दिल्ली में बच्चे को बेचकर पुलिस में की चोरी की रिपोर्ट, कानपुर से पकड़े गए लोग

गोविंद का आरोप है कि हरिपाल घर से उसके नवजात बच्चे को ले गया और घर का दरवाजा बाहर से बंद कर दिया. पुलिस ने तुरंत अपहरण का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी.

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पुलिस ने बच्चे को बरामद कर कुल 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है.
नई दिल्ली:

दिल्ली के फतेहपुरी बेरी थाने के आया नगर इलाके में एक शख्स ने अपने नवजात बच्चे को बेच दिया और फिर बच्चा चोरी की झूठी कॉल कर दी. पुलिस ने महज 6 घंटे में बच्चा बरामद कर कुल 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार लोगों में बच्चा चोरी की झूठी सूचना देने वाले उसके माता पिता भी हैं. पुलिस के मुताबिक, 15 जून को आया नगर से एक पीसीआर कॉल मिली, पुलिस जब मौके पर पहुंची तो बिहार के मुजफ्फरपुर के गोविंद कुमार और उसकी पत्नी पूजा देवी मिली. गोविंद ने बताया कि उसकी पत्नी पूजा ने इसी 8 जून को बेटे को जन्म दिया था. बेटे के जन्म के बाद उसके एक दोस्त हरिपाल सिंह जो दिल्ली के आयानगर में रहता है, उसने गोविंद से कहा कि तुम्हारे यहां रहने की जगह कम है, तुम मेरे घर आ जाओ, इसके बाद गोविंद अपने परिवार के साथ हरिपाल के घर 14 जून को रात 10 बजे पहुंच गया.

गोविंद का आरोप है कि हरिपाल घर से उसके नवजात बच्चे को ले गया और घर का दरवाजा बाहर से बंद कर दिया. पुलिस ने तुरंत अपहरण का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी. फतेहपुर बेरी थाने एसएचओ कुलदीप सिंह ने जब गोविंद से पूछताछ की तो उसने कहा कि वो हरिपाल का घर तो जानता है लेकिन इसे एड्रेस पता नहीं है. पुलिस उसे लेकर हरिपाल के घर पहुंची, जहां गोविंद ने बताया कि यहीं से हरिपाल और रमन उसका बच्चा लेकर भाग गए हैं. पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद हरिपाल को आया नगर से खोज लिया. हरिपाल ने बताया कि गोविंद और उसकी पत्नी ने अपनी मर्जी से ये बच्चा अपने रिश्तेदार रमन यादव को दिया है जो कि मोती बाग इलाके के संजय कैम्प में रहता है.

पुलिस ने मोती बाग पहुंचकर रमन यादव से पूछताछ की तो उसने बताया कि गोविंद ने अपनी मर्जी से बच्चा बिहार के मधुबनी के अपने रिश्तेदार विद्यानंद यादव और उसकी पत्नी रामपरी देवी को दिया है. पता चला कि विद्यानंद यादव अपनी पत्नी के साथ उसी दिन 9:15 बजे ट्रेन से बिहार के लिए निकल गया है. पुलिस ने ट्रेन का रनिंग स्टेटस चेक किया तो पता चला कि ट्रेन 2:30 बजे रात में कानपुर पहुंचेगी. दिल्ली पुलिस ने कानपुर पुलिस से संपर्क किया और विद्यानंद यादव को उसकी पत्नी और नवजात बच्चे के साथ कानपुर में ट्रेन से उतार लिया गया. दिल्ली पुलिस जब उन्हें वापस दिल्ली लेकर आयी तो दोनों पक्ष एक दूसरे पर बच्चे के अपहरण का आरोप लगाने लगे.

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जांच में पुलिस को पता चला कि विद्यानंद यादव की शादी को 25 साल हो चुके हैं, लेकिन उसके कोई बच्चा नहीं था. उसने अपने रिश्तेदार रमन यादव को एक बच्चा दिलवाने के लिए कहा और इसके बदले पैसे देने की बात भी कही. रमन ने फिर ये बात अपने दोस्त हरिपाल से कही. हरिपाल ने बताया कि एक गरीब दंपत्ति है जो अपना बच्चा दे सकता है. हरपाल ने गोविंद और उसकी पत्नी पूजा से बात की. दोनों इस डील के लिए तैयार हो गए. लेकिन उन्होंने बच्चे के बदले 4 लाख रुपये मांगे, बाद में सौदा 36 लाख रुपये में तय हो गया. पूजा ने गुरुग्राम के एक अस्पताल में 8 जून को बेटे को जन्म दिया और 10 जून को उसकी अस्पताल से छुट्टी हो गयी. डील के मुताबिक, 12 जून को सभी लोग हरिलाल के घर इकठ्ठा हुए और बच्चे के बदले गोविंद को 2 लाख रुपये कैश और 40-40 हजार के 4 चेक दिए गए.

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हरिपाल ने इस मीटिंग की फोटो भी खींची और एक एग्रीमेंट लेटर में गोविंद और पूजा के हस्ताक्षर भी करवाये. इस तरह गोविंद और उसकी पत्नी ने अपना बच्चा बेचने के बाद पैसे भी ले लिए और फिर बच्चा चोरी की झूठी कॉल कर दी. पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर एग्रीमेंट लेटर, चेक और नगदी बरामद कर ली है. पुलिस के मुताबिक विद्यानंद ने गोविंद से बच्चा होने से पहले ही बता दिया था कि उसे मेल चाइल्ड चाहिए. बच्चा लेने के लिए विद्यानंद से अपनी जमीन बेच दी थी. विद्यानंद ने गोविंद को जो चेक दी थी वो पोस्ट डेटेड थी. बैंक के अधिकारियों ने उसे बताया कि ये तय डेट पर ही कैश हो पायेगी. इसके बाद गोविंद ने हरिपाल और रमन से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन दोनों ने गोविंद का नंबर ब्लॉक कर दिया. इस बात से तिलमिलाकर गोविंद ने पीसीआर कॉल कर दी और पूरा मामला सामने आ गया.

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