President Murmu Full Speech : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का पूरा अभिभाषण 2024, ज्यों का त्यों पढ़ें 

राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने अभिभाषण में कहा कि मेरी सरकार, विकास के साथ ही विरासत पर भी उतना ही गर्व करते हुए काम कर रही है. विरासत पर गर्व का ये संकल्प आज अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, वंचित वर्ग और सर्वसमाज के गौरव का प्रतीक बन रहा है.

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राष्ट्रपति मुर्मू ने संसद में दिया अभिभाषण
नई दिल्ली:

लोकसभा के पहले सत्र की शुरुआत आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के साथ हुई. इस दौरान उन्होंने संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए महिलाओं, किसानों, अर्थव्यवस्था पर मोदी सरकार 3.0' के विजन को समझाया और पिछली सरकार की उपलब्धियों को भी गिनवाया. इस दौरान उन्होंने आपातकाल, वैश्विक चुनौतियों, बजट, देश की ग्रोथ, किसानों समेत अन्य मुद्दों पर भी क्या कुछ कहा, यहां पढ़ें उनका पूरा भाषण..

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राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने अभिभाषण में कहा कि मैं 18वीं लोकसभा के सभी नव निर्वाचित सदस्यों को बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं देती हूं. आप सभी यहां देश के मतदाताओं का विश्वास जीतकर आए हैं. देशसेवा और जनसेवा का ये सौभाग्य बहुत कम लोगों को मिलता है. मुझे पूरा विश्वास है, आप राष्ट्र प्रथम की भावना के साथ अपना दायित्व निभाएंगे, 140 करोड़ देशवासियों की आकांक्षाओं की पूर्ति का माध्यम बनेंगे. मैं श्री ओम बिरला जी को लोक सभा के अध्यक्ष की गौरवपूर्ण भूमिका के निर्वहन के लिए शुभकामनाएं देती हूं. उनके पास सार्वजनिक जीवन का बहुत व्यापक अनुभव है. मुझे विश्वास है कि वे लोकतांत्रिक परंपराओं को अपने कौशल से नई ऊंचाई देने में सफल होंगे.

"कश्मीर घाटी में वोटिंग के अनेक दशकों के रिकॉर्ड टूटे हैं"

मैं आज कोटि-कोटि देशवासियों की तरफ से भारत के चुनाव आयोग का भी आभार व्यक्त करती हूं. ये दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव था. करीब 64 करोड़ मतदाताओं ने उत्साह और उमंग के साथ अपना कर्तव्य निभाया है. इस बार भी महिलाओं ने बढ़-चढ़ कर मतदान में हिस्सा लिया है. इस चुनाव की बहुत सुखद तस्वीर जम्मू-कश्मीर से भी सामने आई है. कश्मीर घाटी में वोटिंग के अनेक दशकों के रिकॉर्ड टूटे हैं. बीते 4 दशकों में कश्मीर में हमने बंद और हड़ताल के बीच कम मतदान का दौर ही देखा था. भारत के दुश्मन, इसको वैश्विक मंचों पर जम्मू-कश्मीर की राय के रूप में दुष्प्रचारित करते रहे. लेकिन इस बार कश्मीर घाटी ने, देश और दुनिया में ऐसी हर ताकत को करारा जवाब दिया है. पहली बार, इस लोक सभा चुनाव में घर पर जाकर भी मतदान कराया गया है. मैं लोक सभा चुनाव से जुड़े हर कर्मी की सराहना करती हूं, उनका अभिनंदन करती हूं.

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"सरकार ने 10 वर्षों से सेवा और सुशासन का जो मिशन चलाया है"

 2024 के लोक सभा चुनाव की चर्चा आज पूरी दुनिया में है. दुनिया देख रही है कि भारत के लोगों ने लगातार तीसरी बार स्थिर और स्पष्ट बहुमत की सरकार बनाई है. छ: दशक बाद ऐसा हुआ है. ऐसे समय में जब भारत के लोगों की आकांक्षाएं सर्वोच्च स्तर पर हैं, लोगों ने मेरी सरकार पर लगातार तीसरी बार भरोसा जताया है. भारत के लोगों को ये पूर्ण विश्वास है कि उनकी आकांक्षाएं सिर्फ मेरी सरकार ही पूरा कर सकती है. इसलिए 2024 का ये चुनाव नीति, नीयत, निष्ठा और निर्णयों पर विश्वास का चुनाव रहा है. मजबूत और निर्णायक सरकार में विश्वास, सुशासन, स्थिरता और निरंतरता में विश्वास, ईमानदारी और कड़ी मेहनत में विश्वास,सुरक्षा और समृद्धि में विश्वास,सरकार की गारंटी और डिलीवरी पर विश्वास,विकसित भारत के संकल्प में विश्वास. मेरी सरकार ने 10 वर्षों से सेवा और सुशासन का जो मिशन चलाया है, ये उस पर मुहर है. ये जनादेश है कि भारत को विकसित बनाने का काम बिना रुके चलता रहे और भारत अपने लक्ष्यों की प्राप्ति करे.

"आगामी बजट में बड़े आर्थिक और सामाजिक निर्णय भी देखने मिलेंगे"

18वीं लोक सभा कई मायनों में एक ऐतिहासिक लोक सभा है. ये लोक सभा अमृतकाल के शुरुआती वर्षों में गठित हुई है. ये लोक सभा, देश के संविधान को अपनाने के 75वें वर्ष की भी साक्षी बनेगी. मुझे विश्वास है कि इस लोक सभा में जन कल्याण के फैसलों का नवीन अध्याय लिखा जाएगा. आगामी सत्र में मेरी सरकार अपने इस कार्यकाल का पहला बजट पेश करने जा रही है. ये बजट सरकार की दूरगामी नीतियों और futuristic vision का एक प्रभावी दस्तावेज़ होगा. इस बजट में बड़े आर्थिक और सामाजिक निर्णयों के साथ ही अनेक ऐतिहासिक कदम भी देखने को मिलेंगे. भारत के तेज विकास की जन आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए Reforms की गति अब और तेज की जाएगी. मेरी सरकार का मत है कि दुनियाभर से निवेशकों को आकर्षित करने के लिए राज्यों में स्वस्थ स्पर्धा हो. यही कंपटीटिव को-ऑपरेटिव फेडरलिज्म की सच्ची स्पिरिट है. राज्य के विकास से देश का विकास, इसी भावना के साथ हम आगे बढ़ते रहेंगे.

