गुजरात: प्रगति-G पोर्टल की सफलता: 'प्रोजेक्ट सेतु' ने पूरे किए 48% प्रोजेक्ट्स

प्रगति- G पोर्टल यानी Pro-Active Governance and Timely Implementation in Gujarat के तहत ₹5 करोड़ से अधिक लागत वाले प्रोजेक्ट्स की निगरानी की जाती है. इस पोर्टल के अंतर्गत अब तक 7,812 प्रोजेक्ट्स से अधिक परियोजनाएं रजिस्टर्ड हो चुकी हैं.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में गुजरात राज्य पारदर्शिता, जवाबदेही और नागरिक-केंद्रित पहलों के साथ सुशासन का एक आदर्श उदाहरण बन गया है. इस बदलाव में एक अहम पहल सीएम डैशबोर्ड है, जो एक उन्नत डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के रूप में राज्य की विकास परियोजनाओं और सार्वजनिक सेवाओं की वास्तविक समय में निगरानी और प्रबंधन सुनिश्चित करता है.

सीएम डैशबोर्ड की इसी क्षमता को बढ़ाते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने पिछले साल यानी 2023 में सुशासन दिवस के दिन प्रगति- G पोर्टल (Pro-Active Governance and Timely Implementation in Gujarat) के तहत 'प्रोजेक्ट सेतु' मोड्यूल को लॉन्च किया था. अब प्रोजेक्ट सेतु मोड्यूल को एक साल पूरे होने जा रहे हैं. 

क्या है सीएम डैशबोर्ड के प्रगति- G पोर्टल का 'प्रोजेक्ट सेतु' मोड्यूल?
राज्य के विभिन्न विभागों के तहत चल रही परियोजनाओं को समय से पूरा करने और उन परियोजनाओं के अमलीकरण में आ रही समस्याओं के त्वरित निवारण के लिए मुख्यमंत्री के स्तर की निगरानी प्रणाली के तौर पर सीएम डैशबोर्ड के प्रगति- G पोर्टल के अंतर्गत प्रोजेक्ट सेतु मोड्यूल को लॉंच किया गया. इस मॉड्यूल के तहत मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अधिकारी स्वयं राज्य की विभिन्न परियोजनाओं की माइक्रो-लेवल मॉनिटरिंग करते हैं. इसके लिए प्रोजक्ट्स के मुद्दों को 10 से अधिक श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है और इसी को आधार बनाकर उनकी विस्तृत समीक्षा की जाती है.

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गुजरात सरकार के ‘प्रोजेक्ट सेतु' ने सिर्फ 1 साल की छोटी सी कार्य अवधि में ₹78,000 करोड़ की लागत वाली 380 महत्वपूर्ण परियोजनाओं की गहन समीक्षा कर एक नई मिसाल पेश की है. इस प्रक्रिया के तहत 327 मुद्दे सामने आए इसमें 193 समस्याओं का सफल समाधान किया गया, जो लगभग 60% की प्रभावशाली सफलता दर को दर्शाता है. इन समस्याओं के त्वरित समाधान मिलने से इन परियोजनाओं के समय से पूरा होने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है.

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इतना ही नहीं, ‘प्रोजेक्ट सेतु' मॉड्यूल के अंतर्गत विभिन्न विभागों की छोटी-बड़ी परियोजनाओं की रिव्यू मीटिंग की सुविधा ने राज्य सरकार की समीक्षा प्रक्रिया को पूरी तरह से पेपरलेस भी बना दिया है. इससे न केवल पारदर्शिता बढ़ी है, बल्कि निर्णय लेने की प्रक्रिया भी तेज हो गई है.

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समीक्षा किए गए प्रमुख विभागों में नगरीय विकास (₹22,653 करोड़, 76 परियोजनाएँ), सड़क और भवन (₹6,755 करोड़, 73 परियोजनाएँ), जल आपूर्ति (₹17,756 करोड़, 78 परियोजनाएँ), ऊर्जा एवं पेट्रोकेमिकल्स (₹2,777 करोड़, 21 परियोजनाएँ), उद्योग एवं खनिज (₹6,579 करोड़, 11 परियोजनाएँ) और जनजातीय विकास (₹318 करोड़, 12 परियोजनाएँ) शामिल हैं। ‘प्रगति- G' पोर्टल और ‘प्रोजेक्ट सेतु' मॉड्यूल के प्रभावी उपयोग से गुजरात सरकार समयबद्ध क्रियान्वयन, पारदर्शिता और निगरानी में आदर्श डिजिटल गवर्नेंस मॉडल प्रस्तुत कर रही है, जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक सशक्त उदाहरण है.

क्या है सीएम डैशबोर्ड का प्रगति- G पोर्टल
प्रगति- G पोर्टल यानी Pro-Active Governance and Timely Implementation in Gujarat के तहत ₹5 करोड़ से अधिक लागत वाले प्रोजेक्ट्स की निगरानी की जाती है. इस पोर्टल के अंतर्गत अब तक 7,812 प्रोजेक्ट्स से अधिक परियोजनाएं रजिस्टर्ड हो चुकी हैं. इतना ही नहीं, इनमें से 3,753 प्रोजेक्ट्स यानी कि 48% परियोजनाओं को सफलतापूर्वक पूरा भी किया जा चुका है, जबकि अन्य प्रोजेक्ट्स विभिन्न चरणों पर काम जारी है.

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गुजरात सरकार की प्रगति-G पोर्टल और प्रोजेक्ट सेतु पहल न केवल प्रभावी निगरानी और समयबद्ध क्रियान्वयन को सुनिश्चित करती है, बल्कि राज्य में पारदर्शी और जवाबदेह गवर्नेंस का उत्कृष्ट उदाहरण भी प्रस्तुत करती है. ‘प्रोजेक्ट सेतु' के जरिए गुजरात सरकार ने तेजी से मुद्दों के समाधान, अंतरविभागीय समन्वय और विकास कार्यों में तेजी को साकार किया है. ‘प्रोजेक्ट सेतु' की यह सफलता न केवल परियोजनाओं को गति प्रदान कर रही है, बल्कि गुजरात के विकास मॉडल को और सुशासन युक्त बना रही है.

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