लोकसभा में पीएम मोदी का भाषण : केजरीवाल पर 4, अखिलेश पर 1 और राहुल गांधी पर 10 अटैक

PM Modi Parliament Speech: पीएम मोदी ने आज बजट सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण का जवाब देते हुए विपक्ष को धाराशायी कर दिया. पढ़िए पीएम मोदी के विपक्षी नेताओं पर अटैक..

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PM Modi Loksabha Speech: राहुल गांधी ने कल तो अखिलेश यादव ने आज केंद्र सरकार पर जमकर हमला किया. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देने पीएम मोदी आए तो अपने अंदाज में सारे हिसाब बराबर किए . पीएम मोदी ने राहुल गांधी का नाम लिए बगैर उनपर 10 अटैक, अरविंद केजरीवाल पर 4 अटैक और अखिलेश यादव पर 1 अटैक किया. राहुल गांधी की ही तरह पीएम मोदी ने अखिलेश और केजरीवाल का भी नाम नहीं लिया. पीएम मोदी ने राहुल गांधी का नाम लिए बिना कटाक्ष करते हुए कहा कि जो लोग अपने मनोरंजन के लिए गरीबों की झोपड़ियों में फोटो सेशन कराते हैं, उन्हें संसद में गरीबों की बात बोरिंग ही लगेगी. 

पीएम मोदी के राहुल गांधी पर करारे अटैक...

राहुल पर अटैक 1

पांच-पांच दशक तक गरीबी हटाओ के नारे सुने, लेकिन अब जाकर गरीबी को हराकर बाहर निकले. यह ऐसे ही नहीं होता है.  जब गरीबों के लिए जीवन खपाते हैं, तब यह होता है. जब जमीन से जुड़े लोग, जमीन की सच्चाई को जानते हुए, जमीन पर जीवन खपाते हैं, तब जमीन पर बदलाव निश्चित होकर रहता है.

राहुल पर अटैक 2

जो लोग गरीबों की झोपड़ियों में फोटो सेशन करवाकर अपना मनोरंजन करते रहते हैं, उन्हें संसद में गरीबों की बात बोरिंग ही लगेगी.  

राहुल पर अटैक 3

जिनका जन्म नहीं हुआ था, जो भारत की धरती पर अवतरित नहीं हुए थे, ऐसे 10 करोड़ फर्जी लोग सरकारी खजाने से अलग -अलग योजनाओं का फायदा ले रहे थे. हमने इन 10 करोड़ फर्जी नामों को हटाया. ये 10 करोड़ फर्जी लोग जब हटे तो करीब 3 लाख करोड़ रुपया गलत हाथों में जाने से बच गया. मैं हाथ किसका था, यह नहीं कह रहा हूं, गलत हाथों से.  

राहुल पर अटैक 4

हमारे स्वच्छता अभियान का बहुत मजाक उड़ाया गया. न जाने क्या क्या कहा जाता था. आज मुझे संतोष से कहना है कि इस सफाई के कारण हाल के सालों में सिर्फ सरकारी दफ्तरों से जो कबाड़ बेचा गया है, उसमें 2300 करोड़ रुपये सरकार को मिला है.

राहुल पर अटैक 5

पहले अखबारों की हेडलाइन होती थी, इतने लाख के घोटाले, इतने लाख के घोटाले.. 10 साल हो गए. ये घोटाले न होने से लाखों करोड़ रुपये बचे हैं. जो जनता की सेवा में लगे हैं. 

राहुल पर अटैक 6

2014 के पहले ऐसे बम गोले फेंके गए, बंदूक की ऐसी गोलियां चलाईं गईं कि देशवासियों का जीवन छलनी कर दिया गया था. हम उन घावों को भरते हुए आगे बढ़े हैं. 2013-14 में 2 लाख रुपये पर टैक्स माफी थी, आज 12 लाख इनकम पर टैक्स से मुक्ति. हम घाव भरते गए, आज बैंडेज बाकी था, वह भी कर दिया. 

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राहुल पर अटैक 7

हम संविधान को जीते हैं. दिल्ली में आपको कई स्थान ऐसे मिलेंगे, जहां कुछ परिवारों ने अपने म्यूजिम बनाकर रखे हुए हैं. जनता जनार्दन के पैसों से काम हो रहा है. लोकतंत्र की भावना क्या होती है, संविधान को जीना किसे कहते हैं, हमने पीएम म्यूजियम बनाया और देश के पहले से लेकर मेरे पूर्व तक के सभी पीएम के कार्यों को बताया. मैं तो चाहूंगा कि पीएम म्यूजियम में जो-जो महापुरुष हैं, उनके परिजनों को वहां जाना चाहिए और उनको अगर उसमें कुछ जोड़ने के लिए कुछ लगता है, तो सरकार का ध्यान आकर्षित करें. यह होती है संविधान की भावना. अपने लिए तो सब करते हैं, अपने लिए जीनों वालों की जमात बहुत छोटी है. संविधान के लिए जीने वाले यहां बैठे हैं.