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"बीते 10 साल में देश की अर्थव्यस्था ने तेजी से विकास किया है"

Reform, Perform और Transform के संकल्प ने आज भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना दिया है. 10 साल में भारत 11वें नंबर की अर्थव्यवस्था से ऊपर उठकर पांचवें नंबर पर पहुंचा है. साल 2021 से लेकर साल 2024 के बीच भारत ने औसतन 8 प्रतिशत की रफ्तार से विकास किया है. और ये ग्रोथ सामान्य समय में नहीं हुई है. बीते वर्षों में हमने 100 साल की सबसे बड़ी आपदा देखी है. वैश्विक महामारी के कालखंड और विश्व के अलग-अलग कोनों में चल रहे संघर्षों के बावजूद भारत ने ये विकास दर हासिल की है. ये बीते 10 साल के रिफॉर्म्स और राष्ट्रहित में लिए गए बड़े फैसलों के कारण संभव हुआ है. आज भारत अकेले ही दुनिया की ग्रोथ में 15 प्रतिशत का योगदान दे रहा है. अब मेरी सरकार भारत को विश्व की तीसरे नंबर की इकॉनॉमी बनाने में जुटी हुई है. इस लक्ष्य की प्राप्ति विकसित भारत की नींव को भी मजबूत करने का काम करेगी.

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"सरकार के फोकस में है Manufacturing, Services और Agriculture सेक्टर "

मेरी सरकार अर्थव्यवस्था के तीनों स्तंभों - Manufacturing, Services और Agriculture को बराबर महत्व दे रही है. PLI schemes और Ease of Doing Business से बड़े पैमाने पर निवेश और रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं. पारंपरिक सेक्टर्स के साथ-साथ sunrise सेक्टर्स को भी मिशन मोड पर बढ़ावा दिया जा रहा है. चाहे सेमीकंडक्टर हो या सोलर हो,चाहे इलेक्ट्रिक व्हीकल हों या इलेक्ट्रॉनिक गुड्स हों,चाहे ग्रीन हाईड्रोजन हो या बैटरीज हों. चाहे एयरक्राफ्ट कैरीयर हो या फाइटर जेट्स हों. भारत इन सब सेक्टर्स में अपना विस्तार कर रहा है. लॉजिस्टिक्स कॉस्ट को कम करने के लिए भी मेरी सरकार लगातार प्रयास कर रही है. सरकार सर्विस सेक्टर को भी मजबूत करने में जुटी है. आज IT से लेकर टूरिज्म तक, हेल्थ से लेकर वेलनेस तक हर सेक्टर में भारत लीडर बन रहा है. और इससे बड़ी संख्या में रोजगार और स्वरोजगार के नए मौके बन रहे हैं.

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"खरीफ फसलों के लिए MSP में भी रिकॉर्ड वृद्धि की है"

पिछले 10 वर्षों में मेरी सरकार द्वारा ग्रामीण अर्थव्यवस्था के हर पहलू पर बहुत जोर दिया गया है. गांवों में कृषि आधारित उद्योगों, डेयरी और फिशरीज़ आधारित उद्योगों का विस्तार किया जा रहा है. इसमें भी सहकारिता को प्राथमिकता दी गई है. सरकार, किसान उत्पाद संघ-FPO और PACS (पैक्स) जैसे सहकारी संगठनों का एक बड़ा नेटवर्क बना रही है. छोटे किसानों की बड़ी समस्या भंडारण से जुड़ी होती है. इसलिए मेरी सरकार ने सहकारिता क्षेत्र में दुनिया की सबसे बड़ी भंडारण योजना पर काम शुरु किया है. किसान अपने छोटे खर्चे पूरे कर सकें, इसके लिए पीएम किसान सम्मान निधि के तहत उन्हें 3 लाख 20 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा राशि दी जा चुकी है. मेरी सरकार के नए कार्यकाल के शुरुआती दिनों में ही किसानों को 20 हजार करोड़ रुपए से अधिक की राशि ट्रांसफर की जा चुकी है. सरकार ने खरीफ फसलों के लिए MSP में भी रिकॉर्ड वृद्धि की है.

"दुनिया की डिमांड पूरा कर रहे हैं हमारे किसान" 

आज का भारत, अपनी वर्तमान जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अपनी कृषि व्यवस्था में बदलाव कर रहा है. हम ज्यादा से ज्यादा आत्मनिर्भर हों और ज्यादा से ज्यादा निर्यात से किसानों की आमदनी बढ़े, इस सोच के साथ नीतियां बनाई गई हैं, निर्णय लिए गए हैं. जैसे सरकार दलहन और तिलहन में दूसरे देशों पर निर्भरता कम करने के लिए देश के किसानों को हर संभव मदद दे रही है. ग्लोबल मार्केट में किस तरह के फूड प्रोडक्ट की डिमांड ज्यादा है, उसके आधार पर नई रणनीति बनाई जा रही है. आजकल ऑर्गेनिक उत्पादों को लेकर दुनिया में डिमांड तेज़ी से बढ़ रही है. भारत के किसानों के पास इस डिमांड को पूरा करने की भरपूर क्षमता है. इसलिए सरकार प्राकृतिक खेती और इससे जुड़े उत्पादों की सप्लाई चेन को सशक्त कर रही है. ऐसे प्रयासों से किसानों का खेती पर होने वाला खर्च भी कम होगा और उनकी आय भी और बढ़ेगी.


