अदाणी फाउंडेशन की अध्यक्ष डॉ प्रीति अदाणी ने नर्मदा जिले का दौरा किया. फाउंडेशन की ओर से सन 2018 से इस जिले के सभी पांच प्रशासनिक ब्लॉकों डेडियापाड़ा, गरुड़ेश्वर, तिलकवाड़ा, सागबारा और नंदोद में फॉर्च्यून सुपोषण प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है. इस परियोजना का लक्ष्य देश के 11 राज्यों में 14 सीएसआर साइटों पर महिलाओं और बच्चों (0 से 5 वर्ष की आयु) में कुपोषण को दूर करना है.
दिन भर चले इस कार्यक्रम की शुरुआत में राजपीपला में डॉ प्रीति अदाणी के स्वागत में आदिवासी नृत्य की प्रस्तुति हुई. इसके बाद नर्मदा में लोगों के समग्र स्वास्थ्य के लिए अच्छे पोषण को प्रोत्साहित करने के लिए किए जा रहे कार्यों के बारे में दिल छू लेने वाली बातचीत हुई. इस आदिवासी जिले को भारत सरकार की ओर से आकांक्षी जिले के रूप में नामित किया गया है. यहां सुपोषण 38,388 बच्चों, 7,991 किशोरियों और प्रजनन आयु वर्ग की 12,382 महिलाओं को कवर कर रहा है.
इस दौरे के दौरान डॉ प्रीति अदाणी ने सुपोषण प्रोजेक्ट की टीम और 215 सुपोषण संगिनियों, यानी ग्राम स्तर की स्वयंसेवकों को संबोधित किया और उनकी सराहना की. उन्हें जिले में कुपोषण और एनीमिया को कम करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है. डॉ प्रीति अदाणी ने नर्मदा के चुनौतीपूर्ण इलाके में सबसे कमजोर आबादी तक पहुंचने में उनके समर्पण की सराहना की.
सुपोषण संगिनियों ने पोषण के क्षेत्र में काम करने के अपने अनुभव साझा किए. उन्होंने बताया कि कैसे अदाणी फाउंडेशन के साथ उनके जुड़ाव से उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थितियों में सुधार हुआ है और उनका जीवन बदल गया है.
डॉ प्रीति अदाणी ने कहा, “मेरा दृढ़ विश्वास है कि जैसे भारत उल्लेखनीय प्रगति कर रहा है, स्वास्थ्य और पोषण के मापदंडों के मामले में भी हमें पीछे नहीं रहना चाहिए. इस दृष्टिकोण के साथ अदाणी फाउंडेशन सुपोषण परियोजना के जरिए पोषण अभियान को पूरक बना रहा है. नर्मदा में हमारी टीमों ने पिछले पांच वर्षों में एक मजबूत सामुदायिक संपर्क स्थापित किया है, दूर-दराज के घरों तक पहुंच बनाई है और बड़े पैमाने पर व्यवहार में परिवर्तन को प्रेरित किया है.
इस कार्यक्रम के बाद डॉ प्रीति अदाणी ने समुदाय के सदस्यों, आशा कार्यकर्ताओं और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से मिलने और उनसे बातचीत करने के लिए नंदोद ब्लॉक के माथावाड़ी गांव का दौरा किया. इस गांव में काम करने वाली सुपोषण संगिनी बेबी किरण तड़वी ने घरों के दौरों, परामर्श सत्रों, रेसिपी डिमॉस्ट्रेशनों, फोकस ग्रुप डिस्कशंस और किचन गार्डन में खेती के माध्यम से पोषण, स्वास्थ्य और स्वच्छता के बारे में जागरूकता बढ़ाने के अपने अनुभव साझा किए.
प्रोजेक्ट सुपोषण अदाणी विल्मर की एक सीएसआर पहल है, जिसे अदाणी फाउंडेशन द्वारा कार्यान्वित किया जाता है. यह नेशनल न्यूट्रीशन मिशन (पोषण अभियान) के माध्यम से कुपोषण मुक्त भारत का लक्ष्य प्राप्त करने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप है. इसे आंगनवाड़ी केंद्रों और अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को पर्याप्त सहायता प्रदान करने के लिए रणनीतिक रूप से डिजाइन किया गया है.
नर्मदा में सुपोषण परियोजना समुदायों, विशेष तौर पर बच्चों और महिलाओं के स्वास्थ्य और कल्याण में सुधार पर अदाणी फाउंडेशन के अटूट फोकस का एक प्रमाण है.
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