पीएम मोदी ने BRICS में पुतिन को दी झारखंड की ये सौगात, आप भी जानें

अधिकारियों ने बताया कि महाराष्ट्र के तटीय कारीगरों से प्राप्त यह फूलदान राज्य की कुशल शिल्पकला और प्राकृतिक सौंदर्य को दर्शाता है. उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शावकत मिर्जियोयेव को प्रधानमंत्री मोदी ने पारंपरिक वारली पेंटिंग भेंट की, जो महाराष्ट्र की वारली जनजाति की एक प्रतिष्ठित कला है.

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नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स सम्मेलन में महाराष्ट्र का हैंडीक्राफ्ट ईरान और उज्बेकिस्तान के लीडर्स को उपहार में दिया और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को उन्होंने झारखंड की आर्ट भेंट की. अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी. पीएम मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन को मदर ऑफ पर्ल (एमओपी) समुद्री शंख से बना फूलदान भेंट किया.

अधिकारियों ने बताया कि महाराष्ट्र के तटीय कारीगरों से प्राप्त यह फूलदान राज्य की कुशल शिल्पकला और प्राकृतिक सौंदर्य को दर्शाता है. उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शावकत मिर्जियोयेव को प्रधानमंत्री मोदी ने पारंपरिक वारली पेंटिंग भेंट की, जो महाराष्ट्र की वारली जनजाति की एक प्रतिष्ठित कला है.

अधिकारियों ने पेंटिंग के सांस्कृतिक महत्व पर प्रकाश डाला, जो लगभग 5,000 वर्ष पुरानी है और अब अपनी विशिष्ट शैली और सुंदरता के लिए दुनिया भर में मशहूर है. बुनियादी जियोमेट्रिक शेप से बनी वारली चित्रकला प्रकृति, त्यौहारों और सामुदायिक गतिविधियों के माध्यम से आदिवासी जीवन को दर्शाती है.

वर्ष 2014 में भौगोलिक संकेत (जीआई) टैग प्राप्त वारली कला समकालीन माध्यमों में विकसित हो चुकी है, जो एक स्थायी तथा अनुकूलनीय विरासत का प्रतीक है. पुतिन को झारखंड के हजारीबाग जिले की एक सोहराई पेंटिंग भेंट की गई. सोहराई पेंटिंग को ओडीओपी (एक जिला एक उत्पाद) आइटम के रूप में मान्यता प्राप्त है. वे प्राकृतिक रंगों और सरल औजारों के उपयोग के लिए जाने जाते हैं.

कलाकार अक्सर मुश्किल डिजाइन बनाने के लिए टहनियों, चावल के भूसे या उंगलियों से बने ब्रश का इस्तेमाल करते हैं. वे अपनी सरल लेकिन अभिव्यंजक कहानी कहने के लिए जाने जाते हैं. अधिकारियों ने कहा कि जानवरों, पक्षियों और प्रकृति का चित्रण कृषि जीवन शैली और आदिवासी संस्कृति में वन्यजीवों के प्रति श्रद्धा का प्रतिबिंब है. 

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