"योग के प्रति दुनिया का नजरिया बदल रहा है"

आज का भारत, दुनिया की चुनौतियां बढ़ाने के लिए नहीं बल्कि दुनिया को समाधान देने के लिए जाना जाता है. विश्व-बंधु के तौर पर भारत ने अनेक वैश्विक समस्याओं के समाधान को लेकर पहल की है. जलवायु परिवर्तन से लेकर खाद्य सुरक्षा तक, पोषण से लेकर सस्टेनबल एग्रीकल्चर तक हम अनेक समाधान दे रहे हैं. हमारे मोटे अनाज - श्री अन्न - की पहुंच सुपरफूड के तौर पर दुनिया के कोने-कोने में हो, इसके लिए भी अभियान चल रहा है. भारत की पहल पर, पूरी दुनिया ने वर्ष 2023 में इंटरनेशनल मिलेट्स इयर मनाया है. आपने देखा है, हाल ही में पूरी दुनिया ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस भी मनाया है. भारत की इस महान परंपरा की प्रतिष्ठा विश्व में लगातार बढ़ रही है. योग और आयुष को बढ़ावा देकर भारत एक स्वस्थ विश्व के निर्माण में मदद कर रहा है. मेरी सरकार ने रिन्यूएबल एनर्जी की क्षमता भी कई गुना बढ़ाई है. हम जलवायु से जुड़े लक्ष्यों को निर्धारित समय से पहले प्राप्त करके दिखा रहे हैं. नेट जीरो के लिए आज भारत के प्रयास कई दूसरे देशों को प्रेरित कर रहे हैं. इंटरनेशनल सोलर अलायंस जैसी पहल पर आज रिकॉर्ड संख्या में दुनिया के देश हमारे साथ जुड़े हैं.

"10 वर्षों में 209 से 605 तक पहुंची एयरलाइन रूट की संख्या"

आने वाला समय Green Era यानि हरित युग का है. मेरी सरकार इसके लिए भी हर ज़रूरी कदम उठा रही है. हम हरित उद्योगों पर निवेश बढ़ा रहे हैं, जिससे Green Jobs भी बढ़े हैं. Green एनर्जी हो या फिर Green मोबिलिटी, हर मोर्चे पर हम बड़े लक्ष्यों के साथ काम कर रहे हैं. मेरी सरकार अपने शहरों को दुनिया के बेहतरीन लिविंग स्पेस बनाने के लिए भी प्रतिबद्ध है. प्रदूषण से मुक्त, साफ-सुथरे और सुविधा युक्त शहरों में रहना भारत के नागरिकों का हक है. विशेष रूप से छोटे शहरों और कस्बों में बीते 10 वर्षों में अभूतपूर्व निवेश किया गया है. भारत में आज दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा डोमेस्टिक एविएशन मार्केट है. अप्रैल 2014 में भारत में सिर्फ 209 एयरलाइन रूट्स थे. अप्रैल 2024 में इनकी संख्या बढ़कर 605 हो गई है. हवाई यात्रा में हो रहे इस विस्तार का सीधा लाभ टीयर-2, टीयर-3 शहरों को हो रहा है. 10 वर्षों में देश के 21 शहरों तक मेट्रो सुविधाएं पहुंची हैं. वंदे मेट्रो जैसी कई योजनाओं पर काम चल रहा है. भारत का पब्लिक ट्रांसपोर्ट, दुनिया में बेहतरीन हो, इस लक्ष्य के साथ मेरी सरकार काम कर रही है.  

"पीएम ग्रामीण सड़क योजना के तहत गांवों में 3 लाख 80 हज़ार KM से ज्यादा सड़कें बनाई"

मेरी सरकार उन आधुनिक मानदंडों पर काम कर रही है, जिससे भारत विकसित देशों के सामने बराबरी से खड़ा हो सके. इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास इस दिशा में बदलते भारत की नई तस्वीर के रूप में उभरा है. मेरी सरकार ने 10 वर्षों में पीएम ग्रामीण सड़क योजना के तहत गांवों में 3 लाख 80 हज़ार किलोमीटर से ज्यादा सड़कें बनाई हैं. आज भारत में नेशनल हाईवेज और एक्सप्रेसवेज का जाल बिछ रहा है. नेशनल हाईवे बनाने की गति में भी दोगुने से अधिक की वृद्धि हुई है. अहमदाबाद-मुंबई के बीच हाई-स्पीड रेल इकोसिस्टम का निर्माण कार्य भी तेजी से आगे बढ़ रहा है. मेरी सरकार ने उत्तर, दक्षिण और पूर्वी भारत में Bullet train corridors के लिए feasibility studies शुरू करने का फैसला किया है. पहली बार देश में अंतर्देशीय जलमार्गों के विकास पर इतने व्यापक रूप से काम शुरू हुआ है.

इसका बड़ा लाभ नॉर्थ ईस्ट को होगा. मेरी सरकार ने नॉर्थ ईस्ट के विकास के लिए 10 वर्षों में आबंटन में 4 गुना से अधिक की वृद्धि की है. सरकार इस क्षेत्र को Act East Policy के तहत strategic gateway बनाने के लिए काम कर रही है. नॉर्थ ईस्ट में हर तरह की कनेक्टिविटी को बढ़ाया जा रहा है. शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन, रोजगार, हर क्षेत्र में विकास कार्यों को आगे बढ़ाया जा रहा है. असम में 27 हज़ार करोड़ रुपए की लागत से सेमीकंडक्टर प्लांट बनाया जा रहा है. यानि नॉर्थ ईस्ट, मेड इन इंडिया चिप्स का भी सेंटर होने वाला है. मेरी सरकार नॉर्थ ईस्ट में स्थाई शांति के लिए निरंतर काम कर रही है. पिछले दस वर्षों में अनेक पुराने विवादों को हल किया गया है, अनेक अहम समझौते हुए हैं. नॉर्थ ईस्ट में अशांत क्षेत्रों में तेज विकास करके चरणबद्ध तरीके से AFSPA हटाने का काम भी जारी है. देश के हर क्षेत्र में विकास के ये नए आयाम भारत के भविष्य का उद्घोष कर रहे हैं.

