प्रणब मुखर्जी की किताब 'The Presidential Memoirs' के प्रकाशन पर उनके बेटे अभिजीत मुखर्जी को आपत्ति, की यह मांग

अभिजीत मुखर्जी ने ट्वीट कर कहा कि चूंकि वो प्रणब मुखर्जी के पुत्र हैं, ऐसे में इसे प्रकाशित किए जाने से पहले वो एक बार किताब की सामग्री को देखना चाहते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि किताब को प्रकाशित करने के लिए उनकी लिखित अनुमति ली जाए.

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Pranab Mukherjee Memoirs: अभिजीत मुखर्जी ने किताब के प्रकाशन पर रोक लगाने की मांग की.
नई दिल्ली:

दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी ने उनके संस्मरण 'The Presidential Memoirs' के प्रकाशन को लेकर आपत्ति जताई है और इसपर कुछ वक्त के लिए रोक लगाने की मांग की है. मंगलवार को उन्होंने पब्लिकेशन हाउस को टैग कर एक साथ कई ट्वीट करके इस किताब को पहले पढ़ने का आग्रह किया और फिर ही इसे प्रकाशित किए जाने की मांग की. 

उन्होंने अपने ट्वीट में मांग की है कि चूंकि वो संस्मरण के लेखक (प्रणब मुखर्जी) के पुत्र हैं, ऐसे में इसे प्रकाशित किए जाने से पहले वो एक बार किताब की सामग्री को देखना चाहते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि वो चाहते हैं कि किताब को प्रकाशित करने के लिए उनकी लिखित अनुमति ली जाए.

उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, 'मैं, 'The Presidential Memoirs' के लेखक का पुत्र, आपसे आग्रह करता हूं कि संस्मरण का प्रकाशन रोक दिया जाए, और उन हिस्सों का भी, जो पहल ही चुनिंदा मीडिया प्लेटफॉर्मों पर मेरी लिखित अनुमति के बिना चल रहे हैं. चूंकि मेरे पिता अब नहीं रहे हैं, मैं उनका पुत्र होने के नाते पुस्तक के प्रकाशन से पहले उसकी फाइनल प्रति की सामग्री को पढ़ना चाहता हूं, क्योंकि मेरा मानना है कि यदि मेरे पिता जीवित होते, तो उन्होंने भी यही किया होता.'

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उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा, 'इसलिए, उनका पुत्र होने के नाते मैं आपसे मेरी लिखित अनुमति के बिना इसका प्रकाशन तुरंत रोकने का अनुरोध करता हूं, जब तक मैं इसकी सामग्री को पढ़ न लूं. इस संदर्भ में मैंने एक विस्तृत पत्र आपको प्रेषित किया है, जो जल्द ही आपको मिल जाएगा. सादर - अभिजीत मुखर्जी.'

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बता दें कि प्रणब मुखर्जी के संस्मरणों की यह किताब जनवरी, 2021 में प्रकाशित हो रही है. उनकी किताब के कुछ अंश पिछले हफ्ते जारी किए गए थे, जिसमें सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह की क्षमता पर सवाल उठाए जाने का जिक्र था. इसे लेकर एक बार फिर सोनिया की क्षमता और मनमोहन सिंह के कार्यकाल पर हमले शुरू हो गए थे. हालांकि, कांग्रेस ने इन अंशों पर बिना किताब पढ़े कोई टिप्पणी करने से मना कर दिया था, लेकिन अब उनके बेटे अभिजीत मुखर्जी ने किताब को प्रकाशित किए जाने से पहले पढ़ने की मांग की है.

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