इस साल 16 अगस्त यानी आज पारसी नववर्ष मनाया जा रहा है. इसे नवरोज के नाम से भी जाना जाता है. पारसी नववर्ष ‘नवरोज' के अवसर पर, राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने बधाई दी और कहा कि पारसी समुदाय के लोगों ने भारत के विकास और विकास के कई पहलुओं में बहुत बड़ा योगदान दिया है.
बता दें, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने भी ट्वीट कर बधाई दी. नायडू ने ट्विटर पर लिखा, "महान पारंपरिक उत्सव के साथ मनाया जाने वाला नवरोज सभी के लिए बंधुत्व, करुणा और सम्मान की भावना का प्रतीक है आने वाला साल हमारे जीवन में समृद्धि और खुशियां लाए."
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पारसी नववर्ष की बधाई देते हुए लिखा, "पारसी नव वर्ष की बधाई. सुख, समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य से भरे साल के लिए प्रार्थना. भारत विभिन्न क्षेत्रों में पारसी समुदाय के उत्कृष्ट योगदान का सम्मान करता है. नवरोज़ मुबारक"
बता दें, फ़ारसी में, 'नव' का अर्थ है नया, और 'रोज़' का अर्थ है दिन, जिसका शाब्दिक अर्थ है 'नया दिन'. ईरानी और पारसी समुदाय पिछले 3,000 वर्षों से पारंपरिक नव वर्ष मना रहे हैं.
यह दिन वसंत की शुरुआत के लिए समर्पित है और लोगों और विभिन्न समुदायों के बीच शांति, एकजुटता और दोस्ती को बढ़ावा देता है. यह दिन वसंत की शुरुआत और प्रकृति के नवीनीकरण का भी प्रतीक है.
आपको बता दें, भारत में, प्रमुख समारोह महाराष्ट्र और गुजरात में होते हैं, जहां एक बड़ी पारसी आबादी रहती है. ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार नवरोज अगस्त के महीने में मनाया जाता है. फ़ारसी राजा जमशेद के बाद नवरोज़ को जमशेद-ए-नवरोज़ के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन लोग एक दूसरे के लिए समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य की प्रार्थना करते हैं.
इस मौके पर पारसी समुदाय अपने पारंपरिक पोशाक में तैयार होते हैं. अपने घरों को सजाते हैं और स्वादिष्ट भोजन बनाते हैं. पारसी फायर अग्नि मंदिर (अगियरी) (Fire Temple (Agiary) जाते हैं और इस शुभ दिन पर फल, चंदन, दूध और फूल चढ़ाते हैं.