7 मामलों में सजा भी मिल चुकी थी, जबकि 8 मामले में वह दोषी करार दिया गया था. अप्रैल 2023 में बीजेपी नेता कृष्णानंद राय की हत्या के आरोप में उसे 10 साल की सजा हुई. 13 मार्च 2024 को एक आर्म्स लाइसेंस केस में अंसारी को उम्रकैद की सजा मिली थी. मुख्तार की मौत पर अजय प्रकाश सिंह उर्फ मन्ना की विधवा पत्नी मंजू सिंह का रिएक्शन सामने आया है. मुख्तार की मौत की खबर सुनकर अजय प्रकाश का पूरा परिवार उन्हें याद कर भावुक हो गया. उनकी पत्नी मंजू अपने पति को याद कर बुरी तरह से रोने लगीं, जैसे मानो उन्हें न्याय मिल गया हो. 

"कर्मों का फल कैसे मिलता है, देख लिया"

अजय प्रकाश के बेटे विकास ने बताया कि मुख्तार अंसारी की मौत की खबर परिवार को सोशल मीडिया और टीवी से मिली. विकास ने कहा, "अभी तक हमने सुना था , जिसका जैसा कर्म होता है उसको वैसा फल मिलता है, अब यह हम प्रत्यक्ष रूप से देख भी रहे हैं." विकास ने कहा कि उनके जैसे बहुत से पीड़ित परिवार हैं. आज देख लिया कि बुरे कर्मों का फल कैसे निकलकर सामने आता है. पिता की हत्या के बाद उनके पूरे परिवार के भीतर डर का माहौल था. परिवार हमेशा इस चिंता में रहता था कि कहीं कुछ अनहोनी न घट जाए. इसी चिंता में उनकी मां बीमार रहने लगीं. परिवार के दूसरे सदस्य भी बीमार रहने लगे, जिनका इलाज अब तक चल रहा है. डर की वजह से परिवार बहुत पीछे चला गया, घर के बच्चों के रास्ते बदल गए और पूरा जीवन ही दिशाहीन हो गया. अनाथ बच्चों और विधवा पत्नी की जिंदगी कैसे कटती है, ये उन्होंने बखूबी देखा. उनके पिता की हत्या के बाद समाज भी उनसे कटने लगा था.

"गुंडा टैक्स न देने पर हुई अजय प्रकाश की हत्या"

विकास ने बताया कि पिता अजय प्रकाश की हत्या के समय उनकी उम्र करीब 18 साल थी. पिता यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के सामने अपनी गाड़ी में बैठे थे, तभी कुछ लोगों ने आकर उन पर गोलियां बरसा दीं. गुंडा टैक्स नहीं देने की वजह से उनकी हत्या कर दी गई. समाज में अपना डर बनाए रखने के लिए इन लोगों (मुख्तार के गुर्गों) ने उनके पिता की हत्या कर दी. उनको डर था कि उनके पिता की तरह ही और लोग भी गुंडा टैक्स देने से मना न कर दें.बता दें कि अजय प्रकाश सिंह उर्फ मन्ना पीडब्लूडी में ठेकेदार थे. 29 अप्रैल 2009 में कुछ बाइक सवारों ने कार पर गोलियां बरसाकर उनकी हत्या कर दी थी. 

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"मुख्तार अंसारी को ईश्वर ने सजा दे दी"

इससे पहले मुख्तार अंसारी की मौत पर अजय प्रकाश सिंह के भाई हरेंद्र सिंह ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि मुख्तार अंसारी को "कानून ने सजा दी थी, आज ईश्वर ने भी सजा दे दी". हरेंद्र सिंह ने कहा कि मुख्तार अंसारी को ईश्वर ने सजा दे दी है. हालांकि अभी उसकी मौत हुई है, लेकिन उसके गैंग के और लोग भी हैं. अभी अपराध खत्म नहीं हुआ है. उसका भाई अफजल अंसारी अभी जिंदा है. हरेंद्र सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि बिना किसी कारण के मुख्तार अंसारी ने उनके भाई की हत्या करवाई थी. हत्या के बाद लंबे समय तक परिवार खौफ में रहा. आज भी उसका खौफ है. हालांकि वह सरकार का आभार प्रकट करते हैं कि उन्होंने जांच भी करवाआ और उनको सुरक्षा भी उपलब्ध करवाई.

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