प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन के पोलैंड दौरे (PM Modi Poland Visit) के लिए रवाना हो चुके हैं. इसके बाद वह एक दिन के लिए युद्धग्रस्त यूक्रेन भी जाएंगे. 45 साल में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली पोलैंड यात्रा है.साल 1992 में दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध स्थापित होने के बाद कोई भारतीय प्रधानमंत्री पहली बार यूक्रेन जा रहे हैं. पोलैंड के वारसॉ में पीएम मोदी का औपचारिक स्वागत किया जाएगा. वह राष्ट्रपति आंद्रेज सेबेस्टियन डूडा से मुलाकात करेंगे और प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे. इसके अलावा, पीएम मोदी पोलैंड में रह रहे भारतीय समुदाय के लोगों से भी मुलाकात करेंगे.
पोलैंड रवाना हुए पीएम मोदी
उनकी इस यात्रा की आधिकारिक जानकारी देते हुए 'प्रधानमंत्री कार्यालय' ने एक पत्र जारी किया है. इस पत्र में प्रधानमंत्री के हवाले से लिखा गया, "मेरी पोलैंड यात्रा ऐसे समय हो रही है, जब हम अपने राजनयिक संबंधों के 70 वर्ष पूरे कर रहे हैं. पोलैंड मध्य यूरोप में एक प्रमुख आर्थिक भागीदार है. लोकतंत्र और बहुलवाद के प्रति हमारी पारस्परिक प्रतिबद्धता हमारे संबंधों को और मजबूत करती है. मैं साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए अपने मित्र प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क और राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा से मिलने के लिए उत्सुक हूं."
- पोलैंड के बाद प्रधानमंत्री मोदी यूक्रेन जाएंगे.
- पीएम मोदी कीव में राजनीतिक, व्यापार, आर्थिक, निवेश, शिक्षा, सांस्कृतिक, जन-संपर्क, मानवीय सहायता और अन्य क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा करेंगे.
- पीएम मोदी यूक्रेन में भारतीय समुदाय के छात्रों और अन्य लोगों से भी मुलाकात करेंगे.
पोलैंड से कहां जाएंगे पीएम मोदी?
पीएम मोदी पोलैंड की यात्रा खत्म करने के बाद ट्रेन से यूक्रेन की राजधानी कीव जाएंगे, जिसमें करीब 10 घंटे का समय लगेगा. इस यात्रा से भारत और यूक्रेन के बीच निरंतर जुड़ाव को बढ़ावा मिलने की संभावना है. यह दोनों देशों के बीच मजबूत और अधिक जीवंत संबंधों की नींव रखने में सहायक होगी.
45 सालों में पहली बार किसी PM का पोलैंड दौरा
विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) तन्मय लाल ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि 45 सालों में यह पहला अवसर है, जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री पोलैंड का दौरा कर रहे हैं. यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है, जब दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों की स्थापना के 70 साल भी पूरे हो रहे हैं.
भारत-पौलेंड संबंधों को मिलेगी मजबूती
उन्होंने आगे कहा कि भारत और पोलैंड के बीच एक अनोखा संबंध 1940 के दशक के दौरान द्वितीय विश्व युद्ध के समय से है, जब पोलैंड की छह हजार से ज्यादा महिलाओं और बच्चों ने भारत की दो रियासतों- जामनगर और कोल्हापुर - में शरण ली थी.माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे से दोनों देशों के बीच के संबंधों को और मजबूती मिलेगी. इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने रूस का दौरा किया था, जहां उन्हें रूस के सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित किया गया था.