राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) ने प्रदर्शनकारी किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान (farmer's protest) लाल किले (Red fort) पर धार्मिक ध्वज फहराए जाने की घटना की पृष्ठभूमि में शुक्रवार को कहा कि गणतंत्र दिवस (Republic Day) पर तिरंगे का अपमान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने बजट सत्र के पहले दिन संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि संविधान हमें अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार देता है, वही संविधान हमें सिखाता है कि कानून और नियम का भी उतनी ही गंभीरता से पालन करना चाहिए. गौरतलब है कि किसानों के आंदोलन के मुद्दे को लेकर कांग्रेस समेत 20 से अधिक पार्टियों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया है.
बजट सत्र पर राष्ट्रपति का संबोधन : कृषि कानूनों से लेकर हिंसा तक पर कहीं यह 10 अहम बातें
कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, नेशनल कांफ्रेंस, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना, सपा, राजद, माकपा, भाकपा, आईयूएमएल, आरएसपी, पीडीपी, एमडीएमके, केरल कांग्रेस(एम) और एआईयूडीएफ ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रपति अभिभाषण के बहिष्कार का फैसला संयुक्त रूप से किया था. बाद में आम आदमी पार्टी, शिरोमणि अकाली दल, जनता दल (एस) और बसपा ने भी दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में शामिल नहीं होने का फैसला किया. राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान कांग्रेस के लोकसभा सदस्य रवनीत सिंह बिट्टू केंद्रीय कक्ष पहुंचे और कृषि कानूनों के खिलाफ नारेबाजी की. कृषि कानूनों का उल्लेख करते हुए कोविंद ने कहा, ‘‘व्यापक विमर्श के बाद संसद ने सात महीने पूर्व तीन महत्वपूर्ण कृषि सुधार, कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, कृषि (सशक्तीकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार विधेयक, और आवश्यक वस्तु संशोधन विधेयक पारित किए हैं.''
Budget 2021 : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में पेश किया आर्थिक सर्वे
उन्होंने कहा, ‘‘इन कृषि सुधारों का सबसे बड़ा लाभ भी 10 करोड़ से अधिक छोटे किसानों को तुरंत मिलना शुरू हुआ. छोटे किसानों को होने वाले इन लाभों को समझते हुए ही अनेक राजनीतिक दलों ने समय-समय पर इन सुधारों को अपना भरपूर समर्थन दिया था.''राष्ट्रपति ने इस बात पर जोर दिया, ‘‘वर्तमान में इन कानूनों के क्रियान्वयन देश की सर्वोच्च अदालत ने स्थगित किया हुआ है. मेरी सरकार उच्चतम न्यायालय के निर्णय का पूरा सम्मान करते हुए उसका पालन करेगी.''उन्होंने कहा, ‘‘पिछले दिनों तिरंगे और गणतंत्र दिवस जैसे पवित्र दिन का अपमान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. जो संविधान हमें अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार देता है, वही संविधान हमें सिखाता है कि कानून और नियम का भी उतनी ही गंभीरता से पालन करना चाहिए.''कोविंद ने कहा, ‘‘ मेरी सरकार यह स्पष्ट करना चाहती है कि तीन नए कृषि कानून बनने से पहले, पुरानी व्यवस्थाओं के तहत जो अधिकार थे तथा जो सुविधाएं थीं, उनमें कहीं कोई कमी नहीं की गई है. बल्कि इन कृषि सुधारों के जरिए सरकार ने किसानों को नई सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ-साथ नए अधिकार भी दिए हैं.''उन्होंने यह भी बताया, ‘‘कृषि को और लाभकारी बनाने के लिए मेरी सरकार आधुनिक कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी विशेष ध्यान दे रही है. इसके लिए एक लाख करोड़ रुपए के एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड की शुरुआत की गई है.''
कांग्रेस द्वारा राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करना दुर्भाग्यपूर्ण : रविशंकर प्रसाद
कोरोना वायरस महामारी से निपटने में केंद्र सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि सरकार के समय पर लिए गए सटीक फैसलों से लाखों देशवासियों का जीवन बचा है. उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना काल में बनी वैश्विक परिस्थितियों ने हमें यह याद दिलाया है कि आत्मनिर्भर भारत का निर्माण क्यों इतना महत्वपूर्ण है. यदि अपने महत्व को बढ़ाना है तो दूसरों पर निर्भरता को कम करते हुए आत्मनिर्भर बनना होगा.राष्ट्रपति ने कोरोना वायरस संक्रमण के कारण पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और छह संसद सदस्यों के निधन पर दुख जताया और श्रद्धांजिल अर्पित की.कोविंद ने कहा, ‘‘मुझे संतोष है कि सरकार के समय पर लिए गए सटीक फैसलों से लाखों देशवासियों का जीवन बचा है. आज देश में कोरोना के नए मरीजों की संख्या भी तेजी से घट रही है और जो संक्रमण से ठीक हो चुके हैं उनकी संख्या भी बहुत अधिक है.''उन्होंने इस बात पर जोर दिया, ‘‘यदि अपने महत्व को बढ़ाना है तो दूसरों पर निर्भरता को कम करते हुए आत्मनिर्भर बनना होगा.''राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘अपने सभी निर्णयों में मेरी सरकार ने संघीय ढांचे की सामूहिक शक्ति का अद्वितीय उदाहरण भी प्रस्तुत किया है. केंद्र और राज्य सरकारों के बीच इस समन्वय ने लोकतंत्र को मजबूत बनाया है और संविधान की प्रतिष्ठा को सशक्त किया है.''अभिभाषण के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा उनके मंत्रिमंडल के विभिन्न सदस्य, जद(यू) और बीजू जनता के सदस्य भी मौजूद थे.
सेंट्रल हॉल में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का अभिभाषण