"लखपति दीदी बनाने का एक व्यापक अभियान चलाया गया है"


Women-led-development के लिए समर्पित मेरी सरकार ने महिला सशक्तिकरण के एक नए युग की शुरूआत की है. देश की नारीशक्ति लंबे समय तक लोक सभा और विधान सभा में अधिक भागीदारी की मांग कर रही थी. आज उनके पास नारी शक्ति वंदन अधिनियम की ताकत है. सरकार की योजनाओं की वजह से पिछले एक दशक में महिलाओं का आर्थिक सामर्थ्य बढ़ा है. आप जानते हैं कि बीते 10 वर्ष में बने 4 करोड़ पीएम आवास में से ज्यादातर महिलाओं के नाम ही आबंटित हुए हैं. अब तीसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही सरकार ने 3 करोड़ नए घर बनाने को स्वीकृति दे दी है. इनमें से भी अधिकतर घर महिलाओं के नाम पर ही आबंटित होंगे. बीते 10 वर्षों में 10 करोड़ महिलाएं सेल्फ हेल्प ग्रुप्स से जुड़ी हैं. मेरी सरकार ने 3 करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का एक व्यापक अभियान चलाया है. इसके लिए सेल्फ हेल्प ग्रुप्स को आर्थिक मदद भी बढ़ाई जा रही है. सरकार का प्रयास है कि महिलाओं का कौशल बढ़े, कमाई के साधन बढ़ें और उनका सम्मान बढ़े. नमो ड्रोन दीदी योजना इस लक्ष्य की पूर्ति में सहायक बन रही है. इस योजना के तहत हज़ारों सेल्फ हेल्प ग्रुप्स की महिलाओं को ड्रोन दिए जा रहे हैं, ड्रोन पायलट बनने की ट्रेनिंग दी जा रही है. मेरी सरकार ने हाल में ही कृषि सखी कार्यक्रम भी शुरु किया है. इसके तहत अभी तक सेल्फ हेल्प ग्रुप्स की 30 हज़ार महिलाओं को कृषि सखी के रूप में प्रमाण पत्र दिए गए हैं. कृषि सखियों को आधुनिक खेती की तकनीक में प्रशिक्षित किया जा रहा है, ताकि वे कृषि को और आधुनिक बनाने में किसानों की मदद कर सकें. 


"सरकार की योजनाओं से महिलाओं को हुआ है लाभ"

मेरी सरकार का ये भी प्रयास है कि महिलाएं अधिक से अधिक बचत कर सकें. बैंक खातों में जमा राशि पर बेटियों को ज्यादा ब्याज देने वाली सुकन्या समृद्धि योजना की लोकप्रियता से हम परिचित हैं. मुफ्त राशन और सस्ते गैस सिलेंडर की योजना से महिलाओं को बहुत लाभ हो रहा है. अब मेरी सरकार बिजली का बिल ज़ीरो करने और बिजली बेचकर कमाई करने की योजना भी लाई है. पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के तहत घर की छत पर सोलर पैनल लगाए जा रहे हैं. इसके लिए मेरी सरकार प्रति परिवार 78 हजार रुपए तक की मदद कर रही है. इतने कम समय में एक करोड़ से ज्यादा परिवार इस योजना में रजिस्टर करा चुके हैं. जिन घरों में सोलर पैनल लग चुके हैं अब वहां बिजली का बिल ज़ीरो हो गया है.


"अति पिछड़े वर्ग की जनजातीय समूहों के लिए लाई गईं विशेष योजना"

विकसित भारत का निर्माण तभी संभव है जब देश के गरीब, युवा, नारीशक्ति और किसान सशक्त होंगे. इसलिए मेरी सरकार की योजनाओं में सर्वोच्च प्राथमिकता इन्हीं चार स्तंभों को दी जा रही है. हमारी कोशिश, इन तक हर सरकारी योजना का लाभ पहुंचाने की है, और यही सैचुरेशन की अप्रोच है. जब सरकार इस इच्छाशक्ति के साथ काम करे कि सरकारी योजना से एक भी व्यक्ति छूटे नहीं, तो इसका लाभ सभी को होता है. सरकार की योजनाओं एवं सैचुरेशन अप्रोच के कारण ही 10 वर्षों में 25 करोड़ भारतीय गरीबी से बाहर निकले हैं. इसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़े वर्ग, हर समाज, हर क्षेत्र के परिवार हैं. 10 वर्षों में लास्ट माइल डिलिवरी पर फोकस ने इन वर्गों का जीवन बदल दिया है. विशेषकर आदिवासी समाज में ये बदलाव और भी स्पष्ट नज़र आ रहा है. 24 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक की पीएम-जनमन जैसी योजना आज अति पिछड़े जनजातीय समूहों के उत्थान का माध्यम बन रही है. सरकार, पीएम सूरज पोर्टल के माध्यम से वंचित वर्गों तक आजीविका के अवसरों को पहुंचाने के लिए सुलभ ऋण भी उपलब्ध करा रही है. मेरी सरकार, दिव्यांग भाइयों और बहनों के लिए, किफायती और स्वदेशी सहायक उपकरण विकसित कर रही है. देश भर में प्रधानमंत्री दिव्याशा केंद्रों का भी विस्तार किया जा रहा है. वंचितों की सेवा का ये संकल्प ही सच्चा सामाजिक न्याय है.

"डिजिटल इंडिया को बढ़ाने का काम हो रहा है "

देश की श्रमशक्ति के सम्मान के लिए श्रमिक बंधुओं का कल्याण और सशक्तिकरण मेरी सरकार की प्राथमिकता है. मेरी सरकार श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को एकीकृत कर रही है. डिजिटल इंडिया तथा डाकघरों के नेटवर्क का उपयोग करके दुर्घटना और जीवन बीमा के कवरेज को बढ़ाने का काम हो रहा है. पीएम स्वनिधि का विस्तार किया जाएगा और ग्रामीण और सेमी अर्बन क्षेत्रों के रेहड़ी-पटरी वाले भाई-बहनों को भी इसके दायरे में लाया जाएगा.

"80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन देने के लिए शुरू की गई योजना"

बाबा साहब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर का मानना था कि किसी भी समाज की प्रगति समाज के निचले तबकों की प्रगति पर निर्भर करती है. पिछले 10 वर्षों में राष्ट्र की उपलब्धियों और विकास का आधार गरीब का सशक्तिकरण रहा है. मेरी सरकार ने पहली बार गरीब को ये अहसास करवाया कि सरकार उसकी सेवा में है. कोरोना के कठिन समय में सरकार ने 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन देने के लिए पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना शुरू की. इस योजना का लाभ उन परिवारों को भी मिल रहा है जो गरीबी से बाहर निकले हैं, ताकि उनके कदम वापस पीछे न जाएं. स्वच्छ भारत अभियान ने भी गरीब के जीवन की गरिमा से लेकर उसके स्वास्थ्य तक को राष्ट्रीय महत्व का विषय बनाया है. पहली बार देश में करोड़ों गरीबों के लिए शौचालय बनाए गए. ये प्रयास हमें आश्वस्त करते हैं कि देश आज महात्मा गांधी के आदर्शों का सच्चे अर्थों में अनुसरण कर रहा है. मेरी सरकार 55 करोड़ लाभार्थियों को आयुष्मान भारत योजना के तहत मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं भी उपलब्ध करवा रही है.देश में 25 हजार जन औषधि केंद्रों को खोलने का काम भी तेजी से चल रहा है. अब इस क्षेत्र में सरकार एक और निर्णय लेने जा रही है. अब आयुष्मान भारत योजना के तहत मुफ्त इलाज का लाभ 70 वर्ष से अधिक उम्र के सभी बुजुर्गों को भी मिलेगा।


