विपक्ष के 'भारी मॉर्जिन' के आरोपों के बीच पंजाब की कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार ने निजी अस्पतालों को वैक्सीन सप्लाई करने का फैसला वापस ले लिया है.वैक्सीनेशनल के स्टेट-इन-चार्ज विकास गर्ग की ओर से जारी लेटर में कहा गया है, 'आदेश को सही भावना से नहीं लिया गया है इसलिए इसे वापस ले लिया गया है.' पंजाब (Punjab) के कोटे के तहत खरीदी गई कोवैक्सीन (Covaxin) को निजी अस्पतालों को बेचने को लेकर राज्य सरकार (Punjab Govt) पर सवाल उठ रहे थे. पंजाब सरकार ने प्रति डोज 400 रुपये के हिसाब से वैक्सीन खरीदी थी और इसे निजी अस्पतालों को 1060 रुपये में बेच रही थी, यानी प्रति डोज 660 रुपये का फायदा. निजी अस्पताल लोगों से प्रति डोज के 1560 रुपये ले रहे यानी वो 500 रुपये और ज्यादा ले रहे हैं. ये वैक्सीन राज्य सरकार ने 18 से 45 साल के लोगों के लिए खरीदी थी और निजी अस्पताल अब इसे 18 साल से ज्यादा के किसी भी व्यक्ति को दे रहे हैं जिन्होंने स्लॉट बुक किया है. ऐसे समय में जब सरकारी टीकाकरण केंद्रों में टीके की कमी है, राज्य सरकार के इस कदम को मुनाफा कमाने के तौर पर देखा जा रहा था.
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पंजाब में कोरोना की तीसरी लहर को लेकर तैयारी जोरों पर
मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य और चिकित्सा विभागों को महामारी की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए कोविड देखभाल के बुनियादी ढांचे और सुविधाओं को और मजबूत करने के भी निर्देश दिए हैं. उन्होंने बाल चिकित्सा देखभाल बढ़ाने और भारत सरकार से 500 बाल चिकित्सा वेंटिलेटर लेने के लिए भी निवेश करने के लिए कहा है. बीते दिनों हुई बैठक में बताया गया कि पीएम केयर्स फंड के तहत पहले प्राप्त सभी 809 वेंटिलेटर वितरित किए जा चुके हैं और उनमें से 136 काम नहीं कर रहे हैं.
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आईएएस/पीसीएस के तबादलों पर रोक
मुख्यमंत्री ने संभावित तीसरी लहर के लिए तैयारी करने, अधिक तकनीकी और विशेषज्ञ पदों के सृजन के भी आदेश दिए हैं. डॉ राज बहादुर ने बैठक में बताया कि डॉक्टरों और नर्सों की भर्ती लगभग पूरी हो चुकी है, जबकि अस्थायी अस्पतालों के लिए उपकरणों की खरीद की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि कोविड संकट जारी रहने तक सभी विभागों में मध्य स्तर के आईएएस/पीसीएस के तबादलों पर रोक लगा दी जाए.