- पुतिन जल्द ही भारत का दौरा करेंगे. मॉस्को दौरे पर गए भारतीय NSA अजित डोभाल ने इसकी पुष्टि की है.
- रूसी राष्ट्रपति पुतिन का भारत दौरा ऐसे समय होगा, जब टैरिफ वॉर को लेकर भारत-अमेरिका में तनाव है.
- पुतिन चार साल बाद भारत आ रहे हैं. इससे पहले वह दिसंबर 2021 में राजधानी दिल्ली आए थे.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जल्द ही भारत का दौरा करेंगे. रूस दौरे पर गए भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल ने गुरुवार को यह जानकारी दी. हालांकि उन्होंने पुतिन की भारत यात्रा की तारीख नहीं बताई.
डोभाल ने कहा कि भारत और रूस के बीच दीर्घकालीन और विशेष रिश्ता है. हम इन रिश्तों को काफी महत्व देते हैं. हमारे बीच उच्चस्तरीय संबंध रहे हैं. इन उच्चस्तरीय वार्ताओं ने संबंधों की मजबूती में काफी योगदान दिया है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा के बारे में जानकर हम बहुत उत्साहित और प्रसन्न हैं. मुझे लगता है कि तारीखें भी अब लगभग तय हो गई हैं.
पुतिन का भारत दौरा ऐसे समय होगा, जब टैरिफ वॉर को लेकर अमेरिका और भारत के रिश्तों में तनाव का आलम है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एकतरफा तरीके से भारत के ऊपर 50 फीसदी टैरिफ थोप दिए हैं. एक दिन पहले ही ट्रंप ने 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ के कार्यकारी आदेश पर दस्तखत किए हैं. पिछली बार लगाया गया 25 फीसदी टैरिफ गुरुवार से लागू भी हो गया है.
ट्रंप ने इस भारी भरकम टैरिफ की वजह भारत द्वारा रूस से तेल खरीदना भी बताया है. उन्होंने धमकी दी है कि अगर रूस ने यूक्रेन में युद्ध नहीं रोका तो वह उससे तेल खरीदने वाले सभी देशों पर सेकंडरी टैरिफ भी लगाएगा. ट्रंप ने भारत पर भी अलग से पेनल्टी लगाने की धमकी दी थी. रूस और यूक्रेन के बीच चार साल से जारी जंग ट्रंप के प्रयासों के बावजूद भी रुक नहीं पा रही है.
रूसी राष्ट्रपति के निवास क्रेमलिन की तरफ से गुरुवार को बताया गया कि पुतिन आगामी दिनों में ट्रंप से भी मुलाकात करेंगे. रूसी राष्ट्रपति के विदेश मामलों के सलाहकार यूरी उशाकोव ने कहा कि दोनों पक्ष बैठक आयोजित करने पर काम कर रहे हैं. बैठक कहां पर होगी, इस पर सहमति बन चुकी है. इसका ऐलान बाद में किया जाएगा.
भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल द्विपक्षीय ऊर्जा एवं रक्षा संबंधों पर महत्वपूर्ण वार्ता करने और पुतिन की भारत यात्रा की तैयारियों के मद्देनजर रूस के दौरे पर हैं. डोभाल की मास्को यात्रा से परिचित लोगों के मुताबिक, उनकी रूसी अधिकारियों से रूसी कच्चे तेल पर पश्चिमी प्रतिबंधों को लेकर भी चर्चा होगी.