"बीते 10 साल में जितने रीफॉर्म हुए उसका फायदा अब मिल रहा है"


अक्सर विरोधपरक मानसिकता और संकीर्ण स्वार्थ के कारण लोकतंत्र की मूल भावना का बहुत अहित हुआ है. इसका प्रभाव संसदीय प्रणाली पर भी पड़ता है और देश की विकास यात्रा पर भी पड़ता है. देश में कई दशकों तक अस्थिर सरकारों के दौर में कई सरकारें चाहते हुए भी न Reform कर पाईं और न ही आवश्यक निर्णय ले पाईं. भारत की जनता ने निर्णायक बनकर इस स्थिति को बदला है. बीते 10 वर्ष में ऐसे अनेक Reforms हुए हैं जिनका बहुत लाभ देश को आज मिल रहा है. जब ये Reforms किए जा रहे थे, तब भी इनका विरोध किया गया था, नकारात्मकता फैलाने की कोशिश की गई थी, लेकिन ये सारे Reforms समय की कसौटी पर खरे साबित हुए हैं. 10 साल पहले भारत के बैंकिंग सेक्टर को डूबने से बचाने के लिए सरकार ने बैंकिंग Reforms किए, IBC जैसे कानून बनाए.

आज इन्हीं Reforms ने भारत के बैंकिंग सेक्टर को दुनिया के सबसे मजबूत बैंकिंग सेक्टर्स में से एक बना दिया है. हमारे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक आज मजबूत और लाभदायक हैं. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का लाभ 2023-24 में 1.4 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 35 प्रतिशत अधिक है. हमारे बैंकों की मजबूती, उन्हें ऋण आधार का विस्तार करने और राष्ट्र के आर्थिक विकास में योगदान करने के लिए सक्षम बनाती है. सरकारी बैंकों का NPA भी लगातार कम हो रहा है.आज SBI रिकॉर्ड मुनाफे में है. आज LIC पहले से कहीं अधिक मज़बूत है. आज HAL भी देश की डिफेंस इंडस्ट्री को ताकत दे रहा है. आज GST, भारत की इकॉनॉमी को formalise करने का, व्यापार-कारोबार को आसान बनाने का माध्यम बना है. अप्रैल महीने में पहली बार GST collection ने 2 लाख करोड़ रुपए का स्तर पार किया है। इससे राज्यों की आर्थिक ताकत भी बढ़ी है. डिजिटल इंडिया और डिजिटल पेमेंट्स के प्रति भी आज पूरा विश्व आकर्षित हो रहा है. 


"एक दशक में 18 गुना बढ़ा है डिफेंस एक्सपोर्ट"


एक सशक्त भारत के लिए हमारे सैन्यबलों में आधुनिकता जरूरी है. युद्ध की स्थिति में हम सर्वश्रेष्ठ रहें, इसके लिए सेनाओं में Reforms की प्रक्रिया निरंतर जारी रहनी चाहिए. इसी सोच के साथ मेरी सरकार ने बीते 10 वर्षों में डिफेंस सेक्टर में अनेक Reforms किए हैं. CDS जैसे Reforms ने हमारी सेनाओं को नई मजबूती दी है. मेरी सरकार ने डिफेंस सेक्टर को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. ऑर्डनेंस फैक्ट्रीज के Reforms से डिफेंस सेक्टर को बहुत लाभ हुआ है. 40 से अधिक ऑर्डनेंस फैक्ट्रीज को 7 निगमों में संगठित करने से इनकी क्षमता और दक्षता दोनों बढ़ी हैं. ऐसे ही Reforms के कारण भारत आज 1 लाख करोड़ रुपए से अधिक की डिफेंस मैन्यूफैक्चरिंग कर रहा है. पिछले एक दशक में, हमारा डिफेंस एक्सपोर्ट 18 गुना अधिक होकर 21 हज़ार करोड़ रुपए तक पहुंच चुका है. फिलीपीन्स के साथ ब्रह्मोस मिसाइल का रक्षा सौदा, defence export के क्षेत्र में भारत की पहचान मज़बूत कर रहा है.

सरकार ने युवाओं और उनके स्टार्टअप्स को बढ़ावा देकर आत्मनिर्भर डिफेंस सेक्टर की मजबूत नींव तैयार की है. मेरी सरकार उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में दो डिफेंस कॉरिडोर्स भी विकसित कर रही है. हम सभी के लिए ये खुशी की बात है कि पिछले वर्ष हमारी सैन्य जरूरतों की लगभग 70 प्रतिशत खरीद भारतीय उद्योगों से ही की गई है. हमारी सेनाओं ने 500 से अधिक सैन्य साजो-सामान को विदेशों से नहीं मंगाना तय किया है.ये सभी हथियार और उपकरण अब सिर्फ भारतीय कंपनियों से ही खरीदे जा रहे हैं. मेरी सरकार ने सैनिकों के हितों को भी हमेशा प्राथमिकता दी है. तभी 4 दशक के बाद वन रैंक वन पेंशन को लागू किया गया. इसके तहत अब तक 1 लाख 20 हजार करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं. शहीद सैनिकों के सम्मान के लिए सरकार ने कर्तव्यपथ के एक छोर पर नेशनल वॉर मेमोरियल की स्थापना भी की है. ये प्रयास केवल वीर जवानों के प्रति कृतज्ञ राष्ट्र का नमन ही नहीं हैं, बल्कि राष्ट्र प्रथम की अनवरत प्रेरणा का स्रोत भी हैं.

