पंजाब निकाय चुनाव : वोटिंग संपन्न, कुछ जगहों पर झड़प, 17 फरवरी को आएंगे नतीजे

पंजाब राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार, सुबह आठ बजे से शाम चार बजे तक मतदान हुआ और 71.39 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. सर्वाधिक 82.99 फीसदी मतदान मनसा जिले में और सबसे कम 60.08 फीसदी मतदान एसएएस नगर में हुआ.

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चंडीगढ़:

पंजाब में 100 से अधिक निकायों (Punjab Municipal Election) के लिए रविवार को मतदान हुआ और कुछ स्थानों पर झड़प की घटनाएं सामने आईं. विपक्षी पार्टियों ने कांग्रेस पर हिंसा में शामिल होने और सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया जिसे सत्ताधारी पार्टी ने खारिज किया. पंजाब राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार, सुबह आठ बजे से शाम चार बजे तक मतदान हुआ और 71.39 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. सर्वाधिक 82.99 फीसदी मतदान मनसा जिले में और सबसे कम 60.08 फीसदी मतदान एसएएस नगर में हुआ. पंजाब में आठ नगर निगमों- अबोहर, बठिंडा, बटाला, कपूरथला, मोहाली, होशियारपुर, पठानकोट और मोगा के 2,302 वार्डों तथा 109 नगर पालिका परिषदों और नगर पंचायतों के लिए कुल 9,222 उम्मीदवार मैदान में थे. कुल उम्मीदवारों में से 2,832 ने निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ा, जबकि 2,037 सत्तारूढ़ कांग्रेस के और 1,569 अकाली दल के उम्मीदवार थे.

भारतीय जनता पार्टी, आम आदमी पार्टी और बसपा के उम्मीदवारों की संख्या क्रमशः 1,003, 1,606 और 160 थी. अधिकारियों के अनुसार, रूपनगर में वार्ड संख्या एक पर विवाद होने के बाद कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई जिसमें सात लोग घायल हो गए. बटाला, राजपुरा, तरन तारन, बठिंडा, गुरदासपुर, सामना, रूपनगर, नाभा, नांगल, मोहाली और फिरोजपुर में भी सत्ताधारी कांग्रेस और विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प की खबरें सामने आईं.

कपूरथला के सुल्तानपुर लोधी में कांग्रेस समर्थकों के साथ हुई झड़प में अकाली दल का एक कार्यकर्ता घायल हो गया. शिरोमणि अकाली दल के कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि कांग्रेस समर्थकों ने मतदान स्थल पर कब्जा करने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि सत्ताधारी पार्टी के लोगों ने हवा में गोलियां चलाईं. घटना तब हुई जब मतदान का समय समाप्त होने वाला था. दोनों पार्टियों के समर्थकों ने एक-दूसरे पर पत्थर फेंके.

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बटाला में कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ताओं के साथ झड़प में एक भाजपा नेता घायल हो गया. शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने हिंसा के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने ट्वीट किया, “सभी मोर्चों पर विफल, कांग्रेस पार्टी जानती थी कि वह हार जाएगी, इसलिए उन्होंने बूथ कैप्चरिंग, धांधली और हिंसा का सहारा लिया. जो सरकार राज्य में गुंडाराज चलाती हो उससे हम क्या उम्मीद कर सकते हैं? राज्य निर्वाचन आयोग को अपनी अकर्मण्यता पर शर्म आनी चाहिए.”

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अकाली नेता दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि कांग्रेस के गुंडों ने न केवल बूथ पर कब्जा किया, बल्कि विपक्षी दलों के उम्मीदवारों पर हमला भी किया. पंजाब भाजपा अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने विरोध जताते हुए पठानकोट में रविवार शाम धरना दिया और राज्य सरकार पर सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया. आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस पर समाना, राजपुरा, धुरी, अबोहर और भिखीविंड में बूथ पर कब्जा करने का आरोप लगाया. कांग्रेस की ओर से इस आरोप का खंडन किया गया. पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने दावा किया कि पट्टी में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आम आदमी पार्टी के एक कार्यकर्ता को कथित तौर पर गोली मार दी. पुलिस ने इस आरोप को खारिज किया. चीमा ने कहा कि रविवार को पंजाब में कांग्रेस ने लोकतंत्र की “हत्या” कर दी.

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उन्होंने मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के इस्तीफे की मांग की. शिअद नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह चुनाव जीतने के लिए सरकारी तंत्र का दुरुपयोग कर रही है. हालांकि पंजाब कांग्रेस प्रमुख सुनील जाखड़ ने ‘शांतिपूर्ण मतदान' के लिए मतदाताओं का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि कुछ-कुछ स्थानों पर छिटपुट घटनाएं हुई हैं जहां पर शिअद के कार्यकर्ताओं ने कानून को अपने हाथ में लेने की कोशिश की. राज्य निर्वाचन आयोग ने 4,102 मतदान केंद्र बनाए जिनमें से 1,708 को संवेदनशील और 861 को अति-संवेदनशील घोषित किया गया. मतदान के लिए लगभग 7,000 इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) लगाई गईं. मतगणना 17 फरवरी को होगी. प्रवक्ता ने कहा कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए लगभग 19,000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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