मुर्शिदाबाद हिंसा, टीचर्स घोटाला... पीएम मोदी ने ममता को घर में क्या-क्या सुनाया? 7 पॉइंट्स में जानें

पश्चम बंगाल के अलीपुरद्वार में पीएम मोदी ने ममता सरकार पर जमकर निशाना साध. उन्होंने मुर्शिदाबाद और मालदा में हुई हिंसा का मुद्दा उठाते हुए इसके लिए सरकार को ही जिम्मेदार ठहराया.

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अलीपुरद्वार में पीएम मोदी का ममता सरकार पर हमला.
अलीपुरद्वार:

पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार में पीएम नरेंद्र मोदी ने बिना नाम लिए ममता बनर्जी (PM Modi West Bengal) को जमकर सुनाया. पीएम मोदी ने कहा कि ये समय पश्चिम बंगाल के लिए बहुत ही अहम है. ऐसे में यहां के नौजवान पर बहुत बड़ा दायित्व है. सभी को मिलकर बंगाल का भविष्य तय करना है. पीएम मोदी ने और क्या कहा, डिटेल में जानें. 

बंगाल आज कई संकटों से घिरा

पश्चिम बंगाल आज एक साथ कई संकटों से घुरा हुआ है. एक संकट समाज में फैली हिंसा और अराजकता का है. दूसरा संकट माताओं, बहनों की असुरक्षा और उन पर हो रहे जघन्य अपराधों का है. तीसरा संकट नौजवानों में फैल रही घोर निराशा और बेतहाशा बेरोजगारी का है.  चौथा संकट घनघोर करप्शन का है. यहां के सिस्टम पर लगातार कम होते जनविश्वास का है. पांचवां संकट गरीबों का हक छीनने वाली सत्ताधारी सत्ताधारी पार्टी की स्वार्थी राजनीति का है.

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तुष्टिकरण के नाम पर गुंडागर्दी को खुली छूट

मुर्शिदाबाद और मालदा में जो कुछ हुआ, वह यहां की सरकार की निर्ममता का उदाहरण है. दंगों में गरीब माताओं-बहनों की जीवन भर की पूंजी राख कर दी गई. तुष्टिकरण के नाम पर गुंडागर्दी को खुली छूट दे दी गई. जब सरकार चलाने वाले एक पार्टी के लोग विधायक, कॉर्पोरेटरों ने ही लोगों के घरों को चिन्हित करके जलाते हैं और पुलिस तमाशा देखती है तो भयावह स्थिति की कल्पना की जा सकती है.

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बंगाल में कोर्ट के दखल के बिना कुछ नहीं सुलझता

पीएम मोदी ने कहा कि क्या सरकारें ऐसे चलती हैं. क्या ऐसे सरकार चलेगी. बंगाल की जनता पर हो रहे इन अत्याचारों से यहां की निर्मम सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ता. बात-बात पर कोर्ट को दखल देना पड़ता है. बिना कोर्ट के बीच में आए कोई भी मामला सुलझता ही नहीं है. बंगाल की जनता को अब टीएमसी सरकार के सिस्टम पर भरोसा नहीं है.

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भ्रष्टाचार से बंगाल में मची चीख पुकार

बंगाल की जनता के पास अब सिर्फ कोर्ट का ही आसरा है. इसीलिए पूरा बंगाल कह रहा है 'बंगाल में मची चीख पुकार नहीं चाहिए निर्मम सरकार'. भ्रष्टाचार का सबसे बुरा असर नौजवानों पर पड़ता है. गरीब और मिडिल क्लास परिवारों पर होता है. यह केस चारों तरफ बर्बादी लाता है, ये टीचर भर्ती घोटाले में देखा है. 

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TMC ने हजारों टीचर्स का भविष्य बर्बाद किया 

टीएमसी सरकार ने अपने शासनकाल में हजारों टीचर्स का फ्यूचर बर्बाद कर दिया और उनके परिवारों को तबाह कर दिया.उनके बच्चों को असहाय छोड़ दिया. टीएमसी के घोटालेबाजों ने सैकड़ों गरीब परिवार के बेटे-बेटियों को अंधकार में धकेल दिया है. ये सिर्फ कुछ हजार टीचर्स के भविष्य से खिलवाड़ नहीं बल्कि बंगाल के पूरे एजुकेशन सिस्टम को बर्बाद किया जा रहा है.

चाय बागान बंद हो रहे, मजदूर के पास काम नहीं

टीचर्स के अभाव में लाखों बच्चों का भविष्य दांव पर है. इतना बड़ा पाप टीएमसी के नेताओं ने किया है. हद तो ये है कि ये लोग आज भी अपनी गलती मामने को तैयार नहीं है. उल्टा देश की अदालत को दोषी ठहराते हैं. टीएमसी ने चाय बागान में काम करने वालों को भी नहीं छोड़ा. सरकार की उन नीतियों की वजह से चाय बागान लगातार बंद हो रहे हैं. मजदूरों के हाथ से काम निकलता जा रहा है.

मेहनतकशों की कमाई पर डाका डाला जा रहा

बंगाल में पीएफ को लेकर जो कुछ भी हुआ वह बहुत ही शर्मनाक है. गरीब मेहनतकश लोगों की कमाई पर डाका डाला जा रहा है. टीएमसी सरकार इसके दोषियों को बचाने की कोशिश कर रही है. मैं आपको विश्वास दिलाने आया हूं कि बीजेपी ये नहीं होने देगी.

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