"देश में शिक्षा के क्षेत्र अभूतपूर्व काम हुआ है"


मेरी सरकार देश के हर युवा को बड़े सपने देखने और उन्हें साकार करने के लिए ज़रूरी माहौल बनाने में जुटी है. बीते 10 वर्ष में ऐसे हर अवरोध को हटाया गया है जिसके कारण युवाओं को परेशानी थी. पहले अपने ही प्रमाण पत्र को अटेस्ट कराने के लिए युवाओं को भटकना पड़ता था। अब युवा सेल्फ अटेस्ट करके काम करते हैं. केंद्र सरकार की ग्रुप-सी, ग्रुप-डी भर्तियों से इंटरव्यू को खत्म किया गया है. पहले जो विद्यार्थी सिर्फ भारतीय भाषाओं में पढ़ाई करते थे, उनके साथ अन्याय की स्थिति थी. मेरी सरकार ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू कर, इस अन्याय को दूर करने के लिए कदम उठाए हैं. युवाओं को अब भारतीय भाषाओं में इंजीनियरिंग की पढ़ाई का विकल्प भी मिला है. विगत 10 वर्षों में देश में 7 नए IIT, 16 IIIT, 7 IIM, 15 नए एम्स, 315 मेडिकल कॉलेज और 390 विश्वविद्यालय स्थापित किए गए हैं. मेरी सरकार इन संस्थानों को और मजबूत बनाकर आवश्यकता के अनुसार इनकी संख्या को भी बढ़ाएगी. सरकार एक डिजिटल विश्वविद्यालय बनाने की दिशा में भी काम कर रही है. Atal Tinkering Labs, Start-up India और Stand-up India जैसे अभियान हमारे युवाओं का सामर्थ्य बढ़ा रहे हैं. इन्हीं प्रयासों से आज भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा Start-up ecosystem बन चुका है.


"सरकार पेपर लीक की निष्पक्ष जांच के लिए प्रतिबद्ध है"

सरकार का ये निरंतर प्रयास है कि देश के युवाओं को अपनी प्रतिभा दिखाने का उचित अवसर मिले. सरकारी भर्ती हो या फिर परीक्षाएं, किसी भी कारण से इनमें रुकावट आए, ये उचित नहीं है. इनमें शुचिता और पारदर्शिता बहुत ज़रूरी है. हाल ही में कुछ परीक्षाओं में हुई पेपर लीक की घटनाओं की निष्पक्ष जांच और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलवाने के लिए मेरी सरकार प्रतिबद्ध है. इससे पहले भी हमने देखा है कि कई राज्यों में पेपर-लीक की घटनाएं होती रही हैं. इस पर दलीय राजनीति से ऊपर उठकर देशव्यापी ठोस उपाय करने की ज़रूरत है. संसद ने भी परीक्षा में होने वाली गड़बड़ियों के विरुद्ध एक सख्त कानून बनाया है. मेरी सरकार परीक्षाओं से जुड़ी संस्थाओं, उनके कामकाज के तरीके, परीक्षा प्रक्रिया, सभी में बड़े सुधार करने की दिशा में काम कर रही है.

"ओलंपिक्स में देश का प्रतिनिधित्व करने वाले हर खिलाड़ी पर हमें गर्व है"

मेरी सरकार ने युवाओं की राष्ट्र निर्माण में भागीदारी और बढ़ाने के लिए 'मेरा युवा भारत - MY Bharat' अभियान की शुरुआत भी की है. इसमें अब तक डेढ़ करोड़ से अधिक युवाओं का पंजीकरण हो चुका है. इस पहल से युवाओं में नेतृत्व कौशल और सेवा भावना का बीजारोपण होगा. आज हमारे युवाओं को खेलों में भी आगे बढ़ने के नए अवसर मिल रहे हैं. मेरी सरकार के प्रभावी प्रयासों का परिणाम है कि भारत के युवा खिलाड़ी वैश्विक मंचों पर रिकॉर्ड संख्या में मेडल्स जीत रहे हैं. कुछ ही दिनों बाद पेरिस ओलंपिक भी शुरू होने जा रहा है. ओलंपिक्स में देश का प्रतिनिधित्व करने वाले हर खिलाड़ी पर हमें गर्व है। मैं उन्हें अपनी शुभकामनाएं देती हूं. इन उपलब्धियों को और आगे ले जाने के लिए भारतीय ओलंपिक संघ 2036 ओलंपिक खेलों की मेजबानी की तैयारी भी कर रहा है. 


"नए कानून से न्याय प्रक्रिया में तेजी आएगी"


जुलाई की पहली तारीख से देश में भारतीय न्याय संहिता भी लागू हो जाएगी. अंग्रेज़ी राज में गुलामों को दंड देने की मानसिकता थी. दुर्भाग्य से आज़ादी के अनेक दशकों तक गुलामी के दौर की यही दंड व्यवस्था चलती रही. इसे बदलने की चर्चा अनेक दशकों से की जा रही थी, लेकिन ये साहस भी मेरी सरकार ने ही करके दिखाया है. अब दंड की जगह न्याय को प्राथमिकता होगी, जो हमारे संविधान की भी भावना है. इन नए कानूनों से न्याय प्रक्रिया में तेज़ी आएगी. आज जब देश, अलग-अलग क्षेत्रों में गुलामी की मानसिकता से मुक्ति पा रहा है तब ये उस दिशा में बहुत बड़ा कदम है. और ये हमारे स्वतंत्रता सेनानियों को सच्ची श्रद्धांजलि भी है. मेरी सरकार ने CAA कानून के तहत शरणार्थियों को नागरिकता देना शुरू कर दिया है. इससे बंटवारे से पीड़ित अनेक परिवारों के लिए सम्मान का जीवन जीना तय हुआ है. जिन परिवारों को CAA के तहत नागरिकता मिली है मैं उनके बेहतर भविष्य की कामना करती हूं.


"नालंदा यूनिवर्सिटी सिर्फ यूनिवर्सिटी नहीं है "


मेरी सरकार भविष्य निर्माण के प्रयासों के साथ ही भारतीय संस्कृति के वैभव और विरासत को फिर से स्थापित कर रही है. हाल में नालंदा यूनिवर्सिटी के भव्य कैंपस के रूप में इसमें एक नया अध्याय जुड़ा है. नालंदा सिर्फ एक यूनिवर्सिटी मात्र नहीं थी, बल्कि वो वैश्विक ज्ञान केंद्र के रूप में भारत के गौरवशाली अतीत का प्रमाण थी. मुझे विश्वास है कि नई नालंदा यूनिवर्सिटी, भारत को ग्लोबल नॉलेज हब बनाने में सहायक सिद्ध होगी. मेरी सरकार का ये प्रयास है कि भावी पीढ़ियों को हज़ारों वर्षों की हमारी विरासत प्रेरणा देती रहे. इसलिए पूरे देश में तीर्थस्थलों को, आस्था और अध्यात्म के केंद्रों को सजाया-संवारा जा रहा है.

