चार साल पहले पंजाब में कांग्रेस को विधानसभा चुनाव जीतने में मदद करने वाले प्रशांत किशोर राज्य में फिर 'वापस लौटे' हैं. पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सोमवार को चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर को अपना मुख्य सलाहकार बनाए जाने की जानकारी दी. कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्वीट में कहा, '' यह बताते हुए खुशी हो रही है कि प्रशांत किशोर मुख्य सलाहकार के तौर पर मेरे साथ जुड़ गए हैं. पंजाब के लोगों की बेहतरी के लिए साथ काम करने को लेकर आशान्वित हूं.'
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प्रशांत किशोर की नियुक्ति की पुष्टि उन अटकलों के बाद हुई है जिनमें कहा गया था कि प्रशांत पिछले छह माह से अधिक समय से सीएम अमरिंदर सिंह और कांग्रेस सरकार के साथ काम कर रहे हैं. पंजाब में वर्ष 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं. मुख्यमंत्री कार्यालय ने इसके तुरंत बाद एक अन्य ट्वीट में बताया कि प्रशांत किशोर को कैबिनेट मिनिस्टर की रैंक (संबंधित भत्तों सहित) और एक रुपये का टोकन मानदेय मिलेगा.'
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वर्ष 2017 में पंजाब में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 117 में से 77 सीटों पर जीत हासिल की थी. वर्ष 2012 की तुलना में पार्टी ने अपनी सीटों (46 सीटें) की संख्या में न केवल काफी वृद्धि की थी बल्कि वह सत्ता हासिल करने में भी सफल रही थी. कांग्रेस को यह जीत दिलाने में प्रशांत किशोर और उनकी कंपनी IPAC की अहम भूमिका थी.
गौरतलब है कि प्रशांत किशोर ने वर्ष 2017 में पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के चुनाव अभियान की कमान संभाली थी. वर्तमान में प्रशांत किशोर की कंपनी, इंडियन पालिटिकल एक्शन कमेटी (आई-पीएसी) पश्चिम बंगाल चुनाव में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस की मदद कर रही है. किशोर ने वर्ष 2014 के आम चुनाव में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री पद के लिए अभियान की कमान संभाली थी. इस बीच, प्रशांत किशोर ने NDTV से बातचीत में कहा, 'प्रमुख सलाहकार के रूप में काम करने का प्रस्ताव एक वर्ष से अधिक समय था. कैप्टन अमरिंदर सिंह मेरे लिए परिवार की तरह है और मैं उन्हें मना नहीं कर सकता.'