प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी दो साल पुरानी सरकार का बुधवार को कायापलट कर दिया.
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी दो साल पुरानी सरकार का बुधवार को कायापलट कर दिया. इस प्रक्रिया में कई हाई प्रोफाइल मंत्रियों की अप्रत्याशित तौर पर मंत्रिपरिषद से छुट्टी कर दी गई, जबकि कई नए चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह दी गई है. ऐसा कर प्रधानमंत्री ने सामाजिक और क्षेत्रीय संतुलन को पाटने की भरपूर कोशिश की है. लगे हाथ उन्होंने आगामी विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी की जीत की पृष्ठभूमि भी बनाने की कोशिश की है.
- अपनी प्रसिद्ध घोषणा "न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन" को किनारे रखते हुए पीएम मोदी ने अपने मंत्रिपरिषद का आकार बहुत बड़ा कर दिया. इसमें 36 नए चेहरों को जगह दी गई है. एक दर्जन मंत्रियों को गुलाबी पर्ची थमाया, जबकि सात को पदोन्नति देकर कैबिनेट मंत्री बनाया है.
- मोदी मंत्रिपरिषद में अब 30 कैबिनेट मंत्री, दो स्वतंत्र प्रभार के राज्य मंत्री और कुल 45 राज्यमंत्री बनाए गए हैं. इस तरह कुल मंत्रियों की संख्या प्रधानमंत्री समेत 78 हो गई है. 2019 में गठित कैबिनेट में कुल 21 कैबिनेट मंत्री थे जो अब 30 हो गए हैं. 23 राज्यमंत्रियों की संख्या बढ़कर 45 हो गई है लेकिन स्वतंत्र प्रभार वाले राज्यमंत्रियों की संख्या 9 से घटकर 2 हो गई है.
- अब मनसुख मंडाविया देश के नए स्वास्थ्य मंत्री होंगे, जबकि ज्योतिरादित्य सिंधिया को नागरिक उड्डयन, अश्विनी वैष्णव को रेल मंत्री, किरेन रिजिजू को नया कानून मंत्री और अनुराग ठाकुर को सूचना और प्रसारण के साथ-साथ खेल मंत्रालय भी मिला है.
- गृह मंत्री अमित शाह नवगठित सहकारिता मंत्रालय का भी नेतृत्व करेंगे, जबकि पीयूष गोयल और स्मृति ईरानी क्रमशः वाणिज्य और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय का जिम्मा संभालते रहेंगे. टीवी-डिबेट पर अक्सर बहस करने वालीं मीनाक्षी लेखी को विदेश और संस्कृति राज्य मंत्री बनाया गया है.
- मध्यम और लघु उद्यम मंत्रालय को नितिन गडकरी से नारायण राणे को स्थानांतरित किया गया है, जबकि पहली बार मंत्री बने भूपेंद्र यादव को पर्यावरण और श्रम मंत्री बनाया गया है.
- इस फेरबदल में कनिष्ठ मंत्रियों अनुराग ठाकुर और किरेन रिजिजू को कैबिनेट रैंक में पदोन्नति दी गई है. असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल की भी कैबिनेट में वापसी हुई है, जिन्हें राज्य चुनावों के बाद पद छोड़ने के लिए कहा गया था. दिवंगत दलित नेता रामविलास पासवान के भाई पशुपति कुमार पारस को भी मंत्रिपरिषद में समायोजित किया गया है.
- उत्तर प्रदेश में आगामी चुनावों को देखते हुए वहां से सात नए मंत्री बनाए गए हैं. इनमें तीन दलित, तीन पिछड़ा और एक ब्राह्मण चेहरा है. पीएम मोदी ने सहयोगी दल अपना दल को फिर से मंत्रिपरिषद में जगह दी है ताकि यूपी में जातीय और सामाजिक समीकरण बरकरार रह सके.
- मोदी मंत्रिमंडल से बाहर होने वाले हाई प्रोफाइल चेहरों में कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन, शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी शामिल हैं. कुल 12 मंत्रियों के इस्तीफे हुए हैं.
- डॉ. हर्षवर्धन की मंत्रिमंडल से विदाई चौकाने वाली है. माना जा रहा है कि कोरोनावायरस महामारी से निपटने में सरकार के प्रयासों की घोर आलोचना की वजह से उन्हें इस्तीफा देना पड़ा है.
- पीएम मोदी ऐसा कर अपनी सरकार की लोकप्रियता को पुनर्जीवित करने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि, सरकार की लोकप्रियता में आई कमी की वजह COVID-19 संकट के अलावा, महंगाई, रोज बढ़ती तेल की कीमतों, महीनों से किसानों के विरोध और कई वर्गों के बीच नाराजगी सहित कई कारक शामिल हैं.
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