"प्रधानमंत्री जी आपके भाषणों में तो महिला सम्मान की बात होती है पर.." बिलकिस बानो मामले पर बोले शरद पवार

शरद पवार ने अपने ट्वीट में लिखा कि प्रधानमंत्री जी ने जो महिला सम्मान की बात की वह सम्मान की व्याख्या क्या है यह भारतीय जनता पार्टी ने गुजरात और देशवासियों के दिखाया है.

विज्ञापन
Read Time: 7 mins
शरद पवार का पीएम मोदी पर हमला
नई दिल्ली:

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार ने बिलकिस बानो मामले के दोषियों की रिहाई पर केंद्र सरकार और खुद पीएम की चुप्पी पर टिप्पणी की है. उन्होंने शनिवार को एक ट्वीट कर इशारों-इशारों में इस मामले के दोषियों के रिहा होने पर पीएम मोदी और बीजेपी द्वारा कोई बयान ना देने पर सवार खड़े किए हैं. पवार ने अपने ट्वीट में लिखा कि प्रधानमंत्री जी ने जो महिला सम्मान की बात की वह सम्मान की व्याख्या क्या है यह भारतीय जनता पार्टी ने गुजरात और देशवासियों के दिखाया है. उन्होंने अपने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि मुझे आश्चर्य होता है की, 15 अगस्त को देश के प्रधानमंत्री जी ने लाल किले से देशवासियों को संबोधित करते हुए महिला सम्मान की बात की. एक तरफ देश के प्रधानमंत्री महिला सम्मान की बात करते हैं और दो दिन के बाद प्रधानमंत्री जिस राज्य से आते हैं. उस गुजरात में बिलकिस बानो नाम की बहन पर जो अत्याचार किए गए, उसके बालबच्चों पर अत्याचार किए गए. उनकी हत्या की गई, उनके परिवार के लोगों की हत्या की गई, ऐसे गलत काम में जो लोग शामिल थे, उनकी सजा कम करने का काम भारतीय जनता पार्टी की गुजरात सरकार ने किया.ऐसे कई प्रश्न समाज के कई वर्गों के सामने हैं. खास बात ये है कि शरद पवार की यह टिप्पणी उस समय आई है जब बिलकिस मामले के दोषियों की रिहाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट कुछ दिन बाद ही सुनवाई करने वाला है. 

बता दें कि इस मामले के दोषियों की रिहाई के खिलाफ 130 से अधिक पूर्व नौकरशाहों ने शनिवार को भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) को एक खुला पत्र लिखा और उनसे इस ‘‘बेहद गलत फैसले'' को सुधारने का अनुरोध किया था. उन्होंने प्रधान न्यायाधीश से गुजरात सरकार द्वारा पारित इस आदेश को रद्द करने और सामूहिक बलात्कार तथा हत्या के दोषी 11 लोगों को आजीवन कारावास की सजा काटने के लिए वापस जेल भेजे जाने का आग्रह किया था.

पत्र में कहा गया है था कि भारत की आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर कुछ दिन पहले गुजरात में जो हुआ उससे हमारे देश के ज्यादातर लोगों की तरह, हम भी स्तब्ध हैं.'' ‘कंस्टीटयूशनल कंडक्ट ग्रुप' के तत्वावधान में लिखे गए पत्र में जिन 134 लोगों के हस्ताक्षर हैं उनमें दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग, पूर्व कैबिनेट सचिव के. एम. चंद्रशेखर, पूर्व विदेश सचिवों शिवशंकर मेनन और सुजाता सिंह और पूर्व गृह सचिव जी. के. पिल्लई शामिल हैं.

पूर्व नौकरशाहों ने कहा था कि दोषियों की रिहाई से ‘‘देश में नाराजगी है.'' पत्र में कहा गया है, ‘‘हमने आपको पत्र इसलिए लिखा है क्योंकि हम गुजरात सरकार के इस फैसले से बहुत व्यथित हैं और हम मानते हैं कि केवल उच्चतम न्यायालय के पास वह अधिकार क्षेत्र है, जिसके जरिये वह इस बेहद गलत निर्णय को सुधार सकता है.'' गौरतलब है कि गोधरा में 2002 में ट्रेन में आगजनी के बाद गुजरात में भड़की हिंसा के दौरान बिलकिस बानो से सामूहिक बलात्कार किया गया था. उस समय उसकी आयु 21 वर्ष थी और वह पांच महीने की गर्भवती थी. इस दौरान जिन लोगों की हत्या की गई थी, उनमें उसकी तीन साल की बेटी भी शामिल थी. मुंबई की विशेष सीबीआई अदालत ने जनवरी 2008 में सभी 11 आरोपियों को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी. बाद में इस फैसले को बंबई उच्च न्यायालय ने भी बरकरार रखा था.


 

Featured Video Of The Day
PM Modi Gujarat Visit: गुजरात की धरती से PM मोदी का ट्रंप को जवाब, कह डाली ये बात
Topics mentioned in this article