'अग्निपथ स्कीम देश के नवयुवकों को मार डालेगा' : प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने युवाओं से ‘अग्निपथ’ योजना के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की अपील की है.

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प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना

नई दिल्ली:

कांग्रेस के सांसदों और नेताओं ने सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए केंद्र की नयी अग्निपथ योजना का विरोध कर रहे युवाओं के प्रति एकजुटता दिखाते हुए रविवार को यहां जंतर मंतर पर ‘सत्याग्रह' किया. कांग्रेस नेताओं और समर्थकों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की आलोचना की और कहा कि अग्निपथ योजना देश के युवाओं के लिए फायदेमंद नहीं है तथा यह राष्ट्रीय सुरक्षा को भी खतरे में डालती है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा और पार्टी नेताओं-जयराम रमेश, राजीव शुक्ला, सचिन पायलट, सलमान खुर्शीद और अलका लांबा ने ‘सत्याग्रह' में हिस्सा लिया. प्रियंका गांधी ने कहा कि सरकार गरीबों और युवाओं के लिए नहीं, बल्कि बड़े उद्योगपतियों के लिए काम कर रही है.

पायलट ने ‘सत्याग्रह' से इतर पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘योजना को वापस लिया जाना चाहिए.'' उन्होंने प्रदर्शन कर रहे युवकों से हिंसा का सहारा नहीं लेने की अपील करते हुए कहा, ‘‘योजना का विरोध करना उनका अधिकार है लेकिन विरोध शांतिपूर्ण तरीके से किया जाना चाहिए. हिंसा नहीं होनी चाहिए.''

वहीं कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने युवाओं से ‘अग्निपथ' योजना के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की अपील की, पार्टी के पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया. प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए किया कहा कि सरकार ने एक ऐसी स्कीम को दे दिया है जो कि इस देश के नवयुवकों को मार डालेगा. यह स्कीम इस सेना को खत्म कर देगी. प्रियंका गांधी के इस बयान का वीडियो न्यूज एजेंसी एएनआई ने पोस्ट किया है.  

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देश के कई हिस्सों में युवा विवादास्पद रक्षा भर्ती योजना का विरोध कर रहे हैं. पिछले कुछ दिनों में, विभिन्न शहरों और कस्बों से प्रदर्शनकारियों द्वारा रेलवे स्टेशन पर तोड़फोड़ किए जाने, रेलगाड़ियों में आग लगाने और सड़कों तथा रेलवे पटरियों को अवरुद्ध करने की घटनाएं सामने आई हैं. धरना स्थल पर पुलिस और अर्धसैनिक बलों की भारी तैनाती देखी गई. जंतर-मंतर के प्रवेश और निकास द्वार को बंद कर दिया गया है.

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गत 14 जून को घोषित अग्निपथ योजना में साढ़े सत्रह साल से 21 वर्ष की आयु के युवाओं को केवल चार साल के लिए भर्ती करने का प्रावधान है, जिसमें से 25 प्रतिशत को 15 और वर्षों तक बनाए रखने का प्रावधान है. बाद में, सरकार ने 2022 में भर्ती के लिए ऊपरी आयु सीमा को 23 वर्ष तक बढ़ा दिया था.

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नयी योजना के तहत भर्ती किए जाने वाले कर्मियों को अग्निवीर के रूप में जाना जाएगा. इस योजना का एक प्रमुख उद्देश्य सैन्य कर्मियों की औसत आयु को कम करना और बढ़ते वेतन एवं पेंशन भुगतान में कटौती करना है.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)