"विकास के साथ ही विरासत पर भी उतना ही गर्व"

मेरी सरकार, विकास के साथ ही विरासत पर भी उतना ही गर्व करते हुए काम कर रही है. विरासत पर गर्व का ये संकल्प आज अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, वंचित वर्ग और सर्वसमाज के गौरव का प्रतीक बन रहा है. मेरी सरकार ने भगवान बिरसा मुंडा के जन्मदिवस को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत की. अब अगले वर्ष भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती को पूरे देश में धूम धाम से मनाया जाएगा. देश, रानी दुर्गावती की 500वीं जयंती को भी व्यापक स्तर पर मना रहा है. पिछले महीने ही देश ने रानी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती का साल भर चलने वाला महोत्सव भी शुरू किया है. इससे पहले सरकार गुरु नानक देव जी का 550वां और गुरु गोबिन्द सिंह जी का 350वां प्रकाश पर्व भी धूमधाम से मना चुकी है. एक भारत श्रेष्ठ भारत के भाव से काशी तमिल संगमम्, सौराष्ट्र तमिल संगमम् जैसे उत्सवों की परिपाटी भी मेरी ही सरकार ने शुरू की है. इन आयोजनों से हमारी नई पीढ़ियों को राष्ट्र निर्माण की प्रेरणा मिलती है, और राष्ट्र पर गर्व का भाव और मजबूत होता है.

"डिजिटल पेमेंट्स को लेकर भारत को गर्व होना चाहिए"


हमारी सफलताएं हमारी साझी धरोहर हैं. इसलिए, उन्हें अपनाने में संकोच नहीं स्वाभिमान होना चाहिए. आज अनेक सेक्टर्स में भारत बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहा है. ये उपलब्धियां हमें हमारी प्रगति और सफलताओं पर गर्व करने के अपार अवसर देती हैं. जब भारत डिजिटल पेमेंट्स के मामले में दुनिया में अच्छा प्रदर्शन करता है, तो हमें गर्व होना चाहिए. जब भारत के वैज्ञानिक, चंद्रयान को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलता से उतारते हैं, तो हमें गर्व होना चाहिए. जब भारत दुनिया की सबसे तेज बढ़ती इकॉनॉमी बनता है, तो हमें गर्व होना चाहिए. जब भारत, इतना बड़ा चुनाव अभियान, बिना बड़ी हिंसा और अराजकता के पूरा कराए, तो भी हमें गर्व होना चाहिए. आज पूरा विश्व हमें Mother of Democracy के रूप में सम्मान देता है.

भारत के लोगों ने हमेशा लोकतंत्र के प्रति अपना पूर्ण विश्वास प्रकट किया है, चुनाव से जुड़ी संस्थाओं पर पूरा भरोसा जताया है. स्वस्थ लोकतंत्र को बनाए रखने के लिए हमें इस विश्वास को सहेज कर रखना है, इसकी रक्षा करनी है. हमें याद रखना होगा, लोकतांत्रिक संस्थाओं और चुनावी प्रक्रिया पर लोगों के विश्वास को चोट पहुंचाना उसी डाल को काटने जैसा है जिस पर हम सब बैठे हैं. हमारे लोकतंत्र की विश्वसनीयता को ठेस पहुंचाने की हर कोशिश की सामूहिक आलोचना होनी चाहिए. हम सभी को वो दौर याद है जब बैलट पेपर छीन लिया जाता था, लूट लिया जाता था. मतदान प्रक्रिया को सुरक्षित बनाने के लिए EVM को अपनाने का फैसला किया गया था. पिछले कई दशकों में EVM ने सुप्रीम कोर्ट से लेकर जनता की अदालत तक हर कसौटी को पार किया है.

"लोकतंत्र को कमरोज करने की साजिश रची जा रही है" 

मैं आप सभी सदस्यों से अपनी कुछ और चिंताएं भी साझा करना चाहती हूं. मैं चाहूंगी कि आप सभी इन विषयों पर चिंतन-मनन करके इन विषयों पर ठोस और सकारात्मक परिणाम देश को दें. आज की संचार क्रांति के युग में विघटनकारी ताकतें, लोकतंत्र को कमजोर करने और समाज में दरारें डालने की साजिशें रच रही हैं. ये ताकतें देश के भीतर भी हैं और देश के बाहर से भी संचालित हो रही हैं. इनके द्वारा अफवाह फैलाने का, जनता को भ्रम में डालने का, misinformation का सहारा लिया जा रहा है. इस स्थिति को ऐसे ही बेरोक-टोक नहीं चलने दिया जा सकता. आज के समय में टेक्नॉलॉजी हर दिन और उन्नत हो रही है. ऐसे में मानवता के विरुद्ध इनका गलत उपयोग बहुत घातक है. भारत ने विश्व मंच पर भी इन चिंताओं को प्रकट किया है और एक ग्लोबल फ्रेमवर्क की वकालत की है. हम सभी का दायित्व है कि इस प्रवृत्ति को रोकें, इस चुनौती से निपटने के लिए नए रास्ते खोजें.


"भारत को देखने का विश्व का नजरिया बदल गया है"


21वीं सदी के इस तीसरे दशक में आज ग्लोबल ऑर्डर एक नई शक्ल ले रहा है. मेरी सरकार के प्रयासों से आज भारत, विश्व बंधु के रूप में दुनिया को नया भरोसा दे रहा है. मानव-केंद्रित अप्रोच रखने की वजह से भारत आज किसी भी संकट के समय first responder और Global South की बुलंद आवाज बना है. कोरोना का महासंकट हो, भूकंप जैसी कोई त्रासदी हो या फिर युद्ध की स्थितियां, भारत मानवता को बचाने में आगे रहा है. भारत को देखने का विश्व का नज़रिया कैसे बदला है, ये इटली में हुई G-7 समिट में भी हम सभी ने अनुभव किया है. भारत ने अपनी G-20 अध्यक्षता के दौरान भी विश्व को अनेक मुद्दों पर एकजुट किया.

