कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों के लिए पंजाब सरकार ने की घोषणा, हर माह मिलेगी 1500 रु पेंशन

पंजाब सरकार ने कोविड महामारी के दौरान अनाथ हुए बच्चों और महामारी में कमाऊ सदस्य खोने वाले परिवारों को 1500 रुपये महीना सामाजिक सुरक्षा पेंशन तथा स्नातक तक निशुल्क शिक्षा देने का बृहस्पतिवार को फैसला किया.

विज्ञापन
Read Time: 15 mins
पंजाब सरकार ने की कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों के लिए 1500 रुपये पेंशन की घोषणा। (फाइल फोटो)
चंडीगढ़:

पंजाब सरकार ने कोविड महामारी के दौरान अनाथ हुए बच्चों और महामारी में कमाऊ सदस्य खोने वाले परिवारों को 1500 रुपये महीना सामाजिक सुरक्षा पेंशन तथा स्नातक तक निशुल्क शिक्षा देने का बृहस्पतिवार को फैसला किया. एक सरकारी बयान के मुताबिक, मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि उनकी सरकार ऐसे बच्चों के साथ-साथ उन परिवारों के बच्चों के लिए सरकारी संस्थानों में निशुल्क शिक्षा सुनिश्चित करेगी, जिन्होंने कोविड की वजह से कमाऊ सदस्य को खो दिया है. उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चों का पालक बनना राज्य का कर्तव्य है, जिन्होंने अपने माता-पिता दोनों को कोविड-19 महामारी में खो दिया है.

दिल्ली, मुंबई में कोरोना के मामले घटे, मौतों का आंकड़ा अभी भी चिंता का विषय : डॉक्टरों ने कहा

सिंह ने कहा कि प्रभावित व्यक्ति एक जुलाई से आशीर्वाद योजना के तहत 51,000 रुपये के पात्र होंगे और उन्हें राज्य स्मार्ट राशन कार्ड योजना के तहत मुफ्त राशन मिलेगा और वे सरबत सेहत बीमा योजना के पात्र होंगे. इससे पहले आशीर्वाद योजना के तहत गरीब परिवार को लड़की की शादी के लिए 51,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती थी जबकि ''सरबत सेहत बीमा योजना'' के तहत प्रति परिवार प्रति वर्ष पांच लाख रुपये का पात्रता आधारित कैशलेस स्वास्थ्य बीमा कवर मिलता है.

मुख्यमंत्री ने उच्च स्तरीय कोविड समीक्षा बैठक के बाद कहा कि राज्य सरकार ''घर-घर रोज़गार ते कारोबार मिशन'' के तहत प्रभावित परिवार के सदस्यों को उपयुक्त नौकरी खोजने में भी सहायता करेगी.

Advertisement

दिल्ली में पॉजिटिविटी रेट 5% के करीब, क्या दिल्ली होगी अनलॉक? जानें अरविंद केजरीवाल ने क्या कहा..

अनाथों को 21 वर्ष की आयु तक राहत उपाय प्रदान किए जाएंगे. सिंह ने कहा कि जिन परिवारों में कमाऊ व्यक्ति की मौत हो गई है, उनमें राहत उपाय शुरुआती तौर पर तीन साल तक दिए जाएंगे और फिर स्थिति की समीक्षा की जाएगी और जहां हालात खराब होंगे वहां पर इनका विस्तार कर दिया जाएगा. मुख्यमंत्री ने हर एक मामले की प्रगति और राहत उपायों की समीक्षा के लिए एक निगरानी समिति के गठन की भी घोषणा की जिसकी अगुवाई सामाजिक, सुरक्षा और महिला एवं विकास मंत्री करेंगे. उन्होंने कहा कि समिति महीने में कम से कम एक बार बैठक करेगी.

Advertisement

COVID-19 महामारी की तीसरी लहर और बच्चे

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Budget 2025: Semiconductor हब बनाने के लिए Electronics उद्योग की क्या है मांग? | NDTV Xplainer
Topics mentioned in this article