Priyanka Gandhi Will Contest Wayanad Seat: कांग्रेस ने आखिर वो पत्ता चल ही दिया, जिसका इंतजार सालों से उसके कार्यकर्ता कर रहे थे. प्रियंका गांधी अब वायनाड सीट पर उपचुनाव लड़ेंगी. इसकी घोषणा कांग्रेस की तरफ से कर दी गई. इसके साथ ही प्रियंका गांधी की चुनावी करियर अब शुरू हो गया. वैसे प्रियंका गांधी राजनीति में बहुत पहले ही एंट्री ले चुकी थीं, लेकिन वो सिर्फ पार्टी से ही जुड़ी हुईं थीं और किसी सदन की सदस्य नहीं थीं.
प्रियंका गांधी के चुनाव लड़ने और लड़ाने की अटकलें काफी सालों से लगाई जा रही थी. राहुल गांधी जब इस बार अमेठी की सीट छोड़ रायबरेली से लड़े तो काफी लोगों ने अनुमान लगाया कि वो अमेठी से स्मृति ईरानी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगी. मगर कांग्रेस ने वहां से गांधी परिवार के खास किशोरी लाल शर्मा को उतार दिया और वो स्मृति ईरानी के खिलाफ जीत भी गए.
राहुल गांधी ने क्यों छोड़ी?
राहुल गांधी 2019 के चुनाव की हार को देखते हुए 2024 में रायबरेली के अलावा केरल की वायनाड सीट से भी फिर चुनाव लड़े और दोनों सीटों से इस बार जीत गए. इसके बाद राहुल गांधी को दोनों सीटों में से एक सीट को अपने पास रखना था. यूपी की ताकत और कांग्रेस के घटते जनाधार को बरकरार रखने के लिए राहुल गांधी ने रायबरेली सीट को अपने पास रखा और वायनाड सीट से इस्तीफा दे दिया.
अटकलें सही हुईं
इसके बाद से एक बार फिर अटकलें लगने लगीं कि राहुल गांधी की इस छोड़ी गई सीट से प्रियंका गांधी को उतारा जा सकता है और आज जैसे ही चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र और हरियाणा चुनाव के साथ देश के 15 राज्यों में खाली लोकसभा और विधानसभा की खाली सीटों पर चुनाव और उपचुनाव कराने की घोषणा की तो कांग्रेस ने प्रियंका गांधी के नाम का ऐलान कर दिया. प्रियंका गांधी की सीट पर कब मतदान है-जानने के लिए ये खबर पढ़ें: महाराष्ट्र, झारखंड के अलावा कहां-कहां के चुनाव की हुई घोषणा? जानिए किस दिन किस सीट पर होगी वोटिंग
कांग्रेस ने क्यों उतारा?
अर्से से कांग्रेस में ये बात अंदरखाने चल रही थी कि प्रियंका गांधी को भी चुनाव लड़ना चाहिए. हालांकि, कांग्रेस इससे बचती रही. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान भी कांग्रेस में मांग उठी थी कि प्रियंका गांधी को मुख्यमंत्री प्रत्याशी घोषित करना चाहिए, लेकिन कांग्रेस ने ऐसा नहीं किया. फिर अब क्यों? इसका जवाब ये है कि कांग्रेस को लगता है कि राहुल गांधी ने इस लोकसभा चुनाव में खुद को साबित कर दिया है. अब वे विपक्ष के भी सर्वमान्य नेता बन चुके हैं. ऐसे में प्रियंका गांधी के चुनाव लड़ने से उनकी तुलना राहुल गांधी से नहीं की जाएगी और न ही राहुल के भविष्य को लेकर सवाल उठाए जाएंगे. बल्कि इस वक्त प्रियंका गांधी के चुनावी राजनीति में आने से राहुल गांधी और मजबूत होंगे.