देखें VIDEO: ओलिंपिक में पदक जीतने के बाद हॉकी टीम के पास आया सरप्राइज़ फोन कॉल

वीडियो में दिख रहा है कि मनप्रीत सिंह ने फोन को स्पीकर पर रखा हुआ है और वह कहते हैं- नस्कार सर. फोन पर दूसरी तरफ पीएम मोदी हैं. पीएम मोदी कहते हैं- बहुत बहुत बहुत बधाई.  पीएम मोदी ने कहा -आपको और टीम को बहुत बहुत बधाई. आपने बहुत गजब काम किया है. पूरा देश नाज कर रहा है.

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भारतीय हॉकी टीम की जीत पर पीएम मोदी ने दी बधाई
नई दिल्ली:

टोक्यो में जारी ओलिंपिक 2020 खेलों में गुरुवार को भारत ने हॉकी में ओलिंपिक में 41 साल का सूखा खत्म करते हुए जर्मनी को 5-4 से हराकर कांस्य पदक जीत लिया है. हॉकी में इस ऐतिहासिक जीत पर पीएम मोदी ने कप्तान मनप्रीत सिंह और कोच ग्राहम रीड को सरप्राइज कॉल किया. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने पीएम मोदी के कॉल वाले इस वीडियो को ट्वीट किया है. इसमें पीएम मोदी टीम के कप्तान को बधाई दे रहे हैं. वीडियो में दिख रहा है कि मनप्रीत सिंह ने फोन को स्पीकर पर रखा हुआ है और वह कहते हैं- नस्कार सर. फोन पर दूसरी तरफ पीएम मोदी हैं. पीएम मोदी कहते हैं- बहुत बहुत बहुत बधाई.  पीएम मोदी ने कहा -आपको और टीम को बहुत बहुत बधाई. आपने बहुत गजब काम किया है. पूरा देश नाज कर रहा है. आप लोगों की मेहनत काम कर रही है. मेरी और से सभी को बधाई. पीएम मोदी ने हेड कोच ग्राहम रीड और सहायक कोच पीयूष दुबे से भी बात की और उन्हें बधाई दी.

वहीं पीएम मोदी ने पूरी टीम को ट्वीट करके भी बधाई दी और लिखा कि "ऐतिहासिक! यह एक ऐसा दिन जो हर भारतीय की यादों में बसा रहेगा. कांस्य पदक जीतने के लिए हमारी पुरुष हॉकी टीम को बधाई. इस उपलब्धि के साथ, उन्होंने पूरे देश खासकर हमारे युवाओं की कल्पनाओं को कैप्चर कर लिया है. भारत को अपनी हॉकी टीम पर गर्व है." लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला हॉकी टीम को बधाई देते हुए कहा, "करीब 41 वर्ष पुराना पदक का इंतजार समाप्त कर हॉकी टीम ने देशवासियों का दिल जीत लिया है. कप्तान मनप्रीत सिंह सहित पूरी टीम पर देश को गर्व है."

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बता दें कि राष्ट्रपति भवन की ओर से किए गए ट्वीट में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, "हमारी पुरुष हॉकी टीम को 41 साल बाद हॉकी में ओलंपिक पदक जीतने के लिए बधाई. टीम ने जीतने के लिए असाधारण कौशल, लचीलापन और दृढ़ संकल्प दिखाया. यह ऐतिहासिक जीत हॉकी में एक नए युग की शुरुआत करेगी और युवाओं को खेल में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगी."

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एक  समय भारतीय टीम मुकाबले में 1-3 से पिछड़ रही थी, लेकिन दूसरे क्वार्टर में भारत ने मुकाबले को 3-3 की बराबरी पर  ला दिया. और तीसरे क्वार्टर में भारत ने इस बढ़त को 5-3 करके बहुत हद तक कांस्य सुनिश्चित कर दिया. यहां से जर्मनी ने एक गोल के अंतर को कम जरूर किया, लेकिन वह 5-4 की बढ़त  से आगे नहीं जा सकी. जर्मनी को मैच के आखिरी मिनट में पेनल्टी कॉर्नर मिला, लेकिन इसे गोलची श्रीजैश ने निस्तेज कर दिया और इसी के साथ पूरा भारत झूम उठा. कांस्य पक्का हो गया. भारत ने आखिरी बार 1980 में मॉस्को ओलिंपिक में पदक जीता था, जो स्वर्ण के रूप में आया था. 

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