नए पम्बन ब्रिज का PM मोदी रामनवमी के दिन करेंगे उद्धाटन

पीएम नरेंद्र मोदी ने नवंबर 2019 में पुल की आधारशिला रखी थी.  ये देश में अपनी तरह का पहला और दुनिया में दूसरा वर्टिकल लिफ्ट सी ब्रिज है.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6 अप्रैल को रामनवमी के दिन पम्बन ब्रिज का उद्धाटन करेंगे. 2.8 किमी लंबा वर्टिकल लिफ्ट सी ब्रिज 535 करोड़ रूपए की लागत से बनकर तैयार हुआ है. पीएम नरेंद्र मोदी ने नवंबर 2019 में पुल की आधारशिला रखी थी. ये देश में अपनी तरह का पहला और दुनिया में दूसरा वर्टिकल लिफ्ट सी ब्रिज है. नया पंबन ब्रिज मौजूदा पुल से 3 मीटर ऊंचा है.पुल की ऊंचाई समुद्र तल से 22 मीटर है. ये ब्रिज रामेश्वरम को तमिलनाडु की मुख्य भूमि से जोड़ता है.

पम्बन ब्रिज मंडपम् से समुद्र के बीच मौजूद रामेश्वरम के बीच बनाया जा रहा है. मंडपम् भारतीय प्रायद्वीप में ज़मीनी सीमा में रेलवे का अंतिम स्टेशन है, जबकि रामेश्वरम मन्नार की खाड़ी में मौजूद है. इस पुल के बन जाने से यहां ट्रेनों को ज़्यादा स्पीड से चलाया जा सकेगा. साथ ही इससे मालगाड़ियों की भी क्षमता बढ़ जाएगी. सबसे खास बात यह है कि नए पुल से एक बार में बड़ी संख्या में श्रद्धालु रामेश्वरम् तक जा सकेंगे. बता दें कि पम्बन ब्रिज का निर्माण करीब 250 करोड़ रुपये की लागत से हुआ है. 

कोरोना के कारण प्रभावित हुआ था काम
कोरोना और लॉकडाउन की वजह से ब्रिज बनाने का काम भी प्रभावित हुआ था. पम्बन ब्रिज बनाने की ज़िम्मेदारी रेल विकास निगम लिमिटेड को दी गई थी. पम्बन में नए पुल के अलावा रेलवे की योजना रामेश्वरम् से धनुषकोडी तक एक बार फिर से रेल लाइन बनाने की है. यह रेल लाइन 18 किलोमीटर लंबी होगी. धनुषकोडी में ही रामसेतु ( एडम्स ब्रिज) का एक छोर मौजूद है. 1964 में आए साइक्लोन में यह रेल लाइन पूरी तरह तबाह हो गई थी. उस वक्त एक ट्रेन इसकी चपेट में भी आ गई थी जिसमें सवार सभी लोग मारे गए थे.

Advertisement

धनुषकोडी का अपना धार्मिक महत्व है. माना जाता है कि भगवान राम ने विभीषण को इसी जगह पर शरण दी थी. लंका विजय के बाद राम ने यहीं पर धनुष का एक शिरा तोड़ दिया था, जिससे इसका नाम धनुषकोडी पड़ा. श्रीलंका की सीमा से महज 20 किलोमीटर दूर बने इस पुल के निर्माण से यहां धार्मिक पर्यटन को खासा बढ़ावा मिलेगा.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Trump Tariff War: अमेरिकी टैरिफ से भारत को मिलेगी राहत! क्या-क्या डर पैदा हो रहे? | America
Topics mentioned in this article