AIIMS में इलाज में ‘देरी’ की वजह से महिला की मौत के मामले में जांच के आदेश

परिवार का आरोप है कि उन्हें पांच से छह में घंटे दोबारा पंजीकरण की प्रक्रिया से गुजरना पड़ा, ताकि इस तथ्य को छिपाया जा सके कि महिला इतने लंबे समय तक इलाज के लिए आपात सेवा के समक्ष इंतजार कर रही थी.

विज्ञापन
Read Time: 6 mins
एम्स प्रशासन ने जांच शुरू की है.
नई दिल्ली:

दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के प्रशासन ने अस्पताल के आपात विभाग में 75 वर्षीय एक महिला की इलाज में कथित देरी की वजह से मौत के आरोपों की जांच शुरू कर दी है. परिवार का आरोप है कि उन्हें पांच से छह में घंटे दोबारा पंजीकरण की प्रक्रिया से गुजरना पड़ा, ताकि इस तथ्य को छिपाया जा सके कि महिला इतने लंबे समय तक इलाज के लिए आपात सेवा के समक्ष इंतजार कर रही थी.

नेब सराय में रहने वाले परिवार ने आरोप लगाया कि बदामो देवी को बुधवार रात 11 बजकर 30 मिनट पर एम्स के आपात सेवा विभाग ले गए. देर रात 12 बजकर करीब 30 मिनट पर उनके बेटे को पंजीकरण की पर्ची दी गई.

महिला के बेटे विजय कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा' को बताया, ‘‘हालांकि, आपात सेवा विभाग ने बिस्तर नहीं होने का हवाला देकर भर्ती से इनकार कर दिया. हमें मरीज को किसी अन्य अस्पताल में ले जाने को कहा गया.'' उन्होंने बताया कि देर रात परिवार ने एम्स के आपात विभाग के समक्ष इंतजार किया और लगातार मरीज को भर्ती करने का अनुरोध करता रहा.

उन्होंने बताया कि महिला की हालत तड़के चार बजकर करीब 30 मिनट पर और खराब हो गई. परिवार ने इलाज की मांग की. तब जाकर उन्हें आपात सेवा विभाग में ले जाया गया. परिवार से दोबारा पंजीकरण कराने को कहा गया. कुमार ने बताया, ‘‘दूसरी बार पर्ची लेकर मैं वापस गया तब पता चला कि मेरी मां की पहले ही मौत हो चुकी है.''

बेटे ने दावा किया कि अगर उसकी मां को समय पर इलाज मिलता तो वह जिंदा होती. उन्होंने कहा, ‘‘ यह अस्पताल की ओर से की गई घोर लापरवाही है.'' एक अधिकारी ने बताया कि एम्स प्रशासन ने जांच शुरू की है और जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
'Ground Zero' Film पर Emraan Hashmi का Interview, Pahalgam Terror Attack पर Pakistan को दिया जवाब
Topics mentioned in this article