कांग्रेस की नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने यूपी में किसानों की हालत को लेकर बिना नाम लिए केंद्र और योगी सरकार को निशाने पर लिया है. उन्होंने कहा कि यूपी में किसानों के लिए बिजली के दाम कई बार बढ़ चुके हैं. डीजल के दाम तो 100 से अधिक बार बढ़ चुके हैं, लेकिन किसान के गन्ने के दाम में 2017 से 0 रू की बढ़ोत्तरी हुई. आखिर किसानों के साथ ये अन्याय क्यों?
बता दें कि भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने भी मिलों द्वारा गन्ना किसानों को दिए जाने वाले न्यूनतम मूल्य में वृद्धि को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोत्तरी के मद्देनजर ‘‘अपर्याप्त'' बताया. मिलों को गन्ना किसानों को प्रति क्विंटल पांच रुपये अधिक देना होगा. उन्होंने मांग की कि गन्ने का उचित एवं लाभकारी मूल्य पेट्रोल, डीजल और उन अन्य वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि के अनुरूप होना चाहिए जो किसान फसल उगाने में इस्तेमाल करते हैं. केंद्र सरकार ने बुधवार को 2021-22 के नये विपणन सत्र के लिए गन्ने का उचित और लाभकारी (एफआरपी) मूल्य पांच रुपये बढ़ाकर 290 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। हालांकि, इसके साथ ही सरकार ने चीनी के बिक्री मूल्य में तत्काल बढ़ोतरी से इनकार किया है.
मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बुधवार को हुई बैठक में 2021-22 के विपणन वर्ष (अक्टूबर-सितंबर) के लिए गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य बढ़ाने का फैसला किया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे किसानों के हित में लिया गया ‘‘महत्वपूर्ण'' फैसला बताया और कहा कि इससे चीनी मिल से जुड़े श्रमिकों को भी लाभ होगा.