भाजपा शासित राजस्थान (Rajasthan) में मंत्री पदों के बंटवारे में देरी पर सवाल उठाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने दावा किया कि राज्य सरकार के हर विभाग में भ्रम की स्थिति है. ऐसे में आम जनता में निराशा है, जो चुनाव परिणाम के 22 दिनों के बाद भी अपने मंत्रियों को नहीं जानते हैं. राजस्थान में भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिला है. ऐसे में मंत्री पदों के बंटवारे में देरी पर सवाल उठ रहे हैं. राज्य में विधानसभा की 200 में से 199 सीट पर 25 नवंबर को मतदान हुआ भाजपा ने 115 सीट जीतीं, जबकि कांग्रेस को 69 सीट मिलीं हैं.
22 दिन बाद भी मंत्रिमंडल का गठन नहीं हो सका
अशोक गहलोत ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "निराशा है... क्योंकि राजस्थान की जनता ने 3 दिसंबर को बीजेपी को स्पष्ट जनादेश दिया था. लेकिन 22 दिन बाद भी मंत्रिमंडल का गठन नहीं हो सका है. इससे सरकारी कामकाज ठप हो गया है. सभी में असमंजस की स्थिति है. लोगों को पता नहीं है कि अपनी समस्याओं के लिए किसके पास जाना चाहिए? इसलिए जल्द से जल्द कैबिनेट का गठन किया जाना चाहिए, ताकि सरकार का काम सुचारू रूप से आगे बढ़ सके."
चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना पर रुख हो स्पष्ट
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें मीडिया से यह भी जानकारी मिली है कि निजी अस्पताल उनकी सरकार की चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत इलाज करने से इनकार कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "मौजूदा सरकार को हमारी योजनाओं पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए, ताकि लोगों को परेशान न किया जाए. नई योजनाएं लागू होने तक उन्हें हमारी योजनाएं जारी रखनी चाहिए."
लिस्ट लगभग फाइनल, बस...
भाजपा ने आगामी लोकसभा चुनावों से पहले राजस्थान में पहली बार विधायक बने भजन लाल शर्मा को अपना मुख्यमंत्री चुना है. भजनलाल शर्मा ने 12 दिसंबर को दो विधायकों (दीया कुमारी और प्रेम चंद बैरवा) के साथ पद की शपथ ली थी. लेकिन अन्य मंत्रियों के नामों की घोषणा अभी बाकी है. हालांकि, इस बीच सुना गया कि भजनलाल शर्मा दो बार दिल्ली आए और लिस्ट लगभग फाइनल है.
वसुंधरा राजे के करीबियों को भी कैबिनेट में जगह
भाजपा के सूत्रों ने बताया कि स्टेट पार्टी यूनिट शपथ ग्रहण कार्यक्रम के लिए आलाकमान की हरी झंडी का इंतजार कर रही है, जो अगले दो दिनों में कभी भी हो सकता है. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि नये मंत्रिमंडल में अनुभवी नेता और पहली बार मंत्री बने दोनों विधायक होंगे. राजस्थान में पिछली बीजेपी सरकार में वसुंधरा राजे कैबिनेट के कुछ चेहरों को भी कैबिनेट में जगह मिल सकती है. भाजपा सूत्रों ने कहा कि जातिगत समीकरण और लोकसभा चुनाव मंत्रियों के चयन में अहम बिंदु है.
राजस्थान में विधानसभा की 200 में से 199 सीट पर 25 नवंबर को मतदान हुआ भाजपा ने 115 सीट जीतीं, जबकि कांग्रेस को 69 सीट मिलीं. करणपुर सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी के निधन के कारण चुनाव स्थगित कर दिया गया था. इस सीट पर अब पांच जनवरी को मतदान होगा.