राष्ट्रपति भवन में गुरुवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ramnath Kovind) ने देश के सभी राज्यपालों और उप राज्यपालों के सम्मेलन को संबोधित किया. राष्ट्रपति ने गवर्नरों से आवाहन किया कि वो अपने-अपने राज्यों के विश्वविद्यालयों में क्लाइमेट चेंज पर विशेष टास्क फोर्स गठित करें और इस मुहिम में युवा छात्रों को जोड़ा जाना चाहिये. राष्ट्रपति भवन में हुए 51 गवर्नर्स कांफ्रेंस में राष्ट्रपति ने गवर्नरों से कोविड-19 टीकाकरण (Covid -19 vaccination) की प्रक्रिया को तेज़ करने में सक्रिय पहल करने की भी बात की. पिछले दो साल में पहली बार राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद देश के सभी गवर्नर और लेफ्टिनेंट गवर्नरों से ऑफलाइन मोड में मिले.
पूरे दिन चली इस कांफ्रेंस में राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वरिष्ठ कैबिनेट मंत्रियों के साथ कोरोना संकट से लेकर जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों से निपटने में गवर्नरों की भूमिका की समीक्षा की. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, ''टीकाकरण (vaccination) की प्रक्रिया को तेज़ करने में गवर्नरों की भूमिका अहम् होगी.'' उन्होने कहा, "108 करोड़ से ज्यादा वैक्सीनेशन के जरिए हम नागरिकों की जान बचाने की मुहिम में आगे बढ़ रहे हैं, हमारे देश ने दुनिया के अनेक विकसित देशों की तुलना में कोविड-19 का सामना बेहतर तरीके से किया".
गवर्नर कांफ्रेंस में जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने के लिए 2070 तक नेट जीरो जैसे टार्गेट्स को पूरा करने के लिए तैयार सरकार की रणनीति की भी समीक्षा की गयी.
राष्ट्रपति ने कहा - ग्लासगो में COP26 की बैठक में भारत ने क्लाइमेट चेंज से निपटने के लिए पांच लक्ष्य तय किए हैं, उन्हें पूरा करने में गवर्नरों को अहम भूमिका निभानी होगी. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, "आप सभी राज्यों के विश्वविद्यालयों के चांसलर हैं, आप राज्यों के विश्वविद्यालयों में टास्क फोर्स बनाकर युवाओं को क्लाइमेट चेंज से सीधे जोड़ सकते हैं".
राष्ट्रपति ने गवर्नरों से कहा जल जीवन मिशन , शुद्ध पेयजल, स्वच्छता और जल संरक्षण जैसी योजनाओं के महत्व को लेकर जन - अभियान को मज़बूत करने में गवर्नरों को अहम योगदान देना होगा.