पटना में छात्रों पर लाठीचार्ज, प्रशांत किशोर समेत 21 के खिलाफ मामला दर्ज, 700 अज्ञात लोगों को भी किया गया नामजद

BPSC के खिलाफ छात्रों का प्रदर्शन काफी समय से जारी है. छात्र मांग कर रहे हैं कि बीते दिनों BPSC ने जो परीक्षा ली थी उसे रद्द किया जाए. जबकि सरकार सिर्फ एक सेंटर पर ही (जहां गड़बड़ी हुई थी) दोबारा से परीक्षा कराने को तैयार है.

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पटना में बीपीएससी के खिलाफ छात्रों के मार्च के दौरान पुलिस ने किया लाठीचार्ज
पटना:

BPSC के खिलाफ बिहार की राजधानी पटना में छात्रों का प्रदर्शन बीते कई दिनों से जारी है. रविवार शाम को भी छात्र अपनी मांगों को लेकर जेपी गोलंबर चौक पर प्रदर्शन कर रहे थे. प्रदर्शन कर रहे इन छात्रों को अब पुलिस ने वहां से हटा दिया है. पुलिस ने छात्रों को हटाने के लिए पहले लाठीचार्ज किया और बाद में उनपर वाटर कैनन से पानी की बौछार भी की. कुछ समय पहले तक यहां छात्रों की बड़ी भीड़ अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रही थी. प्रदर्शनकारी छात्र रविवार शाम को गांधी मैदान से सीएम आवास तक मार्च निकाल रहे थे जिसे पुलिस ने जेपी गोलंबर पर रोक दिया था. पुलिस ने लाठीचार्ज के बाद प्रशांत किशोर के साथ-साथ प्रदर्शन कर रहे 21 छात्रों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.

बता दें कि छात्र बीते दिनों हुई BPSC की परीक्षा को रद्द करने के साथ-साथ नॉर्मलाइजेशन को भी रद्द करने की मांग कर रहे हैं. छात्रों को कहना है कि कुछ दिन पहले जो परीक्षा ली गई थी उसे फिर से आयोजित कराई जाए, जबकि बीपीएससी सिर्फ उसी एक केंद्र पर इस परीक्षा को दोबारा से आयोजित कराने के लिए तैयार दिख रही है, जहां पर परीक्षा के दौरान गड़बड़ी होने की बात सामने आई थी. 

इनके खिलाफ हुई एफआईआर

पटना पुलिस ने जिनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है उनमें जन सुराज पार्टी के अध्यक्ष मनोज भारती, कोचिंग संचालक रह्मांशु मिश्रा, निखिल मणि तिवारी, सुभाष कुमार ठाकुर, शुभम स्नेहिल, प्रशांत किशोर, प्राशंत किशोर के साथ उनके दो बाउंसर, आनंद मिश्रा, आरके मिश्रा, विष्णु कुमार, सुंजीत कुमार सहित कुल 21 लोगों को नामजद किया गया है. जबकि 600-700 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. 

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पुलिस ने छात्रों पर किया लाठीचार्ज

खबर आ रही है कि पुलिस ने जेपी गोलंबर पर प्रदर्शन कर रहे छात्रों को हटाने के लिए उनपर लाठीचार्ज किया है. पुलिस ने छात्रों को हटाने के लिए वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया है. आपको बता दें कि पुलिस के अधिकारी छात्रों से शाम से ही प्रदर्शन खत्म करने की अपील कर रहे थे, लेकिन छात्र गांधी मैदान से सीएम आवास तक मार्च निकालने की जिद्द पर अड़े रहे. इस बीच खबर ये भी आई कि बिहार के चीफ सेक्रेटरी ने छात्रों के एक प्रतिनिधिमंडल को बातचीत के लिए आमंत्रित भी किया है. 

