महाराष्ट्र के पुणे के किसान दशरथ लक्ष्मण केदारी ने फसल का सही भाव ना मिलने और कर्ज से परेशान होकर खुदकुशी कर ली. उनकी परेशानी की सबसे बड़ी वजह तकरीबन 20 टन प्याज बिक ना पाने और सड़ जाने की वजह से हुआ भारी आर्थिक नुकसान था.
दशरथ लक्ष्मण केदारी का 20 टन प्याज गोदाम में भरा है और सड़ रहा है. उनकी पत्नी के भाई ने बताया कि, तकरीबन 20 टन प्याज का सही बाजार भाव नहीं मिल रहा था इसलिए यह रखी रह गई. एक एकड़ प्याज की खेती में तकरीबन डेढ़ लाख रुपये खर्च होता है. जबकि अभी लोकल बाजार में प्याज 13 से 14 रुपये किलो मिल रहा है. मतलब एक एकड़ की फसल पर एक लाख 30 हजार के करीब. इससे लागत भी नहीं निकल रही है.
किसानों के मुताबिक प्याज का निर्यात बंद होने की वजह से यह हालत है. इसके लिए एक हफ्ते पहले ही प्याज के निर्यात पर रोक हटाने की मांग को लेकर मोर्चा निकाला गया था जिसमें दशरथ लक्ष्मण केदारी भी शामिल हुए थे. उसके तीन दिन बाद ही उन्होंने खुदकुशी कर ली.
पुणे जिले में किसान दशरथ लक्ष्मण केदारी ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जन्मदिन की बधाई देकर खुदकुशी कर ली थी. जिले के जुन्नर तहसील के वडगाव आनंद गांव में 17 सितंबर को दशरथ लक्ष्मण केदारी ने चिट्ठी लिखकर खुदखुशी की.
मरने से पहले लिखी गई चिट्ठी में दशरथ ने लिखा है, " हमारे पास पैसा नहीं हैं. साहूकार इंतजार करने को तैयार नहीं हैं. क्या करें? हम प्याज को बाजार तक ले जाने का जोखिम भी नहीं उठा सकते. आप बस अपने बारे में सोच रहे हैं मोदी साहब. आपको उत्पाद के लिए गारंटीकृत मूल्य प्रदान करना होगा. आप कृषि पर नियंत्रण नहीं रख पा रहे हैं. किसानों को क्या करना चाहिए?"
किसान ने लिखा, " फाइनेंस वाले धमकाते हैं, और पतपेढ़ी (सहकारी समिति) के अधिकारी गाली-गलौज करते हैं. न्याय के लिए हम किसके पास जाएं? आज मैं आपकी निष्क्रियता के कारण आत्महत्या करने को मजबूर हूं. कृपया हमें फसलों की कीमत दें, जो हमारा अधिकार है. आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभेच्छा मोदी साहब."
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