पुणे पोर्शे केस : दो डॉक्टर अरेस्ट, नाबालिग के ब्लड सैंपल में हेराफेरी करने का है आरोप

डॉक्टर अजय तावड़े और हरी हरनोर ससून अस्पताल में फोरेंसिक लैक के हेड हैं और दोनों पर नाबालिग के ब्लड सैंपर से हेराफेरी करने का आरोप है. पुलिस ने पूछताछ के बाद इन दोनों को गिरफ्तार किया है.

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19 मई की रात को पुणे में नाबालिग ने देर रात को पोर्शे से बाइक को टक्कर मार दी थी.
नई दिल्ली:

पुणे पोर्शे हादसे में पुलिस ने दो डॉक्टरों को नाबालिग के ब्लड सैंपल में हेराफेरी करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है. बता दें कि डॉक्टर अजय तावड़े और हरी हरनोर ससून अस्पताल में फोरेंसिक लैक के हेड हैं और दोनों पर नाबालिग के ब्लड सैंपर से हेराफेरी करने का आरोप है. पुलिस ने पूछताछ के बाद इन दोनों को गिरफ्तार किया है.

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बता दें कि 19 मई की रात को पुणे में पोर्शे चला रहे नाबालिग ने दो बाइक सवार को टक्कर मारी थी. इस वजह से बाइक पर सवार दोनों युवक और युवती की मौत हो गई थी. आरोपी अपनी 12वीं कक्षा के नतीजों का जश्न मनाने के लिए पुणे के पबों में दोस्तों के साथ शराब पीने के बाद कल्याणी नगर क्षेत्र से जा रहा था. उसी वक्त उसने शराब के नशे में तेज रफ्तार से कार चलाते हुए दो बाइक सवार आईटी प्रोफेशनल्स अनीश अवधिया और अश्विनी कोष्टा को टक्कर मार दी. इस घटना में दोनों की ही मौके पर मौत हो गई थी. 

दो पुलिस अधिकारियों को भी किया गया निलंबित

इस मामले में दो पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है और साथ ही यह मामला क्राइम ब्रांच को सौंप दिया गया था. पुलिस इंस्पेक्टर राहुल जगदाले और असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर विश्वनाथ टोडकरी को प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने के लिए निलंबित किय गया है.

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नाबालिग के दादा को भी किया गया गिरफ्तार

नाबालिग आरोपी के दादा को परिवार के एक ड्राइवर को बंधक बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने ड्राइवर को बताया था कि उसे बंधक बनाकर हादसे की जिम्मेदारी लेने के लिए कहा गया था और किसी को भी सच न बताने की धमकी दी गई थी. पुलिस ने किशोर के दादा को अपहरण और आपराधिक धमकी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. 

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किशोर के पिता को 7 जून तक जेल भेजा गया

पुणे के बिल्डर विशाल एस. अग्रवाल को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज गया है. अग्रवाल को नाबालिग बेटे द्वारा पोर्शे कार चलाते हुए दुर्घटना के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था. अग्रवाल की दो दिन की पुलिस रिमांड शुक्रवार को समाप्त होने के बाद उन्हें मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया. वहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.

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