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चीफ सेक्रेटरी ने छात्रों के प्रतिनिधिमंडल को मिलने बुलाया

छात्रों के प्रदर्शन के बीच अब खबर आ रही है कि बिहार के चीफ सेक्रेटरी ने पांच छात्रों के एक प्रतिनिधिमंडल को मिलने बुलाया गया है. छात्रों का कहना है कि अगर बातचीत में कोई निष्कर्ष नहीं निकला तो इसके बाद वो कल तय करेंगे कि अब आगे कि क्या रणनीति होनी चाहिए. आपको बता दें कि गांधी मैदान से सीएम आवास तक मार्च निकाल रहे छात्र मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर उनके सामने अपनी मांग रखना चाहते थे. क्योंकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार फिलहाल दिल्ली में हैं. इस वजह से अब चीफ सेक्रेटरी ने इन छात्रों को मिलने बुलाया है. इससे,पहले बड़ी संख्या में अभ्यर्थी गांधी मैदान पहुंचे और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष प्रदर्शन किया. प्रशांत किशोर ने छात्रों की एक कमेटी बनाने और धरना जारी रखने की बात कही। इसके बाद किशोर ने सरकार को दो दिन का समय देने की वकालत की। लेकिन, अभ्यर्थी नहीं माने और रविवार को ही मार्च करने का निर्णय लिया।

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25 दिसंबर को भी छात्रों पर हुआ था लाठीचार्ज

आपको  बता दें कि कुछ दिन बिहार में इन दिनों बिहार पब्लिक सर्विस कमिश्न यानी बीपीएससी को लेकर छात्रों में लगातार गुस्सा दिख रहा है. बीपीएससी अभ्यार्थी पटना के गर्दनीबाग इलाके में लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शन कर रहे छात्रों का आरोप है कि बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा में धांधली की गई है, ऐसे में उस परीक्षा को निरस्त किया जाना चाहिए. छात्रों के विरोध प्रदर्शन के बीच आयोग ने भी अपनी स्थिति साफ करते हुए कहा है कि परीक्षा को पेपर लीक नहीं हुआ है. छात्रों का विरोध प्रदर्शन 25 दिसंबर को भी जारी था, जिसे रोकने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज भी करना पड़ा था. इस लाठीचार्ज में कई छात्रों को गंभीर चोटें भी आई थी. 

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हौसला बढ़ाने आए खान सर 

प्रदर्शन कर रहे छात्रों का हौसला बढ़ाने के लिए बीते दिनों एक बार फिर खान सर प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे थे. उन्होंने उस दौरान छात्रों को संबोधित करते हुए कहा था कि सरकार अगर अड़ी है तो छात्र लोग कौन से पीछे हट गए हैं. हम अपने हक की लड़ाई के लिए यहां है. सरकार कहती है कि बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ और पटना पर पुलिस ने बेटी पर लाठी चलाया है. ये सही नहीं है. खान सर ने कहा कि हम बीपीएससी से कहना चाहते हैं कि वो हमारे सोनू को लौटा दे. जिन अधिकारियों की वजह से सोनू की मौत हुई है उनके खिलाफ केस दर्ज होना चाहिए. सौरभ जब हमारे पास पढ़ता था तो उसकी रैंकिंग 20 हजार छात्रों में कभी सौ तो कभी डेढ़ सौ होती थी. वो टॉप रैंकिंग का छात्र था. सोनू री-एग्जाम चाहता था. ये लड़ाई हम सोनू के लिए भी लड़ रहे हैं. 

प्रशांत किशोर भी मिलने पहुंचे थे

गांधी मैदान से शुरू हुई छात्रों के इस मार्च में प्रशांत किशोर भी शामिल हो रहे हैं. आपको बता दें कि धरने के बीच शनिवार को प्रशांत किशोर अभ्यर्थियों से मिलने धरना स्थल पर पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे रामांशु से चर्चा की. इस दौरान प्रशांत किशोर ने कहा था, गांधी मैदान में गांधी मूर्ति के नीचे सारे छात्र और युवा उनके भविष्य की चिंता करने वाले सभी लोग साथ में बैठेंगे और छात्र संसद में एक साथ आगे की योजना बनाई जाएगी. इसका आयोजन दोपहर को 12 बजे किया जाएगा. 

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