अरुणाचल बनेगा 'पावर हाउस', चीन बॉर्डर पर बड़े प्रोजेक्ट की बुनियाद रखेंगे पीएम, तातो से तवांग तक विकास की गूंज

पीएम मोदी अरुणाचल प्रदेश में 3,700 करोड़ रुपये की दो हाइड्रो प्रोजेक्ट्स की आधारशिला रखेंगे यह प्रोजेक्ट न सिर्फ 426 मेगावाट बिजली पैदा करेंगे, बल्कि चीन बॉर्डर से सटे क्षेत्रों में भारत की विकास और रणनीतिक ताकत को भी मजबूत करेंगे.

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  • PM मोदी 22 सितंबर को अरुणाचल प्रदेश में 5,100 करोड़ रुपये से अधिक की कई परियोजनाओं की शुरुआत करेंगे
  • हीओ और तातो-I जलविद्युत परियोजनाएं चीन से निकलने वाली सियो नदी पर बनेंगी
  • अरुणाचल प्रदेश में 58,000 मेगावाट की जलविद्युत क्षमता है
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गुवाहाटी:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 सितंबर को पूर्वोत्तर भारत की दो बड़ी परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे, जिनका असर न सिर्फ अरुणाचल प्रदेश बल्कि पूरे देश की ऊर्जा और रणनीतिक क्षमताओं पर पड़ेगा. ईटानगर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी 5,100 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली कई परियोजनाओं की शुरुआत करेंगे. इनमें प्रमुख हैं हीओ जलविद्युत परियोजना (240 मेगावाट) और तातो-I जलविद्युत परियोजना (186 मेगावाट), जो अरुणाचल प्रदेश के शियोम सियो नदी पर बनाई जाएंगी. इन दोनों परियोजनाओं की कुल लागत लगभग 3,700 करोड़ रुपये है.

ऊर्जा और सामरिक दृष्टिकोण से है बेहद अहम

अरुणाचल प्रदेश में करीब 58,000 मेगावाट की जलविद्युत क्षमता है. लंबे समय से यह संभावना अधर में पड़ी थी, क्योंकि राज्य में कई परियोजनाएं अटकी हुई थीं. केंद्र सरकार ने 2023 में राज्य सरकार और एनएचपीसी, एनईईपीसीओ, टीएचडीसीआईएल, एसजेवीएनएल जैसी केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों (CPSUs) के बीच समझौता कर 29 में से 13 परियोजनाओं को पुनर्जीवित करने का फैसला लिया. इनकी कुल क्षमता 12.2 गीगावाट है.

तातो और हीओ, दोनों प्रोजेक्ट चीन से निकलने वाली सियो नदी पर बनेंगे. यह केवल बिजली उत्पादन ही नहीं, बल्कि रणनीतिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि चीन सीमा से लगे इलाके में भारत अपनी उपस्थिति और आत्मनिर्भरता को मजबूत करेगा.

लोगों में भारी उत्साह

तातो जो शियोमी जिले का मुख्यालय है वहां के लोग पीएम मोदी के इस कदम से उत्साहित हैं. स्थानीय लोग मानते हैं कि ये परियोजनाएं न केवल राज्य और देश को बिजली देंगी, बल्कि पूरे ज़िले में विकास और समृद्धि का नया युग लेकर आएंगी. बेहतर कनेक्टिविटी, रोजगार और स्थानीय व्यापार को गति मिलने की उम्मीद है.

ऊर्जा क्षेत्र के अलावा पीएम मोदी तवांग में एक अत्याधुनिक कन्वेंशन सेंटर की आधारशिला भी रखेंगे. यह केंद्र समुद्र तल से 9,820 फीट की ऊंचाई पर बनाया जाएगा और इसमें 1,500 प्रतिनिधियों के बैठने की क्षमता होगी. इसका उपयोग राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन, सांस्कृतिक उत्सव और प्रदर्शनियों के लिए किया जाएगा, जिससे तवांग के पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा. इसके साथ ही पीएम मोदी 1,290 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली अन्य विकास परियोजनाओं का शुभारंभ भी करेंगे. इनमें स्वास्थ्य सेवा, अग्नि सुरक्षा, कनेक्टिविटी और कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास जैसी सुविधाएँ शामिल हैं.

"22 सितंबर, पूर्वोत्तर के विकास के लिए एक बेहद महत्वपूर्ण दिन"

प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स' पर लिखा, “22 सितंबर, पूर्वोत्तर के विकास के लिए एक बेहद महत्वपूर्ण दिन है. अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर में ऊर्जा, कनेक्टिविटी, स्वास्थ्य सेवा और अन्य क्षेत्रों से जुड़ी प्रमुख परियोजनाओं का शुभारंभ करेंगे. दो विशाल जलविद्युत परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे. इसके बाद त्रिपुरा के उदयपुर में माता त्रिपुरा सुंदरी मंदिर परिसर में विकास कार्यों का उद्घाटन करेंगे.

त्रिपुरा को भी पीएम मोदी देंगे सौगात

अरुणाचल के कार्यक्रम के बाद पीएम मोदी त्रिपुरा के गोमती जिले के उदयपुर जाएंगे, जहां वे माता त्रिपुर सुंदरी मंदिर के पुनर्विकसित स्वरूप का उद्घाटन करेंगे. PRASAD योजना के तहत 52 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से इस शक्तिपीठ को नया रूप दिया गया है.

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