राहुल पर अटैक 8

सात दशक तक जम्मू कश्मीर और लद्दाख को संविधान के अधिकारों से वंचित रखा गया. यह संविधान के साथ भी अन्याय था और जम्मू कश्मीर और लद्दाख के लोगों के साथ भी अन्याय था. हमने 370 की दीवार गिरा दी. अब जम्मू कश्मीर और लद्दाख के लोगों को बाकी देश के जैसे अधिकार मिल रहा है. जो लोग संविधान को जेब में लेकर जीते हैं, उनको पता नहीं है. आपने मुस्लिम महिलाओं को कैसे मुश्किलों में जीने के लिए मजूबर कर दिया था. हमने तीन तलाक का खात्मा करके संविधान की भावना के मुताबिक मुस्लिम बेटियों को समानता का अधिकार दिया है.

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राजीव गांधी के जरिए राहुल पर अटैक 9

पीएम मोदी ने कहा कि एक प्रधानमंत्री थे, जिन्हें मिस्टर क्लीन के नाम से जाना जाता था, जिन्होंने इस मुद्दे को उठाया था कि जब दिल्ली से एक रुपया चलता है तो गांवों तक केवल 15 पैसे ही पहुंचते हैं. उस समय पंचायत से लेकर संसद तक एक ही पार्टी का शासन था और आम आदमी आसानी से समझ जाता था कि 85 पैसे कहां गए. देश ने हमें अवसर दिया, हमने समाधान खोजने का प्रयास किया.

सोनिया गांधी के जरिए राहुल पर अटैक 10

एक गरीब परिवार की बेटी, उनका सम्मान न कर सकें, यह आपकी मर्जी. लेकिन क्या क्या कहकर उनको अपमानित नहीं किया जा रहा है. मैं उनकी हताशा और निराशा समझ सकता हूं, लेकिन एक राष्ट्रपति के खिलाफ... आज भारत इस विकृत मानसिकता को छोड़कर महिलाओं के नेतृत्व में आगे बढ़ रहा है. अगर उनको पूरा अवसर मिले, तो भारत दोगुनी रफ्तार से आगे बढ़ सकता है. यह मेरा विश्वास है.

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इसके बाद पीएम मोदी ने शीशमहल का जिक्र करते हुए आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल को भी निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि कुछ लोगों का फोकस आलीशान घरों में जकूजी और शॉवर पर है. कुछ नेताओं का फोकस अपने घर के स्टाइलिश बाथरूम पर है. 
पीएम मोदी के केजरीवाल पर करारे अटैक...

केजरीवाल पर अटैक 1

कुछ दल हैं, जो युवाओं के साथ लगातार धोखा दे रहे हैं. ये दल चुनाव के दौरान भत्ता देने का वादा तो करते हैं, लेकिन पूरा नहीं करते हैं. ये दल युवाओं के भविष्य पर आपदा बनकर गिरे हुए हैं. हम कैसे काम करते हैं, यह हरियाणा में देख सकते हैं. बिना खर्ची बिना पर्ची के नौकरी देने का वादा किया था, सरकार बनते ही नौजवानों को नौकरी मिल गई.  इसी का परिणाम है कि हरियाणा में तीसरी बार भव्य विजय है. यह अपने आप में ऐतिहासिक घटना है. महाराष्ट्र में भी ऐतिहासिक परिणाम. जनता का आशीर्वाद. महाराष्ट्र में सत्ता पक्ष के पास पहली बार इतनी सीटें हैं.

केजरीवाल पर अटैक 2

अलग-अलग कदम उठाने से लाखों करोड़ रुपये की बचत हुई, लेकिन उन पैसों का इस्तेमाल हमने शीशमहल बनाने के लिए नहीं किया. इसका उपयोग हमने देश बनाने के लिए किया.

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केजरीवाल पर अटैक 3

हमने 12 करोड़ से ज्यादा शौचालय बनाकर बहनों और बेटियों की मुश्किलें दूर की हैं. आजकल मीडिया में ज्यादा ही चर्चा हो रही है, सोशल मीडिया में ज्यादा ही चर्चा हो रही है. कुछ नेताओं का फोकस घरों में जकूजी पर, स्टाइलिश शावर पर है, लेकिन हमारा फोकस हर घर जल पहुंचाने पर है.

केजरीवाल पर अटैक 4 

आजकल कुछ लोग अर्बन नक्सल की भाषा खुलेआम बोल रहे हैं. अर्बन नक्सल इंडियन स्टेट के सामने मोर्चा लेने की बात करते हैं. ये अर्बन नक्सल की भाषा बोलने वाले न संविधान और न देश की एकता को समझ सकते हैं.

पीएम मोदी के निशाने पर अखिलेश यादव भी आए. अखिलेश यादव के जाति जनगणना पर उठाए सवालों का जबर्दस्त जवाब दिया. पीएम मोदी ने ओबीसी कमिशन को याद दिलाते हुए अखिलेश यादव की राजनीति पर सवाल खड़े कर दिए.

अखिलेश पर अटैक

जाति की बातें कुछ लोगों के लिए फैशन बन गया है. पिछले 30 साल से सदन में आने वाले ओबीसी समाज के सांसद दलों के भेदभाव से ऊपर उठकर एक होकर 30-35 साल से मांग कर रहे थे कि ओबीसी कमिशन के संवैधानिक दर्जा दिया जाए, जिन लोगों को आज जातिवाद में मलाई दिखती है, उनको उस समय यह बात याद नहीं है. यह हम हैं, जिन्होंने पिछड़ा वर्ग आयोग को यह दर्जा दिया.

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