भारत की अध्यक्षता के दौरान ही अफ्रीकन यूनियन को G-20 का स्थाई सदस्य बनाया गया है. इससे अफ्रीका महाद्वीप के साथ-साथ पूरे ग्लोबल साउथ का भरोसा मज़बूत हुआ है. Neighbourhood First Policy पर चलते हुए, भारत ने पड़ोसी देशों के साथ अपने रिश्तों को मज़बूत किया है. सात पड़ोसी देशों के नेताओं का 9 जून को केन्द्रीय मंत्रिपरिषद के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेना मेरी सरकार की इस प्राथमिकता को दर्शाता है. भारत, सबका साथ-सबका विकास की भावना के साथ, Indo-Pacific क्षेत्र के देशों के साथ भी सहयोग बढ़ा रहा है. पूर्वी एशिया हो या फिर मिडिल-ईस्ट और यूरोप, मेरी सरकार कनेक्टिविटी पर बहुत बल दे रही है. भारत के विजन ने ही इंडिया मिडिल ईस्ट यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर को आकार देना शुरू किया है. ये कॉरिडोर, 21वीं सदी के सबसे बड़े गेमचेंजर्स में से एक सिद्ध होगा.   

"1975 को लागू हुआ आपातकाल, संविधान पर सीधे हमले का सबसे बड़ा और काला अध्याय था"


आने वाले कुछ महीनों में भारत एक गणतंत्र के रूप में 75 वर्ष पूरे करने जा रहा है. भारत का संविधान, बीते दशकों में हर चुनौती, हर कसौटी पर खरा उतरा है. जब संविधान बन रहा था, तब भी दुनिया में ऐसी ताकतें थीं, जो भारत के असफल होने की कामना कर रही थीं. देश में संविधान लागू होने के बाद भी संविधान पर अनेक बार हमले हुए. आज 27 जून है. 25 जून, 1975 को लागू हुआ आपातकाल, संविधान पर सीधे हमले का सबसे बड़ा और काला अध्याय था. तब पूरे देश में हाहाकार मच गया था, लेकिन ऐसी असंवैधानिक ताकतों पर देश ने विजय प्राप्त करके दिखाया क्योंकि भारत के मूल में गणतंत्र की परंपराएं रही हैं. मेरी सरकार भी भारत के संविधान को सिर्फ राजकाज का माध्यम भर नहीं मानती, बल्कि हमारा संविधान जन-चेतना का हिस्सा हो, इसके लिए हम प्रयास कर रहे हैं. इसी ध्येय के साथ मेरी सरकार ने 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है. अब भारत के उस भूभाग, हमारे जम्मू-कश्मीर में भी संविधान पूरी तरह लागू हो गया है, जहां आर्टिकल 370 की वजह से स्थितियां कुछ और थीं.

"हम विकसित भारत के लिए गति प्राप्त कर चुके हैं"

राष्ट्र की उपलब्धियों का निर्धारण इस बात से होता है कि हम अपने दायित्वों का निर्वहन कितनी निष्ठा से कर रहे हैं. 18वीं लोकसभा में कई नए सदस्य पहली बार संसदीय प्रणाली का हिस्सा बने हैं. पुराने सदस्य भी नए उत्साह के साथ आए हैं. आप सभी जानते हैं कि आज का समय हर प्रकार से भारत के लिए बहुत अनुकूल है. आने वाले वर्षों में भारत की सरकार और संसद क्या निर्णय लेती हैं, क्या नीतियां बनाती हैं, इस पर पूरे विश्व की नज़र है. इस अनुकूल समय का अधिक से अधिक लाभ देश को मिले, ये दायित्व सरकार के साथ-साथ संसद के हर सदस्य का भी है. पिछले 10 वर्षों में जो Reforms हुए हैं, जो नया आत्मविश्वास देश में आया है.

उससे हम विकसित भारत बनाने के लिए नई गति प्राप्त कर चुके हैं. हम सभी को ये हमेशा ध्यान रखना है कि विकसित भारत का निर्माण देश के हर नागरिक की आकांक्षा है, संकल्प है. इस संकल्प की सिद्धि में अवरोध पैदा न हो, ये हम सभी का दायित्व है. नीतियों का विरोध और संसदीय कामकाज का विरोध, दो भिन्न बातें हैं. जब संसद सुचारू रूप से चलती है, जब यहां स्वस्थ चर्चा-परिचर्चा होती है, जब दूरगामी निर्णय होते हैं, तब लोगों का विश्वास सिर्फ सरकार ही नहीं पूरी व्यवस्था पर बनता है. इसलिए मुझे भरोसा है कि संसद के पल-पल का सदुपयोग होगा, जनहित को प्राथमिकता मिलेगी.

"2047 में आज़ादी की शताब्दी का उत्सव विकसित भारत के रूप में मनाएंगे"

हमारे वेदों में हमारे ऋषियों ने हमें “समानो मंत्र: समिति: समानी” की प्रेरणा दी है. हम एक समान विचार और लक्ष्य लेकर एक साथ काम करें. यही इस संसद की मूल भावना है. इसलिए जब भारत तीसरे नंबर की इकॉनॉमी बनेगा तो देश की इस सफलता में आपकी भी सहभागिता होगी. हम जब 2047 में आज़ादी की शताब्दी का उत्सव विकसित भारत के रूप में मनाएंगे, तो इस पीढ़ी को भी श्रेय मिलेगा. आज हमारे युवाओं में जो सामर्थ्य है. आज हमारे संकल्पों में जो निष्ठा है. हमारी जो असंभव सी लगने वाली उपलब्धियां हैं. ये इस बात का प्रमाण हैं कि आने वाला दौर भारत का दौर है. ये सदी भारत की सदी है, और इसका प्रभाव आने वाले एक हजार वर्षों तक रहेगा. आइए, हम सब मिलकर पूर्ण कर्तव्यनिष्ठा के साथ, राष्ट्रीय संकल्पों की सिद्धि में जुट जाएं, विकसित भारत बनाएं. आप सभी को बहुत शुभकामनाएं!



 

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